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कैमूर में बच्चों को दिया जा रहा जापानी इन्सेफेलाइटिस का वैक्सीन, DM ने किया उद्घाटन

बिहार के कैमूर जिले में सोमवार से जपानी इन्सेफेलाइटिस का वैक्सीनेशन (Japanese Encephalitis Vaccine) बच्चों को दिया जाने लगा है. डीएम नवदीप शुक्ला ने टीकाकरण केंद्र का उद्घाटन किया. तीन महीने में 6,77,163 टीका देने का लक्ष्य रखा गया है. पढ़िए पूरी खबर..

Japanese Encephalitis Vaccine
Japanese Encephalitis Vaccine
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Published : Aug 23, 2021, 7:02 PM IST

कैमूर(भभुआ): कोरोना (Corona) के कारण अब तक कई लोग काल कल्वित हो चुके हैं. कोरोना का दंश झेल रहे लोगों की मुसीबत जापानी इन्सेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) भी बढ़ा रही है. ऐसे में जिले के डीएम नवदीप शुक्ला (Kaimur DM Navdeep Shukla) ने सोमवार को टीकाकरण केंद्र का उद्घाटन किया ताकि जल्द से जल्द बच्चों को जेई का वैक्सीन देकर उन्हें सुरक्षित किया जा सके. जिले के 11 ब्लॉक में 100 केंद्रों पर बच्चों को टीका देने की व्यवस्था की गई है. जबकि तीन महीने में 6,77,163 टीका देने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य में स्कूल में पढ़ने वाले और स्कूल के बाहर के बच्चों को शामिल किया गया है.

यह भी पढ़ें- Muzaffarpur Encephalitis:'चमकी बुखार प्रभावित इलाकों के 30 हजार परिवारों को जल्द मिलेगा पक्का मकान'

वहीं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर आरके चौधरी ने बताया कि जपानी इन्सेफेलाइटिस से बच्चों में होने वाली बीमारी से बचाने के लिए जिले में सोमवार से टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी गई है जिससे बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके. तीन महीने में लगभग छह लाख से ज्यादा बच्चों को टीका दे दिया जाएगा.

डीआईओ आरके चौधरी ने बताया कि 6,77,163 टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें 3,76,540 स्कूली बच्चे हैं और 3,06,023 स्कूल के बाहर के बच्चे हैं. जो बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं उन्हें पहले स्कूल में ही टीकाकरण के लिए संपर्क किया जाएगा.

उसके बाद आंगनवाड़ी केंद्रों की ओर से भी बच्चों से संपर्क किया जाएगा. आंगनवाड़ी केंद्रों में भी बच्चों को टीका लगाया जाएगा जिसमें जिला पदाधिकारी के द्वारा उद्धघाटन कर निर्देश दिया गया है कि शत प्रतिशत सफलतापूर्वक बच्चों को जेई का टीकाकरण करें.

जिला पदाधिकारी ने बताया कि ये बीमारी बहुत घातक साबित हो रही है. इसमें बच्चे की मृत्यु हो जाती है या फिर पैरालिसिस हो जाता है. अभी तक बच्चे में लकवा की शिकायतें सामने आ चुकी हैं. हालांकि कैमूर में इस तरह का केस नहीं मिला है. ऐसे में आगे भी ऐसे मामले जिले में न आए इसी के तहत टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. जेई का टीका लगाने से बच्चों को सुरक्षित किया जा सकता है इसलिए कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द लक्ष्य को पूरा किया जा सके.

यह भी पढ़ें- जापानी इंसेफलाइटिस से बचाव को लेकर चलेगा टीकाकरण अभियान, सेविकाओं को किया जा रहा है प्रशिक्षित

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के मामलों में आई तेजी, SKMCH के पीकू वार्ड में 8 बच्चे भर्ती

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वहीं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर आरके चौधरी ने बताया कि जपानी इन्सेफेलाइटिस से बच्चों में होने वाली बीमारी से बचाने के लिए जिले में सोमवार से टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी गई है जिससे बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके. तीन महीने में लगभग छह लाख से ज्यादा बच्चों को टीका दे दिया जाएगा.

डीआईओ आरके चौधरी ने बताया कि 6,77,163 टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें 3,76,540 स्कूली बच्चे हैं और 3,06,023 स्कूल के बाहर के बच्चे हैं. जो बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं उन्हें पहले स्कूल में ही टीकाकरण के लिए संपर्क किया जाएगा.

उसके बाद आंगनवाड़ी केंद्रों की ओर से भी बच्चों से संपर्क किया जाएगा. आंगनवाड़ी केंद्रों में भी बच्चों को टीका लगाया जाएगा जिसमें जिला पदाधिकारी के द्वारा उद्धघाटन कर निर्देश दिया गया है कि शत प्रतिशत सफलतापूर्वक बच्चों को जेई का टीकाकरण करें.

जिला पदाधिकारी ने बताया कि ये बीमारी बहुत घातक साबित हो रही है. इसमें बच्चे की मृत्यु हो जाती है या फिर पैरालिसिस हो जाता है. अभी तक बच्चे में लकवा की शिकायतें सामने आ चुकी हैं. हालांकि कैमूर में इस तरह का केस नहीं मिला है. ऐसे में आगे भी ऐसे मामले जिले में न आए इसी के तहत टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. जेई का टीका लगाने से बच्चों को सुरक्षित किया जा सकता है इसलिए कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द लक्ष्य को पूरा किया जा सके.

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