कैमूर(भभुआ): जिले के भभुआ प्रखंड के सागर गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली अभियान (Jal Jeevan Hariyali Abhiyan) के तहत 2.62 करोड़ रुपये की लागत से तालाब का जीणोद्धार किया जा रहा है. ग्रामीणों ने तालाब की खुदाई में अनियमितता का आरोप लगाया है. एक माह से काम चल रहा है पर आज तक सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया गया कि तलाब खुदाई की लागत क्या है और काम कब तक पूरा करना है.
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लाखों रुपये का घोटाला करने का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि तालाब की खुदाई 24 एकड़ जमीन पर होनी थी, लेकिन सिर्फ 20 एकड़ में ही की जा रही है. तालाब के लिए जमीन को 7 फीट गहरा खोदना था, लेकिन इसमें भी अनियमितता बरती जा रही है. कहीं, चार तो कहीं दो फीट गहराई तक खुदाई की जा रही है. ग्रामीणों ने अनियमितता कर लाखों रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया है और डीएम से इसकी जांच कराने की मांग की है.
स्थानीय मजदूरों को नहीं मिला काम
गांव में काफी वर्षों बाद तलाब का जीणोद्धार कार्य शुरू हुआ तो ग्रामीणों में खुशी थी. अनियमितता के चलते अब गांव के लोग नाराज हैं. गांव के मजदूर लॉकडाउन में काम तलाश रहे हैं. वहीं, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से ट्रैक्टर और जेसीबी मंगाकर काम किया जा रहा है.
15 जून तक पूरा होगा काम
लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी रामानुज प्रसाद ने कहा, "जल जीवन हरियाली अभियान के तहत काम हो रहा है. 24 एकड़ जमीन पर तालाब बनाना है. इसमें किनारा बनाने के लिए भी जमीन छोड़ना है. औसत गहराई 7 फीट रखने का प्रावधान है. अभी काम जारी है. टीला भी छोड़ा गया है. इससे नापा जाएगा कि कितनी गहराई तक खुदाई हुई है."
"तालाब पर चल रहे काम का निरीक्षण नियमित रूप से किया जा रहा है. जहां भी सुधार की जरूरत होगी उसे कराएंगे. पानी रहने के चलते काम देर से शुरू हुआ था. युद्धस्तर पर काम करा रहे हैं. 15 जून तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके बाद पानी आने और जाने के लिए रास्ता बनाना है."- रामानुज प्रसाद, कार्यपालक पदाधिकारी
"सात फीट खुदाई होनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. अब तक 2.5 से 3 फीट खुदाई हो रही है. खुदाई 24 एकड़ में की जानी थी, जबकि सिर्फ 20 एकड़ में की जा रही है."- डॉ कोमल प्रसाद सिंह, ग्रामीण
"अभी काम फाइनल नहीं हुआ है. बारिश के चलते काम प्रभावित हुआ था. 7 फीट गहराई तक खुदाई करना है. हम लोग तय प्रोजेक्ट के अनुसार सात फीट गहराई तक खुदाई करेंगे."- बबलू सिंह, एजेंसी के मुंशी
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