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Loot in MNREGA Scheme: कैमूर में अवैध रूप से करोड़ों रुपये की निकासी, डीडीसी पर गबन का आरोप - Kaimur News

Kaimur News: सरकार में मनरेगा योजना के तहत कई सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है. जबकि कैमूर में इस बार इस योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपये का गबन किया गया है. इसके विरोध में जिला परिषद सदस्य विकास सिंह ने डीडीसी के खिलाफ मोर्चा खोला है. उनका कहना है कि कई टेंडरों में जल जीवन हरियाली के तहत सामग्रियों को खरीदा जाता है. जबकि इस बार कई तरीके से लेनदेन किए गए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

कैमूर में मनरेगा योजना के तहत करोड़ों रूपए का गबन
कैमूर में मनरेगा योजना के तहत करोड़ों रूपए का गबन
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Published : Jan 17, 2023, 7:23 PM IST

कैमूर में मनरेगा योजना के करोड़ों रूपए का गबन

कैमूर: बिहार के कैमूर में मनरेगा योजना के तहत करोड़ों रुपये का गबन हुआ है. इस बात की जानकारी देते हुए जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने डीडीसी के खिलाफ कई तरह से सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि मनरेगा योजना के तहत अवैध रूप से पैसा निकासी करने के लिए निविदा रद्द वेंडरो से सामानों की खरीद की गई है. उन्होंने बताया कि जल जीवन हरियाली के लिए मनरेगा योजना के तहत सामग्रियों की लेन देन गलत तरीके से की गई है. ताकि अधिक से अधिक राशि की निकासी की जा सके.

यह भी पढ़ेंः 26 जनवरी और 15 अगस्त को विशेष स्कीम के तहत कैदियों को किया जाएगा रिहा, कैबिनेट से मंजूरी

जिप सदस्य ने लिखा पत्र: इस मामले पर जिला परिषद सदस्य विकास सिंह ने जिले के डीडीसी डॉ गजेंद्र प्रसाद सिंह पर इन सारे रूपयों के गबन का आरोप लगाया है. इसके साथ ही गलत तरीके से राशि के गबन मामले में जांच के लिए उन्होंने जिला पदाधिकारी, मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग, आयुक्त ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा है. एक अलग मामले में जिले के चैनपुर प्रखंड में मनरेगा के द्वारा चयनित वेंडरों को 346 रुपए की जगह 400 रुपये की दर से भुगतान किया गया. उस मामले में भी मनरेगा के अधिकारियों को विभाग ने तलब किया है.

रुपयों की हेराफेरी का आरोप: जिप सदस्य विकास ने बताया कि दिनांक 11 अगस्त 2022 को विभाग के द्वारा तकनीकी निविदा खोलकर गैबियन का दर 346 रुपए निर्धारित किया गया. उसके बाद चैनपुर में 400 रुपये के रेट से करोड़ों रुपये का भुगतान सरकारी राशि से किया गया. इन सारे घोटालों की जिम्मेवारी जिले के डीडीसी का है. आखिरकार उन्होंने अभी तक राशियों की रिकवरी क्यों नहीं की..? उन्होंने इस मामले में जांच पड़ताल के लिए राज्यस्तरीय कमिटी गठित करने की मांग की है. जिसमें सदस्य के रूप में वे भी रहें. जिससे की जिले के वित्तीय नियमों के विरुद्ध काम करने और लूट-खसोट मचाने के लिए मामले को उजागर किया जा सके.

डीडीसी को घेरा: डीडीसी को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए जिप सदस्य विकास सिंह ने कहा कि कैमूर में स्वच्छता के नाम पर डस्टबिन वितरण करने के लिए हर प्रखंड से चार पंचायतों का चयन किया गया था. जिसके लिए 15-15 लाख रुपये की निकासी की गई. इन पैसों से सारे पंचायतों में 30 से 40 रुपए के घटिया क्वालिटी के कूड़ेदान बांटे गए हैं. जबकि सरकारी नियमों के अनुसार उच्च कोटि के नीलकमल कंपनी के द्वारा बनाए गए डस्टबिन का वितरण करना है. इन सभी मामलों में डीडीसी पर जांच का आरोप लगाते हुए जिप सदस्य विकास ने आज शहर के एकता चौक पर डीडीसी का पुतला दहन किया है. ताकि सरकार तक यह बात पहुंचे और त्वरित कार्रवाई की जाए.

