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दस दिनों के अंदर परिवार में 2 मौत फिर भी नहीं हारा हौसला, ज्योति अब बनेगी दारोगा

बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं कि जब हौसले बुलंद हो तो कामयाबी जरुर मिलती है. अपनी मेहनत की बदौलत दारोगा बनकर इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है कैमूर के चैनपुर की बिटिया ज्योति ने. पढ़ें विपरीत परिस्थितियों के बीच मिली कामयाबी की कहानी...

ज्योति
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Published : Jun 20, 2021, 2:22 PM IST

कैमूर: बिहार के कैमूर के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के चैनपुर पंचायत के सुनील कुमार चौरसिया की बेटी ज्योति चौरसिया ने परिवार सहित जिले का नाम रोशन किया है. ज्योति ने बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के द्वारा आयोजित दारोगा भर्ती ( BIHAR POLICE SI RESULT ) में सफलता हासिल की है. ज्योति ने सेल्फ स्टडी ( Self Study ) की बदौलत यह कामयाबी पाई है. उसकी सफलता के बाद परिवार में खुशी का माहौल है.

इसे भी पढ़ेंः पटना में सफल दारोगा अभ्यर्थियों ने शिक्षक के साथ मनाया जश्न, सफलता के बताए टिप्स

भाई के साथ रहकर की तैयारी
ज्योति चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के चैनपुर पंचायत की रहने वाली है. उसके पिता सुनील कुमार चौरसिया ग्राम कचहरी सचिव पद पर कार्यरत हैं. ज्योति ने बताया कि उसने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई संत साबिर विउर हाई स्कूल से की. इसके बाद इंद्रासन प्रोजेक्ट विद्यालय चैनपुर से साल 2015 में इंटर की परीक्षा पास की. फिर ग्रेजुएशन करने के बाद अपने भाई के साथ में रहकर तैयारी करने लगी.

सेल्फ स्टडी करके मिली सफलता
ज्योति ने बताया कि अगस्त 2019 में फॉर्म भरने और परीक्षा के बाद 8 अप्रैल को फिजिकल एवं डॉक्युमेंट वेरीफिकेशन के बाद 17 जून 2021 को जारी मेरिट लिस्ट में उसका नाम सब-इंस्पेक्टर पद पर चयनित हुआ किया गया. परीक्षा परिणाम आने के बाद वह काफी खुश है. वहीं इस सफलता का पूरा श्रेय ज्योति ने खुद को दिया है. क्योंकि उसने बताया कि वह अपनी मेहनत के दम पर कामयाबी हासिल की है.

इसे भी पढ़ें-बिहार पुलिस दारोगा भर्ती का फाइनल रिजल्ट जारी, देखने के लिए करें क्लिक

10 दिनों के भीतर परिवार के 2 सदस्यों की हुई मौत
यह सब तब हुआ जब ज्योति के परिवार में ऐसा भी समय आया जब साल 2020 में महज 10 दिनों के भीतर परिवार के 2 सदस्यों की मौत हो गई. पहले ज्योति के दादी का निधन हो गया और फिर उसके 20 वर्षीय भाई ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया. इसके बाद भी ज्योति ने हौसला टूटने नहीं दिया और लगातार मेहनत के दम पर दारोगा के पद पर चयनित हुई. ज्योति आज युवाओं को लिए मिसाल बन गई है.

परीक्षा का रिजल्ट जारी
बता दें कि बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के द्वारा दारोगा भर्ती, सार्जेंट और सहायक जिला अधीक्षक की बहाली को लेकर हुई परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा जारी रिजल्ट के मुताबिक 2062 कैंडिडेट दारोगा, 215 कैंडिडेट्स ने सार्जेंट और 125 कैंडिडेट्स सहायक जेल अधीक्षक पद पर उत्तीर्ण हुए हैं.

5 लाख 50 हजार अभ्यर्थी हुए शामिल
बिहार पुलिस और काला एवं सुधार सेवा के अधीन दारोगा, सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के कुल 2446 पदों पर बहाली होनी है. जिसमें भूतपूर्व सैनिक कोटे से सहायक जेल अधीक्षक के 32 पद पर चयन की प्रक्रिया पहले से पूरी हो चुकी है. बिहार में दारोगा, सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक की बहाली की प्रक्रिया वर्ष 2019 में शुरू हुई थी. इस परिक्षा के लिए करीब 5 लाख 50 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. यह परीक्षा 12 दिसंबर 2019 को हुई थी.

ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेऊर जेल में बंद 702 कैदियों को मिली जमानत

लॉकडाउन और चुनाव के कारण विलंब
संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम 28 जनवरी 2020 को जारी किया गया था. कोरोना के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) और बिहार में विधानसभा चुनाव के चलते मुख्य परीक्षा में विलंब हुआ. कई बार तारीख तय करने के बाद इसे स्थगित करना पड़ा. छात्रों के विरोध के बाद 29 नवंबर 2020 को मुख्य परीक्षा आयोजित की गई थी.

कैमूर: बिहार के कैमूर के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के चैनपुर पंचायत के सुनील कुमार चौरसिया की बेटी ज्योति चौरसिया ने परिवार सहित जिले का नाम रोशन किया है. ज्योति ने बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के द्वारा आयोजित दारोगा भर्ती ( BIHAR POLICE SI RESULT ) में सफलता हासिल की है. ज्योति ने सेल्फ स्टडी ( Self Study ) की बदौलत यह कामयाबी पाई है. उसकी सफलता के बाद परिवार में खुशी का माहौल है.

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भाई के साथ रहकर की तैयारी
ज्योति चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के चैनपुर पंचायत की रहने वाली है. उसके पिता सुनील कुमार चौरसिया ग्राम कचहरी सचिव पद पर कार्यरत हैं. ज्योति ने बताया कि उसने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई संत साबिर विउर हाई स्कूल से की. इसके बाद इंद्रासन प्रोजेक्ट विद्यालय चैनपुर से साल 2015 में इंटर की परीक्षा पास की. फिर ग्रेजुएशन करने के बाद अपने भाई के साथ में रहकर तैयारी करने लगी.

सेल्फ स्टडी करके मिली सफलता
ज्योति ने बताया कि अगस्त 2019 में फॉर्म भरने और परीक्षा के बाद 8 अप्रैल को फिजिकल एवं डॉक्युमेंट वेरीफिकेशन के बाद 17 जून 2021 को जारी मेरिट लिस्ट में उसका नाम सब-इंस्पेक्टर पद पर चयनित हुआ किया गया. परीक्षा परिणाम आने के बाद वह काफी खुश है. वहीं इस सफलता का पूरा श्रेय ज्योति ने खुद को दिया है. क्योंकि उसने बताया कि वह अपनी मेहनत के दम पर कामयाबी हासिल की है.

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10 दिनों के भीतर परिवार के 2 सदस्यों की हुई मौत
यह सब तब हुआ जब ज्योति के परिवार में ऐसा भी समय आया जब साल 2020 में महज 10 दिनों के भीतर परिवार के 2 सदस्यों की मौत हो गई. पहले ज्योति के दादी का निधन हो गया और फिर उसके 20 वर्षीय भाई ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया. इसके बाद भी ज्योति ने हौसला टूटने नहीं दिया और लगातार मेहनत के दम पर दारोगा के पद पर चयनित हुई. ज्योति आज युवाओं को लिए मिसाल बन गई है.

परीक्षा का रिजल्ट जारी
बता दें कि बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के द्वारा दारोगा भर्ती, सार्जेंट और सहायक जिला अधीक्षक की बहाली को लेकर हुई परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा जारी रिजल्ट के मुताबिक 2062 कैंडिडेट दारोगा, 215 कैंडिडेट्स ने सार्जेंट और 125 कैंडिडेट्स सहायक जेल अधीक्षक पद पर उत्तीर्ण हुए हैं.

5 लाख 50 हजार अभ्यर्थी हुए शामिल
बिहार पुलिस और काला एवं सुधार सेवा के अधीन दारोगा, सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के कुल 2446 पदों पर बहाली होनी है. जिसमें भूतपूर्व सैनिक कोटे से सहायक जेल अधीक्षक के 32 पद पर चयन की प्रक्रिया पहले से पूरी हो चुकी है. बिहार में दारोगा, सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक की बहाली की प्रक्रिया वर्ष 2019 में शुरू हुई थी. इस परिक्षा के लिए करीब 5 लाख 50 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. यह परीक्षा 12 दिसंबर 2019 को हुई थी.

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लॉकडाउन और चुनाव के कारण विलंब
संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम 28 जनवरी 2020 को जारी किया गया था. कोरोना के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) और बिहार में विधानसभा चुनाव के चलते मुख्य परीक्षा में विलंब हुआ. कई बार तारीख तय करने के बाद इसे स्थगित करना पड़ा. छात्रों के विरोध के बाद 29 नवंबर 2020 को मुख्य परीक्षा आयोजित की गई थी.

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