कैमूर: एक तरफ जहां प्रमोशन कराने के लिए लोग अधिकारी की सिफारिश करते हैं, गुहार लगाते हैं. वहीं, भभुआ जिला के मत्स्य विभाग के चतुर्थवर्गीय कर्मी ददन प्रसाद लिपिक का प्रभार मिलने से नाराज हैं. एक साल पहले जिला मत्स्य पदाधिकारी ने लिपिक का प्रभार दिया था. प्रभार मिलने से वेतन में बढ़ोतरी भी नहीं हुई पर कार्य और बढ़ गया. कर्मचारी पर बैंक सहित कई कार्यों को बोझ चढ़ गया. इससे परेशान कर्मचारी ने आत्मदाह (employee self immolation application to CM Nitish) की धमकी दी है. उसने इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) समेत अन्य अधिकारियों को पत्र भेजा है.
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साथ ही उस कर्मी का स्वास्थ्य खराब रहता है. वह अपने गृह जिला बक्सर जाना चाहता है. कई बार अधिकारी से गुहार लगाई पर कोई सुनवाई नहीं हुई. नाराज कर्मी ने कैमूर जिलाधिकारी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगा रहा है कि मेरा लिपिक से प्रभार हटा कर चतुर्थवर्गीय कर्मचारी कर दिया जाये.
साथ ही मेरी तबियत खराब रहती है. इसके कारण गृह जिला बक्सर स्थानांतरण किया जाये. उस कर्मचारी ने धमकी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ वह तो 26 जनवरी को मुख्यमंत्री के पास जाकर आत्मदाह कर लेगा. वहीं, जिला मत्स्य पदाधिकारी ने लिपिक से प्रभार मुक्त कर विभाग को आवेदन लिखा है.
मत्स्य विभाग के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ददन प्रसाद ने बताया कि भभुआ में 11 वर्ष से कार्यरत हैं. एक साल से लिपिक का प्रभार दिया गया, इससे जिससे कार्य बढ़ गया है. कभी बैंक तो कभी पोस्ट ऑफिस, तो कभी ट्रेजरी जाना पड़ता है. बीमारी के कारण कार्य सम्भव नहीं होता. इसलिए हम चाहते हैं कि मुझे चतुर्थवर्गीय कर्मचारी पद पर ही रखा जाए. साथ ही मेरे गृह जिला बक्सर स्थानांतरण किया जाए.
इसीलिए डीएम और सीएम, मुख्य सचिव, सचिव पशुपालन, उप मत्स्य निदेशक, सचिवालय थाना पटना, एसपी कैमूर, जिला मत्स्य पदाधिकारी कैमूर को भेजा है. जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो 26 जनवरी को सीएम के पास आत्मदाह करूंगा. जिला मत्स्य पदाधिकारी शिव शंकर चौधरी ने बताया कि मुझे जानकारी नहीं थी कि लिपिक प्रभार से हटना चाह रहे हैं. आज आवेदन मिलते ही लिपिक पद से हटा दिया गया है. आत्मदाह का आवेदन मिला है.
अब सवाल है कि चतुर्थवर्गीय कर्मचारी क्या आत्मदाह का आवेदन देगा तब विभाग की नींद खुलेगी. 11 वर्ष से एक ही जिले में तैनात कर्मी की तबीयत काफी दिनों से खराब है. कर्मी प्रभार लेना नहीं चाहता तो जबरन लिपिक का प्रभार क्यों दिया गया. यह जांच का विषय है.
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