कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर जिला के भभुआ में बुजुर्ग शिक्षक की महिला कांस्टेबल द्वारा पिटाई मामले में हुए वायरल वीडियो पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. जिसके बाद पीड़ित शिक्षक ने राष्ट्रीय मानवाधिकार को इस मामले में संज्ञान लेने पर धन्यवाद दिया है. गौरतलब हो कि कैमूर जिले के भभुआ में 20 जनवरी को एक बुजुर्ग शिक्षक की महिला कांस्टेबल द्वारा पिटाई करने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ था.
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NHRC ने बिहार सरकार को भेजा नोटिस : जिसके बाद आनन-फानन में कैमूर एसपी ललित मोहन शर्मा की अनुशंसा पर जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने दोनों महिला पुलिसकर्मियों को 3 महीने के लिए कार्यमुक्त कर दिया. इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद बुजुर्ग शिक्षक नवल किशोर पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी इस कार्रवाई से मैं खुश नहीं हूं. हालांकि इसके लिए बुजुर्ग शिक्षक ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को धन्यवाद दिया है.
'जिस प्रकार से मेरे मान-सम्मान की क्षति हुई है, दोनों महिला पुलिसकर्मियों को नौकरी से बर्खास्त करना चाहिए. मेरी प्रतिष्ठा वापस नहीं हो सकती है. ऐसे में मानवाधिकार आयोग को भी मेरे मामले पर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए.' - नवल किशोर पांडेय, पीड़ित शिक्षक
महिला कांस्टेबल ने बुजुर्ग शिक्षक को पीटा : गौरतलब है कि कैमूर जिले के भभुआ थाना की महिला सिपाहियों का वायरल वीडियो सामने आया था. जिसमें दो महिला सिपाही एक बुजुर्ग को बेरहमी से पिटती हुई नजर आ रही हैं. जिस बुजुर्ग व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई हो रही है, उसका नाम नवल किशोर पांडे है और वह एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं. बताया जा रहा था कि भभुआ शहर के जय प्रकाश चौक के पास भीषण जाम लगा हुआ था, जहां बुजुर्ग शिक्षक की साइकिल गिर गई और वो साइिकल हटाने लगे तभी दोनों महिला कांस्टेबल ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी.
दोनों महिला पुलिसकर्मी पर कार्रवाई : बता दें कि बुजुर्ग की उम्र लगभग 70 साल से अधिक बताई जा रही है और वो कैमूर जिले के ही सोनहन थाना क्षेत्र के बरौली गांव के निवासी हैं. कैमूर में बुजुर्ग शिक्षक को पीटने वाली दो महिला सिपाहियों का वीडियो का वायरल हुआ था. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने दोनों महिला पुलिसकर्मी पर कार्रवाई (Action On Female Constable In Kaimur) करते हुए, उन्हें तीन महीने के लिए कार्य मुक्त कर दिया था.