कैमूर: बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक (Bihar State Elementary Teacher) संघ के द्वारा आज भभुआ जिला मुख्यालय पर कैबिनेट के फैसले (Cabinet Decisions) की प्रतियां जलाई गयीं. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार के आह्वान पर जिला अध्यक्ष संतोष कुमार प्रसाद के नेतृत्व में यह विरोध कार्यक्रम हुआ.
ये भी पढ़ें: कैमूर में 23 अगस्त से बच्चों को लगेगा जापानी इंसेफलाइटिस का टीका
वहीं, जिला अध्यक्ष संतोष कुमार प्रसाद ने बताया कि राज्य में पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय संस्था के तहत प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षक की नियुक्ति नियमावली यथा संशोधित 2020 में प्रधान शिक्षक प्रधानाध्यापक पद को वर्तमान में कार्यरत योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों को प्रोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है.
बिहार राज्य के प्रारंभिक माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्तमान में करीब 4 लाख शिक्षकों के हक की हकमारी करते हुए प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा प्रधान शिक्षक प्रधानाध्यापक पद पर बहाल करने का आदेश कैबिनेट में पास किया गया है. इस प्रतियोगिता परीक्षा में प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षकों को भी शामिल किया है जो सरकारी स्कूल के शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी है.
ये भी पढ़ें: 8 माह के शिवम की दोनों किडनी फेल, इलाज के लिए 25 लाख की जरुरत
सरकार कोई न कोई बहाना बनाकर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है. साथ ही शिक्षकों को आंदोलन करने के लिए बाध्य कर रही है. अगर सरकार प्रधान शिक्षक प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति संबंधी कैबिनेट के फैसले को वापस नहीं लेती है तो शिक्षक बाध्य होकर राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे.
साथ ही साथ सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेगी तो प्रदेश संघ के आह्वान पर शिक्षक 5 सितंबर 2021 को काली पट्टी लगाकर शिक्षक दिवस मनाएंगे. आंदोलन को तेज करते हुए पूरे बिहार में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. सरकार को मजबूर किया जाएगा कि कैबिनेट के फैसले को वापस ले.
ये भी पढ़ें: ट्रैक्टर से लगी थी पानी की टंकी, पुलिस ने खोला तो मिला 'खजाना'