कैमूर: बीते 17 दिसंबर को जल-जीवन-हरियाली यात्रा के तीसरे चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कैमूर आगमन हुआ था. इस दौरान मुख्यमंत्री ने भगवानपुर के औसान गांव में जल-जीवन-हरियाली के तहत कई योजनाओं का शिलान्यास किया था. दुर्भाग्य की बात यह है कि सीएम के वापस लौटते ही गांव में लगा कृषि यंत्र, बायो गैस प्लांट और कॉटेज उखाड़ दिया गया.
हटा लिए गए सारे यंत्र
सीएम यात्रा के 1 महीने पूरे होने पर जब ईटीवी भारत ने गांव की समीक्षा की, तो गांव से बहुत सारी सुविधाएं नदारद दिखीं. बता दें कि मुख्यमंत्री के आगमन के समय गांव को दुल्हन की तरह सजाया गया था. लेकिन, ग्रामीणों की मानें तो सीएम के जाने के 2 दिनों बाद ही गांव से सभी यंत्र हटा लिए गए.
ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों ने बताया कि सीएम के वापस लौटते ही खेतों में लगे कृषि यंत्र को हटा लिया गया. गांव की सुंदरता और सुविधा के लिए दो झोपड़ियां बनाई गई थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से उसमें से एक झोपड़ी दूसरी जगह ले जाया गया. गांव में बने सार्वजनिक शौचालय का ताला सिर्फ सीएम के आगमन पर ही खुला था. जानवरों के पानी पीने के लिए टब बनाया गया था. वहां, जानवर तो पानी नही पीते हैं लेकिन ग्रामीण नहाते जरूर हैं.
ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या सीएम के आगमन पर कैमूर जिला प्रशासन की ओर से केवल दिखावा किया गया था.
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