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कैमूर की मन्नत को मिला नया परिवार, बंगाली दम्पति ने लिया गोद

आज मन्नत की नई माँ ने जब मन्नत को अपने गोद में लिया तो उस माँ की मामता छलक पड़ी और वह रोने लगी. मन्नत की नई माँ ने नम आँखों से कहा कि आज 13 साल बाद वह मां बन रही है.

बच्ची को गोद लिया
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Published : Aug 27, 2019, 12:57 PM IST

कैमूर: कैमूर की अनाथ बच्ची मन्नत को एक नया परिवार मिला है. 5 माह की मन्नत को उसकी मां ने जन्म के कुछ दिनों बाद ही झाड़ी में मरने के लिए फेंक दिया था. ग्रामीणों के सहयोग से बच्ची को भभुआ दत्तक गृह लाया गया, जहां बच्ची की देखभाल हो रही थी. अब बच्ची को उसकी नई मां मिल गई है.

बंगाल के दम्पति ने लिया गोद
मन्नत को एक दम्पति ने गोद ले लिया है. अब मन्नत का नया पता पश्चिम बंगाल होगा. दम्पति बंगाल के रहने वाले हैं उनलोगों ने मन्नत को कैमूर के बाल संरक्षण ईकाई से गोद लिया. मन्नत कि नई मां ने बच्ची का नामकरण किया. अब बच्ची का नाम मन्नत मजुमदार हो गया.

बंगाली दम्पति ने लिया बच्ची को गोद

आपको बता दें कि बंगाल के दम्पति पिछले 2 साल से एक बच्ची गोद लेने के लिए संघर्ष कर रहे थे. उनकी यह मन्नत अब जाकर पूरी हुई.

बाल संरक्षण पर 1.5 लाख की मांग का आरोप
24 अगस्त को बाल संरक्षण पर 1.5 लाख रुपये मांगने का आरोप भी लगा था. इसके बाद दम्पति ने डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी से शिकायत भी की थी. डीएम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आज बच्ची को दम्पति को गोद लेने का आदेश दिया. इसको लेकर बाल संरक्षण ईकाई की बहुत फजीहत हुई.

मां की मन्नत पूरी
आज मन्नत की नई माँ ने जब मन्नत को अपने गोद में लिया तो उस माँ कि मामता छलक पड़ी और वह रोने लगी. मन्नत की नई माँ ने नम आँखों से कहा कि आज 13 साल बाद वह मां बन रही है. उन्हें इतनी खुशी हुई है कि उनके पास कुछ बोलने के लिए शब्द नहीं है. आज उनकी मन्नत पूरी हो गई.

कैमूर
नि:शब्द बच्ची की मां

डीएम और मीडिया को दिया धन्यवाद
दोनों दम्पति ने डीएम और मीडिया को भी बधाई दी. बच्ची दिलाने और भष्टाचार के खिलाफ उनका साथ देने के लिए दोनों ने डीएम और मीडिया को धन्यवाद भी कहा. वहीं कैमूर के बाल संरक्षण ईकाई के सहायक ने अपनी संस्था की ओर से खेद जताया कि दम्पति को परेशानी झेलनी पड़ी. संस्था ने बच्ची की अच्छी तरह से देख-रेख उज्जवल भविष्य की कामना की.

कैमूर
धन्यवाद करते बच्ची के पिता

कैमूर: कैमूर की अनाथ बच्ची मन्नत को एक नया परिवार मिला है. 5 माह की मन्नत को उसकी मां ने जन्म के कुछ दिनों बाद ही झाड़ी में मरने के लिए फेंक दिया था. ग्रामीणों के सहयोग से बच्ची को भभुआ दत्तक गृह लाया गया, जहां बच्ची की देखभाल हो रही थी. अब बच्ची को उसकी नई मां मिल गई है.

बंगाल के दम्पति ने लिया गोद
मन्नत को एक दम्पति ने गोद ले लिया है. अब मन्नत का नया पता पश्चिम बंगाल होगा. दम्पति बंगाल के रहने वाले हैं उनलोगों ने मन्नत को कैमूर के बाल संरक्षण ईकाई से गोद लिया. मन्नत कि नई मां ने बच्ची का नामकरण किया. अब बच्ची का नाम मन्नत मजुमदार हो गया.

