ETV Bharat / state

36 महीनों से खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश कर रहा है ये शख्स, नहीं मान रहे सरकारी बाबू

कैमूर के चैनपुर थाना क्षेत्र में एक जीवित व्यक्ति बीते 36 महीनों से ज्यादा खुद को जीवित प्रमाणित करने में बिता दिया. बावजूद सरकारी दस्तावेजों में अभी तक खुद को जीवित प्रमाणित करने में असफल रहा.

Alive
Alive
author img

By

Published : Sep 10, 2020, 1:34 PM IST

कैमूर: जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में एक अजीबो-गरीब वाकया सामने आया है. जहां एक जीवित व्यक्ति बीते 36 महीनों से ज्यादा खुद को जीवित प्रमाणित करने में बिता दिया. बावजूद सरकारी दस्तावेजों में अभी तक खुद को जीवित प्रमाणित करने में असफल रहा. खुद को जीवित प्रमाणित करने के लिए वृद्ध व्यक्ति सुखराम राम ने प्रखंड कार्यालय से लेकर जिलाधिकारी तक की गुहार लगा दी. बावजूद वह सरकारी दस्तावेजों में जिंदा ना हो पाया.

खुद को जीवित प्रमाणित करने में असफल
इस संबंध में जानकारी देते हुए सरकारी दस्तावेजों में मृत हो चुके सुखराम राम ने बताया कि वह नि:संतान है और इनके भरण पोषण का कोई साधन नहीं है. वृद्धा पेंशन के सहारे इनकी जीविका चलती थी, जो बीते 2016 के बाद नहीं मिली. प्रखंड कार्यालय के सरकारी कर्मियों की ओर से इन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया. जिसके बाद इन्हें वृद्धा पेंशन मिलना बंद हो गया.

देखें पूरी रिपोर्ट

जिला पदाधिकारी तक लगाई गुहार
वहीं सुखराम राम ने बताया कि खुद को जिंदा प्रमाणित करने के लिए गांव के सरपंच से प्रमाणित करवा कर जिला पदाधिकारी तक गुहार लगाते हुए कहा कि मैं जीवित हूं साहब, मेरी गुहार सुनकर मुझे वृद्धा पेंशन दिलवाने का कार्य करें. बावजूद यह आज तक सरकारी दस्तावेजों में जीवित नहीं हो पाए हैं.

इस संबंध में जानकारी लेने पर चैनपुर बीडीओ राजेश कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था. दिए गए आवेदन पर जांच करवा कर वृद्धा पेंशन दिलवाने का कार्य किया जाएगा.

कैमूर: जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में एक अजीबो-गरीब वाकया सामने आया है. जहां एक जीवित व्यक्ति बीते 36 महीनों से ज्यादा खुद को जीवित प्रमाणित करने में बिता दिया. बावजूद सरकारी दस्तावेजों में अभी तक खुद को जीवित प्रमाणित करने में असफल रहा. खुद को जीवित प्रमाणित करने के लिए वृद्ध व्यक्ति सुखराम राम ने प्रखंड कार्यालय से लेकर जिलाधिकारी तक की गुहार लगा दी. बावजूद वह सरकारी दस्तावेजों में जिंदा ना हो पाया.

खुद को जीवित प्रमाणित करने में असफल
इस संबंध में जानकारी देते हुए सरकारी दस्तावेजों में मृत हो चुके सुखराम राम ने बताया कि वह नि:संतान है और इनके भरण पोषण का कोई साधन नहीं है. वृद्धा पेंशन के सहारे इनकी जीविका चलती थी, जो बीते 2016 के बाद नहीं मिली. प्रखंड कार्यालय के सरकारी कर्मियों की ओर से इन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया. जिसके बाद इन्हें वृद्धा पेंशन मिलना बंद हो गया.

देखें पूरी रिपोर्ट

जिला पदाधिकारी तक लगाई गुहार
वहीं सुखराम राम ने बताया कि खुद को जिंदा प्रमाणित करने के लिए गांव के सरपंच से प्रमाणित करवा कर जिला पदाधिकारी तक गुहार लगाते हुए कहा कि मैं जीवित हूं साहब, मेरी गुहार सुनकर मुझे वृद्धा पेंशन दिलवाने का कार्य करें. बावजूद यह आज तक सरकारी दस्तावेजों में जीवित नहीं हो पाए हैं.

इस संबंध में जानकारी लेने पर चैनपुर बीडीओ राजेश कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था. दिए गए आवेदन पर जांच करवा कर वृद्धा पेंशन दिलवाने का कार्य किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.