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बागेश्वरी बाबा से जानिए छठ पूजा का महत्व

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Published : Nov 17, 2020, 9:31 PM IST

बिहार में छठ पूजा को लेकर महापर्व धूमधाम से मनाया जाता है. मंगलवार को ईटीवी भारत की खास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी बागेश्वरी प्रसाद त्रिवेणी छठ पर्व के महत्व के बारे में बताया.

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समाजसेवी बागेश्वरी प्रसाद त्रिवेणी

कैमूर: छठ पूजा बिहार का महत्वपूर्ण महापर्व है. बिहार से बाहर पूरे देश और दुनिया में भी मनाने जाने लगा है. कल यानी बुधवार से छठ पर्व का शुरुआत होने वाला है. 4 दिन तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत नहाए खाए से शुरू हो जाएगा. ऐसे में इस पर्व का क्या महत्त्व है और श्रद्धालु कैसे मनाएंगे? इसके बारे में वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी बागेश्वरी प्रसाद त्रिवेणी छठ पर्व के महत्व के बारे में बताया.

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बागेश्वरी बाबा

छठ पूजा कैसे मनाया जाता हैं ?
उन्होंने बताया कि छठ पूजा को लेकर श्रद्धालुओं को खासा इंतजार रहता हैं. उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला महापर्व है. इसलिए इसे महार भी कहा जाता है. दीपावली के 6 दिन बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष षष्टि का व्रत करने का विधान है. इस दिन भगवान सूर्य ओर छठी देवी का पूजा की जाती है. इस दौरन व्रत धारी 36 घंटे का तक व्रत रखते है. इस दौरन वे पानी तक नहीं पीते है. पहला दिन नहाय खाय से होती है. इसके अगले दिन खरना होता है. तीसरे दिन छठ पर्व का प्रसाद तैयार किया जाता है और स्नान कर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते है. चौथे और आखिरी दिन उगते सूर्य की आराधना की जाती. इस तरह चार दिवसीय पर्व का पूर्ण होता है.

पर्व के पीछे कई पौराणिक कहानियां
बागेश्वरी प्रसाद त्रिवेदी ने बताया कि इस पर्व का कई पौराणिक कहानियां है. जिसमें एक जब भगवान कृष्ण के पुत्र श्याम को कुष्ठ रोग हो गया था. ठीक करने के लिए कृष्ण की पत्नी ने व्रत को रखा था और हवन पूजा करवाया था. जिसके बाद श्याम ठीक हो गए थे. तब से इस छठ पूजा की शुरुआत किया गया है.

कैमूर: छठ पूजा बिहार का महत्वपूर्ण महापर्व है. बिहार से बाहर पूरे देश और दुनिया में भी मनाने जाने लगा है. कल यानी बुधवार से छठ पर्व का शुरुआत होने वाला है. 4 दिन तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत नहाए खाए से शुरू हो जाएगा. ऐसे में इस पर्व का क्या महत्त्व है और श्रद्धालु कैसे मनाएंगे? इसके बारे में वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी बागेश्वरी प्रसाद त्रिवेणी छठ पर्व के महत्व के बारे में बताया.

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बागेश्वरी बाबा

छठ पूजा कैसे मनाया जाता हैं ?
उन्होंने बताया कि छठ पूजा को लेकर श्रद्धालुओं को खासा इंतजार रहता हैं. उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला महापर्व है. इसलिए इसे महार भी कहा जाता है. दीपावली के 6 दिन बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष षष्टि का व्रत करने का विधान है. इस दिन भगवान सूर्य ओर छठी देवी का पूजा की जाती है. इस दौरन व्रत धारी 36 घंटे का तक व्रत रखते है. इस दौरन वे पानी तक नहीं पीते है. पहला दिन नहाय खाय से होती है. इसके अगले दिन खरना होता है. तीसरे दिन छठ पर्व का प्रसाद तैयार किया जाता है और स्नान कर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते है. चौथे और आखिरी दिन उगते सूर्य की आराधना की जाती. इस तरह चार दिवसीय पर्व का पूर्ण होता है.

पर्व के पीछे कई पौराणिक कहानियां
बागेश्वरी प्रसाद त्रिवेदी ने बताया कि इस पर्व का कई पौराणिक कहानियां है. जिसमें एक जब भगवान कृष्ण के पुत्र श्याम को कुष्ठ रोग हो गया था. ठीक करने के लिए कृष्ण की पत्नी ने व्रत को रखा था और हवन पूजा करवाया था. जिसके बाद श्याम ठीक हो गए थे. तब से इस छठ पूजा की शुरुआत किया गया है.

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