कैमूर: बिहार में सुशासन का दावा करने वाली सरकार के शासन काल में अपराध चरम पर है. अपराधी लूट, हत्या और दुष्कर्म जैसी घटना को आसानी से अंजाम देते हैं. वहीं, पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई भी नहीं की जाती है. पीड़ित को न्याय के लिए सड़क जामकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन करना पड़ता है.
बता दें कि पूरा मामला जिले के चांद थाना क्षेत्र की है. जहां बीते 22 जून को दिन दहाड़े एक शादीशुदा महिला से उसके घर में घुस कर 2 शख्स ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. बताया जाता है कि वो घर पर अकेली थी. उसके पति और परिजन मजदूरी करने बाहर गए हुए थे. इस घटना की जानकारी परिजनों को तब लगी जब महिला के पति और चचेरे ससूर उसी दिन दोपहर 1 बजे खाना खाने घर पहुंचे. महिला के पति ने जब दरवाजा खटखटाया तो वो दरवाजा नहीं खोल सकी. इसके बाद उसके पति ने छत से होते हुए नीचे जाकर दरवाजा खोला. वहीं, अपनी पत्नी को कमरे में बेहोश पाया. यही नहीं उसका हाथ और पैर भी बांधा हुआ था.
परिजनों ने किया आरोपी के घर का घेराव और हंगामा
पीड़िता जब होश में आई तो अपने पति की बताया कि पास के रहने वाले शख्स ने अपने ड्राइवर के साथ उसका हाथ और पैर बांधकर सामूहिक दुष्कर्म किया. जिसके बाद परिजनों ने तुरंत थाने में जाकर आरोपी के खिलाफ आवेदन दिया. लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई. इसके बाद उनलोगों ने महिला थाना में जाकर शिकायत की. फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस ने जब कोई कार्रवाई नहीं की तो ग्रामीणों ने अगले दिन यानी 23 जून को गांव में आरोपी के घर का घेराव किया और सड़क जाम कर हंगामा करने लगे. मामला बिगड़ते देख खुद डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी और एसपी दिलनवाज अहमद मौके पर पहुंचे. उन्होंने मामला शांत कराया और प्राथमिकी दर्ज कर दोनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई.
पुलिस मामले को रफा-दफा करने के चक्कर में
पीड़ित महिला के परिजनों का आरोप है कि आरोपी गांव का दबंग है और पशु तस्करी करता है. पुलिस को हर महिने पैसा देता है. जिसके कारण पुलिस भी कुछ नहीं कर रही है. दूसरी तरफ पुलिस मामले को रफा-दफा करने के चक्कर में कुछ भी बोलने से बच रहीं है. एसपी ने भी इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं.