ETV Bharat / state

कैमूर में खेल मैदान बना मवेशियों का अड्डा, प्रैटिक्स नहीं होने से खिलाड़ियों के भविष्य पर छा रहा अंधकार

कैमूर के सरैया गांव में खेल का एक मात्र मैदान (Only Playground in Saraiya Village in Kaimur)है. वो भी अतिक्रमण का शिकार बना हुआ है. खिलाड़ी खेल मैदान पर बाउंड्री बनाने की गुहार जेल प्रशासन, विधायक से लेकर मंत्री तक लगा चुके हैं. लेकिन, अभी तक यह कार्य नहीं हुआ है.

खेल मैदान बना मवेशियों का अड्डा
खेल मैदान बना मवेशियों का अड्डा
author img

By

Published : Jan 1, 2022, 6:51 PM IST

कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर में खिलाड़ी खेल प्रैटिक्स नहीं कर (Players upset in Kaimur) पाने से परेशान हैं. जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के दुबे के सरैया गांव में खेल का एक मात्र मैदान है लेकिन इस पर ग्रामीणों का कब्जा है. खिलाड़ियों को इससे काफी परेशानी होती है. मैदान के चारों ओर घर और खेत बनाकर अतिक्रमण कर लिया गया है. खिलाड़ी खेलते हैं और उनके बॉल घर या मवेशी को लग जाता है तो खिलाड़ियों से तू-तू मैं के साथ मामला हाथापाई तक पहुंच जाता है.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस सांसद का आरोप- जीएसटी बढ़ने से बढ़ रही मंहगाई, पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही मोदी सरकार

खिलाड़ी अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक खेल मैदान का बाउंड्री करने की गुहार लगा कर थक चुके हैं. आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई. गौरतलब है कि चैनपुर विधानसभा से लगातार तीन बार बीजेपी के बृज किशोर बिन्द विधायक बने और एक बार मंत्री अति पिछड़ा कल्याण मंत्री और खनन मंत्री रहे. जबकि, बसपा सीट से विजयी मोहम्मद जमा खान जदयू में शामिल हुए. वो अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने. दोनों मंत्रियों से खिलाड़ी मैदान को अतिक्रमण मुक्त का गुहार लगाते रहे पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

'दर्जनों गांवों के खिलाड़ी मैदान पर फुटबॉल खेलने आते हैं. हर साल दो बार मैच का आयोजन किया जाता है. उसके बाद भी अधिकारी जनप्रतिनिधियों का ध्यान मैदान पर नहीं जाता. खेल मैदान के जमीन का अतिक्रमण किया जा रहा है. जिससे आने वाले समय मे खिलाड़ियों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है.' - संतोष यादव, फुटबॉल खिलाड़ी

खेल प्रैटिक्स सही से नहीं होने से खिलाड़ियों के भविष्य पर छा रहा अंधकार

'जब भी मैदान पर खेलने जाते है तो गांव वाले विरोध करते है. खेलने में काफी परेशानी होती है. गांव वाले पुआल, मवेशी, घर बनाकर अतिक्रमण कर रखे हैं. विधायक भी सिर्फ चुनाव में वादे करते हैं पर आज तक खेल मैदान का बाउंड्री नहीं बना है.' - संजय राजभर, क्रिकेट खिलाड़ी

ग्रामीण विवेक कुमार द्विवेदी और बृज मोहन उपाध्याय का कहना है कि वर्षों से खेल मैदान का विकास करने के लिए गुहार लगाते रहे पर आज तक अतिक्रमण नहीं हटा. ना ही बाउंड्री हुआ. इससे क्षेत्र के खिलाड़ियों का भविष्य खतरे में है. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से आग्रह करते है कि खेल मैदान का बाउंड्री करा दिया जाए. मैदान का अस्तित्व बच सके और अपने जिले का भी खिलाड़ी आगे बढ़ सकें. इस बारे में जिला खेल पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहली बात तो हम जमीन के मालिक नहीं होते है. वो चैनपुर सीओ ही देख सकते हैं. कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी साफ-साफ बताने से इंकार कर रहा है.

