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कैमूर: AC कमरों में नहीं, कलेक्ट्रेट परिसर में लोगों के बीच खड़े होकर समस्या सुनते हैं DM

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Published : Nov 8, 2019, 4:47 PM IST

जिलाधिकारी ने कहा कि उनकी कोशिश होती है कि सभी की समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जा सके. यही नहीं यदि कोई समस्या प्रशासन स्तर से सम्भव नहीं हैं, तो लोगों को न्यायालय में अपील करने की सलाह भी दी जाती है.

एसी कमरों में नहीं बल्कि कलेक्ट्रेट परिसर में लगता है जनता दरबार

कैमूर: प्रदेश के सभी जिलों में डीएम की ओर से प्रत्येक शुक्रवार को जनता दरबार लगाया जाता है. डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी का भी प्रत्येक शुक्रवार को जनता दरबार लगता है. लेकिन जिले में लगने वाला ये जनता दरबार एसी कमरों और डीएम की कुर्सी पर बैठकर नहीं बल्कि कलेक्ट्रेट परिसर में लगाया जाता है.

लोगों के बीच खड़े होकर समस्या सुनते हैं
डीएम का कहना है कि प्रशासन और जनता में बेहतर रिश्ते बनाने के लिए और जनता को यह एहसास दिलाने के लिए कि प्रशासन उनके साथ हर मोड़ पर खड़ी है. इसलिए वो खुद लोगों के बीच खड़े होकर उनकी समस्या सुनते हैं. ताकि लोगों को ऐसा न लगे कि अधिकारी बन्द कमरे में हैं और उनकी बात चार दीवार में दब गई है. डीएम ने बताया कि जनता दरबार में सभी तरह के आवेदन लोगों की ओर से दिये जाते हैं.

डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी का बयान

जिलाधिकारी ने कहा कि उनकी कोशिश होती है कि सभी की समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जा सके. यही नहीं यदि कोई समस्या प्रशासन स्तर से सम्भव नहीं हैं, तो लोगों को न्यायालय में अपील करने की सलाह भी दी जाती है.

'आवेदन को तुरंत पीजीआरो को मार्क करते हैं'
डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि वो सीधी सुनवाई वाले आवेदन को तुरंत पीजीआरो को मार्क करते हैं, ताकि जल्द कार्रवाई हो सके. यदि किसी आवेदन में पहले ही आदेश पारित किया जा चुका है और इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई होती है, तो शिकायत मिलने पर तुरंत संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा जाता है.

कैमूर: प्रदेश के सभी जिलों में डीएम की ओर से प्रत्येक शुक्रवार को जनता दरबार लगाया जाता है. डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी का भी प्रत्येक शुक्रवार को जनता दरबार लगता है. लेकिन जिले में लगने वाला ये जनता दरबार एसी कमरों और डीएम की कुर्सी पर बैठकर नहीं बल्कि कलेक्ट्रेट परिसर में लगाया जाता है.

लोगों के बीच खड़े होकर समस्या सुनते हैं
डीएम का कहना है कि प्रशासन और जनता में बेहतर रिश्ते बनाने के लिए और जनता को यह एहसास दिलाने के लिए कि प्रशासन उनके साथ हर मोड़ पर खड़ी है. इसलिए वो खुद लोगों के बीच खड़े होकर उनकी समस्या सुनते हैं. ताकि लोगों को ऐसा न लगे कि अधिकारी बन्द कमरे में हैं और उनकी बात चार दीवार में दब गई है. डीएम ने बताया कि जनता दरबार में सभी तरह के आवेदन लोगों की ओर से दिये जाते हैं.

डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी का बयान

जिलाधिकारी ने कहा कि उनकी कोशिश होती है कि सभी की समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जा सके. यही नहीं यदि कोई समस्या प्रशासन स्तर से सम्भव नहीं हैं, तो लोगों को न्यायालय में अपील करने की सलाह भी दी जाती है.

'आवेदन को तुरंत पीजीआरो को मार्क करते हैं'
डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि वो सीधी सुनवाई वाले आवेदन को तुरंत पीजीआरो को मार्क करते हैं, ताकि जल्द कार्रवाई हो सके. यदि किसी आवेदन में पहले ही आदेश पारित किया जा चुका है और इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई होती है, तो शिकायत मिलने पर तुरंत संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा जाता है.

Intro:कैमूर। प्रदेश के सभी जिलों में डीएम द्वारा प्रत्येक शुक्रवार को जनता दरबार लगाया जाता हैं। कैमूर डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी का भी प्रत्येक शुक्रवार को जनता दरबार लगता हैं। लेकिन जिले में लगने वाला यह जनता दरबार ऐसी कमरों और डीएम की कुर्सी पर बैठकर नहीं बल्कि कॉलेक्ट्रीट परिषर में जनता के बीच डीएम द्वारा जनता के साथ खड़े को लगाया जाता हैं।


Body:आपकों बतादें कि डीएम का यह कहना हैं कि प्रशासन और पब्लिक में बेहतर रिश्ते और पब्लिक को यह एहसास दिलाने के लिए की प्रशासन उनके साथ हर मोड़ पर खड़ी हैं इसलिए वो खुद लोगों के बीच खड़े होकर उनकी समस्या सुनते हैं ताकि लोगों को ऐसा न लगे कि अधिकारी बन्द कमरें में हैं और उनकी बात चार दीवार में दब गई। डीएम ने बताया कि जनता दरबार में सभी तरह आवेदन लोगों के द्वारा दिये जाते हैं और उनकी कोशिश होती हैं कि सभी की समस्याओं का जल्द से जल्द निबटारा किया जा सके। यही नही यदि कोई समस्या प्रशासन स्तर से सम्भव नहीं हैं तो लोगों को न्यायालय में अपील करने की सलाह भी दी जाती हैं। डीएम ने बताया कि वो सीधी सुनवाई वाले आवेदन को तुरंत पीजीआरों को मार्क करते हैं ताकि जल्द कार्रवाई हो सके। यदि किसी आवेदन में पहले की आदेश पारित किया जा चुका हैं बावजूद इसके यदि कोई कार्रवाई नहीं हुई होती हैं तो शिकायत मिलने पर तुरंत संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा जाता हैं। डीएम ने कहा कि जनता की सेवा का यह खासियत हैं कि जनता के बीच उनके साथ खड़े होकर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।


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