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कैमूर: सरकारी नौकरी के नाम पर 22 लाख की ठगी करने वाला शख्स गिरफ्तार

एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि दुर्गावति थाने में फर्जीवाड़े का एक मामला दर्ज किया गया था. अभियुक्त 4 सालों से फरार था. गुप्ता सूचना पर इसे गिरफ्तार किया गया है.

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Published : Nov 18, 2019, 10:20 PM IST

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कैमूर: सरकारी नौकरी देने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी ने झांसा देकर लोगों को करीब 22 लाख का चूना लगाया है. आरोपी शिवेन्द्र ने सभी को पोस्ट के जरिए फर्जी नियुक्ति पत्र भी भेजा था.

अब तक करीब 22 लाख की ठगी
बताया जा रहा है कि सरकारी नौकरी का लालच देकर शिवेन्द्र सभी को अपना शिकार बनाता था. किसी को शक न हो उसके लिए वह सब को ब्लैंक चेक भी देता था और उसी के सहारे नौकरी की गारंटी लेता था. जिले के दुर्गावति थाना में शिवेन्द्र के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था. एफआईआर में नौकरी के नाम पर विभिन्न लोगों से करीब 18 लाख रुपये के ठगी की बात की गई.

forgery in the name of giving govt job
2016 में आरोपी ने भेजा था फर्जी नियुक्ति पत्र

2016 में भेजा था फर्जी नियुक्ति पत्र
गिरफ्तार आरोपी शिवेन्द्र ने 2016 में विकास कुमार यादव नाम के एक युवक को बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना में क्लर्क के पद पर नियुक्ति पत्र भेजा जो कि फर्जी निकला. इसके बाद लोगों ने उससे पैसा वापस करने की मांग शुरू कर दी. सभी को विश्वास में लेने के लिए शिवेंद्र ने पंजाब नेशनल बैंक का ब्लैंक चेक दिया लेकिन चेक भी फर्जी निकला.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

एफआईआर के बाद जांच में जुटी पुलिस
एफआईआर के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को दुर्गावति से गिरफ्तार कर लिया. छापेमारी में फर्जी नियुक्ति पत्र, पंजाब नेशनल बैंक का चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किए गए.

एसपी दिलनवाज अहमद ने दी जानकारी
एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि दुर्गावति थाने में फर्जीवाड़े का एक मामला दर्ज किया गया था. अभियुक्त 4 सालों से फरार था. गुप्ता सूचना पर इसे गिरफ्तार किया गया है. पुलिस इस फर्जीवाड़े में शामिल दूसरे लोगों की तलाश कर रही है.

कैमूर: सरकारी नौकरी देने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी ने झांसा देकर लोगों को करीब 22 लाख का चूना लगाया है. आरोपी शिवेन्द्र ने सभी को पोस्ट के जरिए फर्जी नियुक्ति पत्र भी भेजा था.

अब तक करीब 22 लाख की ठगी
बताया जा रहा है कि सरकारी नौकरी का लालच देकर शिवेन्द्र सभी को अपना शिकार बनाता था. किसी को शक न हो उसके लिए वह सब को ब्लैंक चेक भी देता था और उसी के सहारे नौकरी की गारंटी लेता था. जिले के दुर्गावति थाना में शिवेन्द्र के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था. एफआईआर में नौकरी के नाम पर विभिन्न लोगों से करीब 18 लाख रुपये के ठगी की बात की गई.

forgery in the name of giving govt job
2016 में आरोपी ने भेजा था फर्जी नियुक्ति पत्र

2016 में भेजा था फर्जी नियुक्ति पत्र
गिरफ्तार आरोपी शिवेन्द्र ने 2016 में विकास कुमार यादव नाम के एक युवक को बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना में क्लर्क के पद पर नियुक्ति पत्र भेजा जो कि फर्जी निकला. इसके बाद लोगों ने उससे पैसा वापस करने की मांग शुरू कर दी. सभी को विश्वास में लेने के लिए शिवेंद्र ने पंजाब नेशनल बैंक का ब्लैंक चेक दिया लेकिन चेक भी फर्जी निकला.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

एफआईआर के बाद जांच में जुटी पुलिस
एफआईआर के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को दुर्गावति से गिरफ्तार कर लिया. छापेमारी में फर्जी नियुक्ति पत्र, पंजाब नेशनल बैंक का चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किए गए.

एसपी दिलनवाज अहमद ने दी जानकारी
एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि दुर्गावति थाने में फर्जीवाड़े का एक मामला दर्ज किया गया था. अभियुक्त 4 सालों से फरार था. गुप्ता सूचना पर इसे गिरफ्तार किया गया है. पुलिस इस फर्जीवाड़े में शामिल दूसरे लोगों की तलाश कर रही है.

Intro:कैमूर।

सरकारी नौकरी लगवानें के नाम पर युवाओं को झांसा देकर करीब 22 लाख का चूना लगाने वाले भभुआ वार्ड 6 के शिवेन्द्र कुमार सिंह को पुलिस से दुर्गावति से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी में यह खुलासा हुआ कि शिवेन्द्र ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी पोस्ट के माध्यम सभी को भेजा था।






Body:आपकों बतादें कि सरकारी नौकरी का लालच देकर शिवेन्द्र सभी को अपना शिकार बनाता था। यहीं नही किसी को शक न हो उसके लिए ब्लेंक चेक भी सब को देता था और नौकरी की गारंटी लेता था। जिले के दुर्गावति थाना में शिवेन्द्र के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया। एफआईआर में कहां गया कि नौकरी के नाम पर विभिन्न लोगों से करीब 18 लाख रुपये की ठग्गी की गई हैं।


2016 में भेजा था फर्जी नियुक्ति पत्र

शिवेन्द्र द्वारा 2016 में विकास कुमार यादव नाम के एक युवक को बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना में क्लर्क के पद पर नियुक्ति पत्र भेजा गया जो कि फर्जी निकला। जिसके बाद लोगों से शिवेन्द्र से पैसा वापस करने की मांग शुरू कर दी। जिसके बाद सभी को विश्वास में लेनें के लिए शिवेंद्र ने पंजाब नेशनल बैंक का ब्लेंक चेक दिया लेकिन चेक भी फर्जी निकला।


एफआईआर के बाद जांच में जुटी पुलिस

एफआईआर के बाद पूरे मामले की जांच में पुलिस लग गई। इसी क्रम में पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि अभियुक्त दुर्गावति में कही छुपा हुआ हैं। जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। छापेमारी में पुलिस ने अभियुक्त के पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, पंजाब नेशनल बैंक का चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड , मोबाइल और सिम बरामद किया।


एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि दुर्गावति थाने में फर्जीवाड़ा का एक मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद अनुसंधान में यह पता चला कि विभिन्न युवाओं से नौकरी के नाम पर 23 लाख की ठगी गिरफ्तार अभियुक्त के द्वारा की गई हैं। अभियुक्त 4 सालों से फरार थे गुप्ता सूचना पर इन्हें गिरफ्तार किया गया हैं। नौकरी के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे और नौकरी नहीं लगने पर ब्लेंक चेक देते थे जो फर्जी होता था। पुलिस मामले की अनुसंधान कर रहीं इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों की तलाश में लगी हुई हैं। आगे की कार्रवाई की जा रहीं हैं।



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