'ऐसे किसी मामले की मुझे जानकारी नहीं है. इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता.' - पुलेंद्र कुमार, चैनपुर सीओ.

ये भी पढ़ें- आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने कहा- नीतीश कुमार हैं दगाबाज, पीठ पर घोंपते हैं खंजर

ये भी पढ़ें- ससुराल में पहले नये साल पर मिल रहे प्यार से अभिभूत राजश्री यादव, कहा- काफी अच्छा लग रहा है

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर में खिलाड़ी खेल प्रैटिक्स नहीं कर (Players upset in Kaimur) पाने से परेशान हैं. जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के दुबे के सरैया गांव में खेल का एक मात्र मैदान है लेकिन इस पर ग्रामीणों का कब्जा है. खिलाड़ियों को इससे काफी परेशानी होती है. मैदान के चारों ओर घर और खेत बनाकर अतिक्रमण कर लिया गया है. खिलाड़ी खेलते हैं और उनके बॉल घर या मवेशी को लग जाता है तो खिलाड़ियों से तू-तू मैं के साथ मामला हाथापाई तक पहुंच जाता है.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस सांसद का आरोप- जीएसटी बढ़ने से बढ़ रही मंहगाई, पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही मोदी सरकार

खिलाड़ी अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक खेल मैदान का बाउंड्री करने की गुहार लगा कर थक चुके हैं. आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई. गौरतलब है कि चैनपुर विधानसभा से लगातार तीन बार बीजेपी के बृज किशोर बिन्द विधायक बने और एक बार मंत्री अति पिछड़ा कल्याण मंत्री और खनन मंत्री रहे. जबकि, बसपा सीट से विजयी मोहम्मद जमा खान जदयू में शामिल हुए. वो अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने. दोनों मंत्रियों से खिलाड़ी मैदान को अतिक्रमण मुक्त का गुहार लगाते रहे पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

'दर्जनों गांवों के खिलाड़ी मैदान पर फुटबॉल खेलने आते हैं. हर साल दो बार मैच का आयोजन किया जाता है. उसके बाद भी अधिकारी जनप्रतिनिधियों का ध्यान मैदान पर नहीं जाता. खेल मैदान के जमीन का अतिक्रमण किया जा रहा है. जिससे आने वाले समय मे खिलाड़ियों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है.' - संतोष यादव, फुटबॉल खिलाड़ी

खेल प्रैटिक्स सही से नहीं होने से खिलाड़ियों के भविष्य पर छा रहा अंधकार

'जब भी मैदान पर खेलने जाते है तो गांव वाले विरोध करते है. खेलने में काफी परेशानी होती है. गांव वाले पुआल, मवेशी, घर बनाकर अतिक्रमण कर रखे हैं. विधायक भी सिर्फ चुनाव में वादे करते हैं पर आज तक खेल मैदान का बाउंड्री नहीं बना है.' - संजय राजभर, क्रिकेट खिलाड़ी

ग्रामीण विवेक कुमार द्विवेदी और बृज मोहन उपाध्याय का कहना है कि वर्षों से खेल मैदान का विकास करने के लिए गुहार लगाते रहे पर आज तक अतिक्रमण नहीं हटा. ना ही बाउंड्री हुआ. इससे क्षेत्र के खिलाड़ियों का भविष्य खतरे में है. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से आग्रह करते है कि खेल मैदान का बाउंड्री करा दिया जाए. मैदान का अस्तित्व बच सके और अपने जिले का भी खिलाड़ी आगे बढ़ सकें. इस बारे में जिला खेल पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहली बात तो हम जमीन के मालिक नहीं होते है. वो चैनपुर सीओ ही देख सकते हैं. कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी साफ-साफ बताने से इंकार कर रहा है.

'ऐसे किसी मामले की मुझे जानकारी नहीं है. इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता.' - पुलेंद्र कुमार, चैनपुर सीओ.

ये भी पढ़ें- आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने कहा- नीतीश कुमार हैं दगाबाज, पीठ पर घोंपते हैं खंजर

ये भी पढ़ें- ससुराल में पहले नये साल पर मिल रहे प्यार से अभिभूत राजश्री यादव, कहा- काफी अच्छा लग रहा है

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.