कैमूर: कैमूर में अधिकारी कचरे से भी पैसा बनाने में लगे थे. मामले के सामने आने के बाद से इसकी जांच चल रही है. कचरा घोटाला का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि जिले में शौचालय घोटाला का बड़ा मामला सामने आया है. बिना शौचालय बने ही राशि का भुगतान कर दिया गया. भभुआ के बीडीओ मनोज कुमार ने खुद इस बात का खुलासा किया है. बीडीओ ने इस घोटाले के खिलाफ दो कार्यपालक सहायक और दो जिला समन्वयक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
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बिना टॉयलेट बने ही 273 लोगों को फर्जी भुगतान: इसके साथ ही मामले की जांच विजिलेंस, निगरानी, साइबर सेल से करा कर सभी पर कार्रवाई करते हुए नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की गई है. बता दें कि इसी वर्ष जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कैमूर आने वाले थे तो उसी समय शौचालय में फर्जी भुगतान 273 लोगों को किया गया. लाखों के वारे न्यारे करने के बाद फिर 225 लोगों को फर्जी भुगतान की योजना थी, हालांकि बीडीओ ने इसे रोक दिया. बीडीओ मनोज कुमार का कहना है कि मुझे झांसा देकर मेरे डिजिटल सिंगनेचर करा लिए गए.
"नीतीश कुमार का जब कार्यक्रम था तो मुझपर जिला की ओर से बार-बार पेमेंट के लिए दबाव डाला जा रहा था. उस समय हमें आभास हुआ कि कुछ गड़बड़ हो रहा है. फिर मुझे फोन आया कि 140 लोगों को भुगतान करना है. फार्म निकालने को कहा तो मुझे बताया गया कि फॉर्म नहीं है जिला द्वारा पंकज से भिजवाया जाएगा. हमने जांच करवाया तो पता चला कि 140 फॉर्म भुगतान योग्य नहीं है. प्रथम फेज में लगभग तीस हजार शौचालय का पेमेंट हुआ. 273 लाभार्थी का पता चला जिनको भुगतान नहीं होना चाहिए था."- मनोज कुमार,बीडीओ, भभुआ
BDO ने 4 लोगों पर कराया FIR: वहीं भभुआ प्रखंड के पूर्व प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि कमलेश सिंह ने बताया कि भभुआ प्रखंड में भारी मात्रा में फर्जी शौचालय का भुगतान किया गया. जबकि जिनको भुगतान करना था उनकी कोई जानकारी नहीं थी. वह कौन हैं? कहां के रहने वाले हैं? कोई पता नहीं था फिर भी भुगतान किया गया. कमलेश सिंह का कहना है कि पूरे शौचालय भुगतान का जांच की जाए तो करोड़ों का घोटाला सामने आएगा.
"सीएम के प्रोग्राम के दौरान कुल 901 शौचालय का भुगतान किया गया था. विभागीय जांच के दौरान 273 शौचालय फर्जी पाए गए. जिनका कोई नाम पता नहीं था. सही से जांच करायी जाए तो पता चलेगा कि बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है."- कमलेश सिंह, पूर्व प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि, भभुआ