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गुम हुई बच्ची पहुंची बाल संरक्षण इकाई, परिजनों ने आया पर ही लगा दिया चोरी का आरोप

बाल संरक्षण इकाई ने बताया कि बच्ची उनके पास है. इसलिए अब माता-पिता को वापस देने के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा. विभाग परिवार का हर संभव मदद करेगा और कोशिश करेगा कि 3-4 दिनों में बच्ची को उसके माता-पिता को लौटा दिया जाए.

बच्ची के परिजन
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Published : Aug 28, 2019, 10:35 AM IST

कैमूर: जिले में एक गुम हुई बच्ची की मां ने बाल संरक्षण इकाई की आया पर ही बच्चा चोरी का आरोप लगा दिया. दरअसल यहां एक बच्ची लापता हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. तभी अचानक परिवार वालों को सूचना मिली कि बच्ची सदर अस्पताल में है. जहां पहुंचकर उन्होंने अपनी बच्ची को बाल संरक्षण इकाई की आया के पास देखकर उस पर बच्चा चोरी का इल्जाम लगा दिया. जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मामले को शांत करवाया.

kaimur
परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई

'एक औरत बच्ची को लेकर हो गई थी फरार'
बच्ची की मां उषा देवी ने बताया कि वो अपने मायके धर्मपुरा जा रही थी. तभी बच्ची ने कपड़ा गंदाकर दिया, जिसके लिए वो अपनी बच्ची को एक औरत को देकर रामपुर नहर के पास बस से उतरी. उसके बाद जैसे ही वह कपड़ा धोकर आई तो बच्ची और औरत दोनों वहां से गायब थे. जिसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. तभी बच्ची के परिवार वालों को सूचना मिली कि उसकी बच्ची को किसी ने चैनपुर थाने में दे दिया है. जिसके बाद चैनपुर थाने ने बच्ची को बाल संरक्षण इकाई भभुआ में भेज दिया.

kaimur
बाल संरक्षण ईकाई के अधिकारी

आया पर बच्चा चोरी का इल्जाम
बाल संरक्षण इकाई की आया राधिका बच्ची को लेकर सदर अस्पताल भभुआ इलाज करवाने के लिए गई. तभी अस्पताल में मौजूद बच्ची की मां ने अपनी बच्ची को पहचान लिया. जिसके बाद देखते ही देखते भीड़ ने बाल संरक्षण इकाई की आया को घेर लिया और बच्चा चोरी के इल्जाम में उसके साथ बदसलूकी करने लगे. बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर भीड़ को समझा-बुझाकर मामले को शांत करवाया.

बच्ची गुम होने के बाद पहुंची बाल संरक्षण इकाई

कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा
बाल संरक्षण इकाई के सहायक निर्देशक संतोष कुमार चौधरी ने बताया कि बच्ची अब बाल संरक्षण इकाई के पास है. इसलिए अब माता-पिता को वापस देने के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा. विभाग परिवार का हर संभव मदद करेगा और कोशिश करेगा कि 3-4 दिनों में बच्ची को उसके माता-पिता को लौटा दिया जाए.

कैमूर: जिले में एक गुम हुई बच्ची की मां ने बाल संरक्षण इकाई की आया पर ही बच्चा चोरी का आरोप लगा दिया. दरअसल यहां एक बच्ची लापता हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. तभी अचानक परिवार वालों को सूचना मिली कि बच्ची सदर अस्पताल में है. जहां पहुंचकर उन्होंने अपनी बच्ची को बाल संरक्षण इकाई की आया के पास देखकर उस पर बच्चा चोरी का इल्जाम लगा दिया. जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मामले को शांत करवाया.

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परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई

'एक औरत बच्ची को लेकर हो गई थी फरार'
बच्ची की मां उषा देवी ने बताया कि वो अपने मायके धर्मपुरा जा रही थी. तभी बच्ची ने कपड़ा गंदाकर दिया, जिसके लिए वो अपनी बच्ची को एक औरत को देकर रामपुर नहर के पास बस से उतरी. उसके बाद जैसे ही वह कपड़ा धोकर आई तो बच्ची और औरत दोनों वहां से गायब थे. जिसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. तभी बच्ची के परिवार वालों को सूचना मिली कि उसकी बच्ची को किसी ने चैनपुर थाने में दे दिया है. जिसके बाद चैनपुर थाने ने बच्ची को बाल संरक्षण इकाई भभुआ में भेज दिया.

