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सीएम के वापस लौटते ही गांव से उखाड़ लिए गए कृषि यंत्र, बायो गैस प्लांट और कॉटेज

ग्रामीणों ने बताया कि सीएम के वापस लौटते ही खेतों में लगा कृषि यंत्र को हटा लिया गया. गांव की सुंदरता और सुविधा के लिए दो झोपड़ियों बनाई गई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से उसमें से एक झोपड़ी दूसरी जगह ले जाया गया.

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Published : Jan 21, 2020, 8:23 AM IST

Updated : Jan 21, 2020, 9:23 AM IST

कैमूर: बीते 17 दिसंबर को जल-जीवन-हरियाली यात्रा के तीसरे चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कैमूर आगमन हुआ था. इस दौरान मुख्यमंत्री ने भगवानपुर के औसान गांव में जल-जीवन-हरियाली के तहत कई योजनाओं का शिलान्यास किया था. दुर्भाग्य की बात यह है कि सीएम के वापस लौटते ही गांव में लगा कृषि यंत्र, बायो गैस प्लांट और कॉटेज उखाड़ दिया गया.

हटा लिए गए सारे यंत्र
सीएम यात्रा के 1 महीने पूरे होने पर जब ईटीवी भारत ने गांव की समीक्षा की, तो गांव से बहुत सारी सुविधाएं नदारद दिखीं. बता दें कि मुख्यमंत्री के आगमन के समय गांव को दुल्हन की तरह सजाया गया था. लेकिन, ग्रामीणों की मानें तो सीएम के जाने के 2 दिनों बाद ही गांव से सभी यंत्र हटा लिए गए.

पेश है रिपोर्ट

ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों ने बताया कि सीएम के वापस लौटते ही खेतों में लगे कृषि यंत्र को हटा लिया गया. गांव की सुंदरता और सुविधा के लिए दो झोपड़ियां बनाई गई थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से उसमें से एक झोपड़ी दूसरी जगह ले जाया गया. गांव में बने सार्वजनिक शौचालय का ताला सिर्फ सीएम के आगमन पर ही खुला था. जानवरों के पानी पीने के लिए टब बनाया गया था. वहां, जानवर तो पानी नही पीते हैं लेकिन ग्रामीण नहाते जरूर हैं.

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सीएम दौरे के बाद बंद हुआ सार्वजनिक शौचालय

ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या सीएम के आगमन पर कैमूर जिला प्रशासन की ओर से केवल दिखावा किया गया था.

यह भी पढ़ें- VIDEO: मंच से भाषण दे रहे थे RJD के सांसद, तभी बीच सभा अचानक खुल गई पैंट

कैमूर: बीते 17 दिसंबर को जल-जीवन-हरियाली यात्रा के तीसरे चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कैमूर आगमन हुआ था. इस दौरान मुख्यमंत्री ने भगवानपुर के औसान गांव में जल-जीवन-हरियाली के तहत कई योजनाओं का शिलान्यास किया था. दुर्भाग्य की बात यह है कि सीएम के वापस लौटते ही गांव में लगा कृषि यंत्र, बायो गैस प्लांट और कॉटेज उखाड़ दिया गया.

हटा लिए गए सारे यंत्र
सीएम यात्रा के 1 महीने पूरे होने पर जब ईटीवी भारत ने गांव की समीक्षा की, तो गांव से बहुत सारी सुविधाएं नदारद दिखीं. बता दें कि मुख्यमंत्री के आगमन के समय गांव को दुल्हन की तरह सजाया गया था. लेकिन, ग्रामीणों की मानें तो सीएम के जाने के 2 दिनों बाद ही गांव से सभी यंत्र हटा लिए गए.

पेश है रिपोर्ट

ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों ने बताया कि सीएम के वापस लौटते ही खेतों में लगे कृषि यंत्र को हटा लिया गया. गांव की सुंदरता और सुविधा के लिए दो झोपड़ियां बनाई गई थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से उसमें से एक झोपड़ी दूसरी जगह ले जाया गया. गांव में बने सार्वजनिक शौचालय का ताला सिर्फ सीएम के आगमन पर ही खुला था. जानवरों के पानी पीने के लिए टब बनाया गया था. वहां, जानवर तो पानी नही पीते हैं लेकिन ग्रामीण नहाते जरूर हैं.

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सीएम दौरे के बाद बंद हुआ सार्वजनिक शौचालय

ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या सीएम के आगमन पर कैमूर जिला प्रशासन की ओर से केवल दिखावा किया गया था.

यह भी पढ़ें- VIDEO: मंच से भाषण दे रहे थे RJD के सांसद, तभी बीच सभा अचानक खुल गई पैंट

Intro:कैमूर।

बीते 17 दिसंबर को जल जीवन हरियाली यात्रा के तीसरे चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कैमूर आगमन हुआ था। इस। दौरान मुख्यमंत्री ने भगवानपुर के औसान गांव में जल जीवन हरियाली के तहत कई योजनाओं का शिलान्यास किया था। लेकिन गांव के लिए दुर्भाग्य की बात यह हैं कि सीएम के यात्रा के दौरान गांव में लागये गए कृषि यंत्र, बायो गैस प्लांट और गांव में बना लकड़ी झोपड़ी सीएम के वापस लौटते ही वापस हटा दिये गए।


Body:आपकों बतादें कि मुख्यमंत्री के आगमन के वक्त गांव को दुल्हन की तरह सज़ा दिया गया था। लेकिन ग्रामीणों की मानें तो सीएम के जाने के 2 दिनों के बाद गांव से सभी यंत्र को हटा लिया गया।

आपकों बतादें की ईटीवी भारत ने सीएम यात्रा के 1 माह पूरा होने पर जब गांव की समीक्षा की तो गांव से बहुत सारी सुविधाएं नदारद दिखी जो सीएम आगमन के दौरान देखी गई थी।

ग्रामीणों ने बताया कि सीएम के वापस लौटते ही खेतों में लगा कृषि यंत्र को हटा लिया गया। यहां तक कि गांव की सुंदरता और सुविधा के लिए दो झोपड़ियों बनाई गई थी। लेकिन सीएम के वापस लौटते ही एक झोपड़ी प्रशासन द्वारा उखाड़ गांव से दूसरी जगह ले जाया गया। गांव में जो सार्वजनिक शौचालय बनाये गए थे उस शौचालय का ताला सिर्फ सीएम के आगमन पर ही खुला था। आलम यह हैं कि जानवरों के लिए पानी पीने का टब बनाया गया था जिसमें जानवर तो पानी नही पीते हैं लेकिन ग्रामीण नहाते जरूर हैं।




Conclusion:ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि क्या सीएम आगमन पर कैमूर जिला प्रशासन द्वारा केवल दिखावा किया गया था।
Last Updated : Jan 21, 2020, 9:23 AM IST
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