बंगाली दम्पति ने लिया बच्ची को गोद

आपको बता दें कि बंगाल के दम्पति पिछले 2 साल से एक बच्ची गोद लेने के लिए संघर्ष कर रहे थे. उनकी यह मन्नत अब जाकर पूरी हुई.

बाल संरक्षण पर 1.5 लाख की मांग का आरोप
24 अगस्त को बाल संरक्षण पर 1.5 लाख रुपये मांगने का आरोप भी लगा था. इसके बाद दम्पति ने डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी से शिकायत भी की थी. डीएम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आज बच्ची को दम्पति को गोद लेने का आदेश दिया. इसको लेकर बाल संरक्षण ईकाई की बहुत फजीहत हुई.

मां की मन्नत पूरी
आज मन्नत की नई माँ ने जब मन्नत को अपने गोद में लिया तो उस माँ कि मामता छलक पड़ी और वह रोने लगी. मन्नत की नई माँ ने नम आँखों से कहा कि आज 13 साल बाद वह मां बन रही है. उन्हें इतनी खुशी हुई है कि उनके पास कुछ बोलने के लिए शब्द नहीं है. आज उनकी मन्नत पूरी हो गई.

कैमूर
नि:शब्द बच्ची की मां

डीएम और मीडिया को दिया धन्यवाद
दोनों दम्पति ने डीएम और मीडिया को भी बधाई दी. बच्ची दिलाने और भष्टाचार के खिलाफ उनका साथ देने के लिए दोनों ने डीएम और मीडिया को धन्यवाद भी कहा. वहीं कैमूर के बाल संरक्षण ईकाई के सहायक ने अपनी संस्था की ओर से खेद जताया कि दम्पति को परेशानी झेलनी पड़ी. संस्था ने बच्ची की अच्छी तरह से देख-रेख उज्जवल भविष्य की कामना की.

कैमूर
धन्यवाद करते बच्ची के पिता
Intro:कैमूर।

बंगाली दम्पति की मन्नत पूरी, कैमूर की मन्नत को मिले बंगाल के माता पिता
Body:
कैमूर।


कैमूर की अनाथ बच्ची मन्नत को मिला नया परिवार, अब मन्नत का नया पता होगा पश्चिम बंगाल। मन्नत कि नई माँ ने किया नामकरण अब बच्ची का नाम होगा मन्नत मजुमदार।
दम्पति बंगाल के रहने वाले है जो कैमूर के बाल संरक्षण ईकाई से अनाथ बच्ची को गोद लिया। मन्नत मात्र पाँच माह की है ऐसी बच्ची है जिसको माँ ने जन्म के बाद झाँडी में मरने के लिए फेक दिया था। ग्रामीणों के सहयोग से बच्ची को भभुआ दत्तक गृह लाया गया। जहाँ बच्ची की देखभाल हो रही थी। आज मन्नत की नई माँ ने जब मन्नत को अपने गोद में लिया तो माँ कि मामता छलक पड़ी और रोने लगी। मन्नत की नई माँ ने नम आँखों से कहा कि आज तेहर साल बाद मैं मां बन रही हूँ।
मुझे इतनी खुशी हैं कि कुछ बोलने के लिए मेरे पास कोई शब्द नही हैं।
बता दे कि मन्नत के लिए बंगाल के दम्पति दो साल से संघर्ष कर रहे थे।

24 अगस्त को बाल संरक्षण द्वारा द्वारा 1.5 लाख मांगने के आरोप भी लगा था। जिसके बाद दम्पति ने डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी से शिकायत भी की थी। डीएम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आज बच्ची को दम्पति को गोद देने का आदेश दिया था। जिसको लेकर बाल संरक्षण ईकाई की बहुत फजिहत हुई थी।

दोनो दम्पति ने डीएम और मीडिया को भी बधाई दिया जो बच्ची दिलाने और भष्टाचार के खिलाफ उनका साथ दिया। वही कैमूर के बाल संरक्षण ईकाई के सहायक ने अपनी संस्था की ओर से खेद जताया कि दम्पति को परेशानी झेलनी पड़ी। बच्ची के देख रेख करने और बच्ची की उज्जवल भविष्य के कामना किया ।
बाईट-महुआ मदुमदार-मन्नत कि माँ
बाईट-देववर्त मजुमदार-मन्नत के पिता
Conclusion:
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