"कैमूर में स्वच्छता के नाम पर डस्टबिन वितरण करने के लिए हर प्रखंड से चार पंचायतों का चयन किया गया था. जिसके लिए 15-15 लाख रुपये की निकासी की गई. इन पैसों से सारे पंचायतों में 30 से 40 रुपए के घटिया क्वालिटी के कूड़ेदान बांटे गए हैं. जबकि सरकारी नियमों के अनुसार उच्च कोटि के नीलकमल कंपनी के द्वारा बनाए गए डस्टबिन का वितरण करना है"-विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल, जिप सदस्य भभुआ

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कैमूर में मनरेगा योजना के करोड़ों रूपए का गबन

कैमूर: बिहार के कैमूर में मनरेगा योजना के तहत करोड़ों रुपये का गबन हुआ है. इस बात की जानकारी देते हुए जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने डीडीसी के खिलाफ कई तरह से सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि मनरेगा योजना के तहत अवैध रूप से पैसा निकासी करने के लिए निविदा रद्द वेंडरो से सामानों की खरीद की गई है. उन्होंने बताया कि जल जीवन हरियाली के लिए मनरेगा योजना के तहत सामग्रियों की लेन देन गलत तरीके से की गई है. ताकि अधिक से अधिक राशि की निकासी की जा सके.

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जिप सदस्य ने लिखा पत्र: इस मामले पर जिला परिषद सदस्य विकास सिंह ने जिले के डीडीसी डॉ गजेंद्र प्रसाद सिंह पर इन सारे रूपयों के गबन का आरोप लगाया है. इसके साथ ही गलत तरीके से राशि के गबन मामले में जांच के लिए उन्होंने जिला पदाधिकारी, मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग, आयुक्त ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा है. एक अलग मामले में जिले के चैनपुर प्रखंड में मनरेगा के द्वारा चयनित वेंडरों को 346 रुपए की जगह 400 रुपये की दर से भुगतान किया गया. उस मामले में भी मनरेगा के अधिकारियों को विभाग ने तलब किया है.

रुपयों की हेराफेरी का आरोप: जिप सदस्य विकास ने बताया कि दिनांक 11 अगस्त 2022 को विभाग के द्वारा तकनीकी निविदा खोलकर गैबियन का दर 346 रुपए निर्धारित किया गया. उसके बाद चैनपुर में 400 रुपये के रेट से करोड़ों रुपये का भुगतान सरकारी राशि से किया गया. इन सारे घोटालों की जिम्मेवारी जिले के डीडीसी का है. आखिरकार उन्होंने अभी तक राशियों की रिकवरी क्यों नहीं की..? उन्होंने इस मामले में जांच पड़ताल के लिए राज्यस्तरीय कमिटी गठित करने की मांग की है. जिसमें सदस्य के रूप में वे भी रहें. जिससे की जिले के वित्तीय नियमों के विरुद्ध काम करने और लूट-खसोट मचाने के लिए मामले को उजागर किया जा सके.

डीडीसी को घेरा: डीडीसी को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए जिप सदस्य विकास सिंह ने कहा कि कैमूर में स्वच्छता के नाम पर डस्टबिन वितरण करने के लिए हर प्रखंड से चार पंचायतों का चयन किया गया था. जिसके लिए 15-15 लाख रुपये की निकासी की गई. इन पैसों से सारे पंचायतों में 30 से 40 रुपए के घटिया क्वालिटी के कूड़ेदान बांटे गए हैं. जबकि सरकारी नियमों के अनुसार उच्च कोटि के नीलकमल कंपनी के द्वारा बनाए गए डस्टबिन का वितरण करना है. इन सभी मामलों में डीडीसी पर जांच का आरोप लगाते हुए जिप सदस्य विकास ने आज शहर के एकता चौक पर डीडीसी का पुतला दहन किया है. ताकि सरकार तक यह बात पहुंचे और त्वरित कार्रवाई की जाए.

"कैमूर में स्वच्छता के नाम पर डस्टबिन वितरण करने के लिए हर प्रखंड से चार पंचायतों का चयन किया गया था. जिसके लिए 15-15 लाख रुपये की निकासी की गई. इन पैसों से सारे पंचायतों में 30 से 40 रुपए के घटिया क्वालिटी के कूड़ेदान बांटे गए हैं. जबकि सरकारी नियमों के अनुसार उच्च कोटि के नीलकमल कंपनी के द्वारा बनाए गए डस्टबिन का वितरण करना है"-विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल, जिप सदस्य भभुआ

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