kaimur
बाल संरक्षण ईकाई के अधिकारी

आया पर बच्चा चोरी का इल्जाम
बाल संरक्षण इकाई की आया राधिका बच्ची को लेकर सदर अस्पताल भभुआ इलाज करवाने के लिए गई. तभी अस्पताल में मौजूद बच्ची की मां ने अपनी बच्ची को पहचान लिया. जिसके बाद देखते ही देखते भीड़ ने बाल संरक्षण इकाई की आया को घेर लिया और बच्चा चोरी के इल्जाम में उसके साथ बदसलूकी करने लगे. बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर भीड़ को समझा-बुझाकर मामले को शांत करवाया.

बच्ची गुम होने के बाद पहुंची बाल संरक्षण इकाई

कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा
बाल संरक्षण इकाई के सहायक निर्देशक संतोष कुमार चौधरी ने बताया कि बच्ची अब बाल संरक्षण इकाई के पास है. इसलिए अब माता-पिता को वापस देने के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा. विभाग परिवार का हर संभव मदद करेगा और कोशिश करेगा कि 3-4 दिनों में बच्ची को उसके माता-पिता को लौटा दिया जाए.

Intro:कैमूर।

जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया हैं जहाँ 24 घंटे पहले गुम हुई एक माह की मासूम को खोजते हुए परिजन सदर अस्पताल पहुँचते हैं और दत्तक गृह के कर्मचारी के साथ हंगामा करते हैं। जिसके बाद मौके पर पहुँचे अधिकारियों ने मामले को शांत करवाया और परिजनों को कागजी कार्रवाई के बाद उनकी बेटी लौटाने की बात कही जिसके बाद किसी तरह से मामले को शांत करवाया गया।


Body:आपकों बतादें कि भभुआ प्रखण्ड के बेलाव गांव थाना अंतर्गत रामपुर नहर के पास से सोमवार को एक बच्ची गायब हो गई थी। जिसके बाद उसके माता पिता ने पुलिस से शिकायत किया लेकिन बच्ची नही मिली। तभी बच्ची के परिवार वालों को यह सूचना मिलता हैं कि उसकी बच्ची को किसी ने चैनपुर थाना में दी दिया था। जिसके बाद चैनपुर थाना ने बच्ची को बाल संरक्षण ईकाई भभुआ में बच्ची को दे दिया।

मंगलवार दोपहर को बाल संरक्षण ईकाई की आया राधिका बच्ची को लेकर सदर अस्पताल भभुआ ईलाज करवाने के लिए जाती हैं। तभी अस्पताल में मौजूद बच्ची की मां उषा देवी जो औराडीह चैनपुर की निवासी हैं उस ने अपनी बच्ची को पहचान लिया जिसके बाद देखते ही देखते भीड़ ने बाल संरक्षण ईकाई की आया राधिका को घेर लिया और बच्चा चोरी के इंजाम में उसके साथ बदसलूकी करने लगें। किसी तरह से बाल संरक्षण ईकाई के अधिकारियों को इसकी सूचना हुई जिसके बाद सभी मौके पर पहुँचे और भीड़ को समझा बुझा कर मामले को शांत करवाया।

बच्ची की उम्र एक माह हैं उसकी माता उषा देवी ने बताया कि वो अपने मायके बेलाव थाना अंतर्गत धर्मपुरा जा रही थी इसी दौरान रामपुर नहर के पास बस से उतरती हैं। लेकिन बच्ची ने कपड़े को गंदा कर दिया था। तभी एक औरत ने इससे बच्ची को गोद लिया और कपड़ा धोने को कहा। जैसे ही यह कपड़ा धोकर आई तो बच्ची गायब थी। जिसके बाद पुलिस में शिकायत किया।

बाल संरक्षण ईकाई के सहायक निर्देशक संतोष कुमार चौधरी ने बताया कि चुकी बच्ची बाल संरक्षण ईकाई के पास हैं इसलिए अब माता पिता को वापस देने के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। विभाग परिवार की हर संभव मदद करेगा और कोशिश करेगा कि 3- 4 दिनों में बच्ची को उसके माता पिता को लौटा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाल संरक्षण ईकाई की राधिका नाम की आया बच्ची का ईलाज करने सदर अस्पताल गई हुई थीं। जिसके बाद बच्चा चोरी का आरोप लगाकर लोगों ने उन्हें घेर लिया था।


Conclusion:
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