जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद में ब्लड की कालाबाजरी (Blood marketing in Jehanabad) करते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया गया है. मामला मल्हचक मुहल्ले के पास का है. सामाजिक कार्यकर्ता विपुल कुमार ने बताया कि एक व्यक्ति को ब्लड की आवश्यकता थी इसीलिए संतोष कुमार नामक व्यक्ति से संपर्क किया गया. उसने ब्लड देने की एवज में ₹4500 की मांग की. उसके बाद उसे जहानाबाद ब्लड को पहुंचाने की मांग की गई. इसी पर ब्लड लेकर आए व्यक्ति को रंगे हाथ धर दबोचा गया.
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ब्लड की कालाबाजारी के पीछे छिपा नेटवर्क: ब्लड लेकर रसलपुर गांव निवासी संजय कुमार मल्हाचक मोड़ के पास आया तभी विपुल कुमार द्वारा प्लानिंग के तहत इस युवक को पकड़ कर नगर थाने को सुपुर्द कर दिया गया. संजय कुमार ने बताया कि मैं संतोष कुमार नामक व्यक्ति जो पटना का रहने वाला है उसी के यहां काम करता हूं. उसी के कहने पर मैं इस जगह ब्लड लेकर आया हूं. ब्लड बैंक के कालाबाजारी का माफिया संतोष कुमार बताया जाता है. वहीं जिस तरह से बीच सड़क पर ब्लड का कारोबार हो रहा है, इसे प्रतीत होता है कि इसकी कालाबाजारी की जा रही है. इसमें बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है.
"मैं संतोष कुमार नामक व्यक्ति जो पटना का रहने वाला है उसी के यहां काम करता हूं. उसी के कहने पर मैं इस जगह ब्लड लेकर आया हूं."-संजय कुमार, गिरफ्तार युवक
इन जगहों पह ही मिलता है ब्लड: विपुल कुमार ने कहा कि आम लोगों को सड़क पर कभी भी ब्लड नहीं मिलता है. ब्लड के लिए ब्लड बैंक और सरकारी संस्थाओं में इसकी व्यवस्था की जाती है. हालांकि जिस तरह से लोग टेलीफोन के माध्यम से ब्लड पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इससे प्रतीत हो रहा है कि लोग ब्लड की कालाबाजारी कर रहे हैं और इसके लिए बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. विपुल कुमार ने बताया कि जिस व्यक्ति को मैंने ब्लड का आर्डर दिया था उसका फोन स्विच ऑफ बता रहा है. इससे आशंका जाहिर हो रही है कि यह लोग गोरखधंधे में शामिल हैं.
"आम लोगों को सड़क पर कभी भी ब्लड नहीं मिलता है. ब्लड के लिए ब्लड बैंक और सरकारी संस्थाओं में इसकी व्यवस्था की जाती है. हालांकि जिस तरह से लोग टेलीफोन के माध्यम से ब्लड पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इससे प्रतीत हो रहा है कि लोग ब्लड की कालाबाजारी कर रहे हैं और इसके लिए बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. विपुल कुमार ने बताया कि जिस व्यक्ति को मैंने ब्लड का आर्डर दिया था उसका फोन स्विच ऑफ बता रहा है."- विपुल कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता