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लापरवाही की हद! 2 माह की गर्भवती महिला की डॉक्टरों ने कर दी नसबंदी

कैमूर जिले में डॉक्टरों की जानलेवा लापरवाही से इस महिला की जान पर बन आई. इस महिला का नाम शहजादी है. पीएचसी नुआंव के डॉक्टरों ने बिना जांच किए ही इस महिला की नसबंदी कर दी.

लापरवाही की हद
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Published : Dec 28, 2020, 9:21 PM IST

Updated : Dec 29, 2020, 10:45 AM IST

कैमूर: जिले के नुआंव थाना क्षेत्र में एक गर्भवती महिला का पीएचसी नुआंव के चिकित्सकों ने 5 दिसंबर को नसबंदी का ऑपरेशन कर दिया. महिला ऑपरेशन के बाद जब अपने घर पहुंची और उनके डॉक्टरों की दी गई दवाई खाने लगी तो उसे पेट में दर्द और उल्टी होना शुरू हो गया. महिला निजी क्लीनिक में जब जाकर अपनी समस्या बताई तो चिकित्सक ने उसे गर्भवती होने की बात कही और फिर निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड में महिला दो माह की प्रेग्नेंट बताया.

लापरवाही की हद

जानलेवा लापरवाही का दोषी कौन ?
बता दें कि किसी भी महिला की नसबंदी कराने से पहले उसका प्रेगनेंसी टेस्ट से लेकर कई प्रकार के जांच सरकारी अस्पताल में ही कराई जाती है. जांच रिपोर्ट नॉर्मल होने के बाद ही चिकित्सक उस महिला का ऑपरेशन करते हैं. आखिर इतनी बड़ी लापरवाही हुई तो इसका दोषी कौन है. पीड़िता कार्रवाई की मांग कर रही है. पीड़िता का पहले से दो लड़के और दो लड़कियां हैं.

जच्चा और बच्चे पर जान के खतरे का डर
महिला के पति नुआंव बाजार में सब्जी की दुकान चलाकर पूरे परिवार का भरण-पोषण करते हैं. अब इन लोगों को डर है कि कहीं ऑपरेशन कराने के बाद जच्चा और बच्चा पर जान का खतरा ना बन जाए. वहीं, स्वास्थ्य केंद्र नुआंव के हेल्थ मैनेजर ने बताया कि 5 दिसंबर को कैंप लगाकर कुल 12 महिलाओं का नसबंदी का ऑपरेशन किया गया था. पूरे मामले पर जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.

कैमूर: जिले के नुआंव थाना क्षेत्र में एक गर्भवती महिला का पीएचसी नुआंव के चिकित्सकों ने 5 दिसंबर को नसबंदी का ऑपरेशन कर दिया. महिला ऑपरेशन के बाद जब अपने घर पहुंची और उनके डॉक्टरों की दी गई दवाई खाने लगी तो उसे पेट में दर्द और उल्टी होना शुरू हो गया. महिला निजी क्लीनिक में जब जाकर अपनी समस्या बताई तो चिकित्सक ने उसे गर्भवती होने की बात कही और फिर निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड में महिला दो माह की प्रेग्नेंट बताया.

लापरवाही की हद

जानलेवा लापरवाही का दोषी कौन ?
बता दें कि किसी भी महिला की नसबंदी कराने से पहले उसका प्रेगनेंसी टेस्ट से लेकर कई प्रकार के जांच सरकारी अस्पताल में ही कराई जाती है. जांच रिपोर्ट नॉर्मल होने के बाद ही चिकित्सक उस महिला का ऑपरेशन करते हैं. आखिर इतनी बड़ी लापरवाही हुई तो इसका दोषी कौन है. पीड़िता कार्रवाई की मांग कर रही है. पीड़िता का पहले से दो लड़के और दो लड़कियां हैं.

जच्चा और बच्चे पर जान के खतरे का डर
महिला के पति नुआंव बाजार में सब्जी की दुकान चलाकर पूरे परिवार का भरण-पोषण करते हैं. अब इन लोगों को डर है कि कहीं ऑपरेशन कराने के बाद जच्चा और बच्चा पर जान का खतरा ना बन जाए. वहीं, स्वास्थ्य केंद्र नुआंव के हेल्थ मैनेजर ने बताया कि 5 दिसंबर को कैंप लगाकर कुल 12 महिलाओं का नसबंदी का ऑपरेशन किया गया था. पूरे मामले पर जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Dec 29, 2020, 10:45 AM IST
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