कैमूर: बिहार के कैमूर जिले के भभुआ लिच्छवी भवन के पास समय पर वेतन नहीं मिलने समेत अन्य मांगों को लेकर बिहार विद्यालय रात्री प्रहरी संघ द्वारा धरना दिया गया. उनका कहना है कि सरकार हमसे दिन के 12 से 16 घंटे की ड्यूटी करवाती है, लेकिन वेतन सिर्फ 5 हजार ही मिलता है. यह श्रम कानून के तहत दैनिक मजदूरी को मिलने वाली राशि से भी काम है.
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16 घंटे ड्यूटी करने पर मिलता 5 हजार: वहीं, बिहार विधालय रात्रि प्रहरी संघ के लोगों ने बताया कि हमलोग अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर आज धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारे द्वारा प्रतिदिन पूरी नैतिकता एवं जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जाता है. हम सभी रात्रि प्रहरी की मुस्तैदी से विद्यालय के रखरखाव की व्यवस्था एवं संपत्ति सुरक्षित रहती है. उसके बाद भी हमलोगों को समय वेतन नहीं मिलता. हम सभी रात्रि प्रहरी बिना किसी अवकाश के 12 से 16 घंटे की ड्यूटी करते हैं. लेकिन इसके बदले विभाग और सरकार की तरफ से हमे मात्र 5000 का ही मानदेय दिया जाता है जो की श्रम कानून की दैनिक मजदूरी से भी काम है.
कई जिलों में 20 महीने से वेतन बकाया: संघ के लोगों ने बताया कि हमारे परिवार की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. हम लोग भुखमरी के कगार पर खड़े हैं. अभी भी पश्चिमी चंपारण, मुंगेर समेत कई जिले में रात्रि प्रहरियों का लगभग 20 से 25 महीने का मानोदय बकाया है. जिस कारण रात्रि प्रहरी अपने परिवार के लोगों का इलाज और अपने बच्चों की शिक्षा को पूरा नहीं कर पाते हैं. उक्त सभी विभागीय उदासीनता एवं लापरवाही के विरुद्ध सरकार से अपने अधिकारों की मांग की. हमारी सरकार से मांग है कि सर्वप्रथम विद्यालय रात्रि प्रहरी का नियमावली में संशोधन करते हुए रात्रि प्रहरी की नौकरी 60 वर्षों तक नियमित की जाए.
मांग पूरी नहीं होने पर करेंगे आत्मदाह: साथ ही रात्रि प्रहरी का पद सृजित करते हुए योग्यता के आधार पर परिचारी निम्न वर्गीय लिपिक में समायोजन किया जाए. रात्रि प्रहरी को श्रम कानून के नियम अनुसार न्यूनतम मजदूरी एवं ऑनलाइन के माध्यम से सीएफएमएस से समय पर भुगतान किया जाए. साथ ही कैमूर जिला के सभी प्रहरी को अप्रैल से बाकी बकाया राशि का भुगतान किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम आगे चलकर बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे और आत्मदाह भी करने के लिए बाध्य हो जाएंगे.