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कंपकपाती सर्दी में कुछ यूं रात काटने को मजबूर हैं फायर ब्रिगेड के जवान, प्रशासनिक उदासीनता के हुए शिकार

मौजूदा समय में फायर ब्रिगेड के पास बाइक से लेकर बड़ी गाड़ियों को मिलाकर कुल 10 वाहन हैं और तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा जवान यहां बिस्कोमान के कोल्ड स्टोरेज में अपना गुजारा कर रहे हैं.

फायर ब्रिगेड
फायर ब्रिगेड
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Published : Jan 13, 2020, 2:01 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 4:01 PM IST

जहानाबाद: जिले में अगलगी की स्थिति में तत्काल मौके पर पहुंचने वाले फायर ब्रिगेड के जवान आज प्रशासनिक उदासीनता का शिकार हैं. आलम यह है कि कड़ाके की ठंड हो या गर्मी, बरसात हो या लू के थपेड़े ये दमकल कर्मी खुले आसमान में सोने को मजबूर हैं.

खुले बरामदे में सर्द रातों को गुजारने वाले पुलिस जवानों के लिए खुद का अपना भवन नहीं है. जिले में फायर ब्रिगेड का कार्यालय भवन बाजार समिति स्थित बिस्कोमान के कोल्ड स्टोरेज के हॉल में चल रहा है. हालात ये हैं कि खुले में सो रहे जवानों के सामान को लॉकर में रखने की सुविधा नहीं है. इनका नहाना, खाना और सोना कोल्ड स्टोरेज के इसी खुले बरामदे में होता है.

जहानाबाद फायर ब्रिगेड के अस्थायी कार्यालय से खास रिपोर्ट

परेशानी में हैं फायर ब्रिगेड के जवान
इस बाबत फायर ऑफिसर दयानंद सिंह ने बताया कि विभाग का अपना भवन बनाने का आदेश हो चुका है. लेकिन ये भवन अभी तक नहीं बना है. इसके चलते हम लोग बाजार समिति के इसी भवन के प्रांगण में अपना विभागीय कार्य करते हैं. परेशानियां बहुत हैं. इस भवन में ही दमकल की सारी गाड़ियां खड़ी की जाती हैं.

सब कुछ खुले दरबार जैसा
सब कुछ खुले दरबार जैसा

मौजूदा समय में फायर ब्रिगेड के पास बाइक से लेकर बड़ी गाड़ियों को मिलाकर कुल 10 वाहन हैं और तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा जवान यहां बिस्कोमान के कोल्ड स्टोरेज में अपना गुजारा कर रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि इनको अपना खुद का भवन कब तक मिलता है.

जहानाबाद: जिले में अगलगी की स्थिति में तत्काल मौके पर पहुंचने वाले फायर ब्रिगेड के जवान आज प्रशासनिक उदासीनता का शिकार हैं. आलम यह है कि कड़ाके की ठंड हो या गर्मी, बरसात हो या लू के थपेड़े ये दमकल कर्मी खुले आसमान में सोने को मजबूर हैं.

खुले बरामदे में सर्द रातों को गुजारने वाले पुलिस जवानों के लिए खुद का अपना भवन नहीं है. जिले में फायर ब्रिगेड का कार्यालय भवन बाजार समिति स्थित बिस्कोमान के कोल्ड स्टोरेज के हॉल में चल रहा है. हालात ये हैं कि खुले में सो रहे जवानों के सामान को लॉकर में रखने की सुविधा नहीं है. इनका नहाना, खाना और सोना कोल्ड स्टोरेज के इसी खुले बरामदे में होता है.

जहानाबाद फायर ब्रिगेड के अस्थायी कार्यालय से खास रिपोर्ट

परेशानी में हैं फायर ब्रिगेड के जवान
इस बाबत फायर ऑफिसर दयानंद सिंह ने बताया कि विभाग का अपना भवन बनाने का आदेश हो चुका है. लेकिन ये भवन अभी तक नहीं बना है. इसके चलते हम लोग बाजार समिति के इसी भवन के प्रांगण में अपना विभागीय कार्य करते हैं. परेशानियां बहुत हैं. इस भवन में ही दमकल की सारी गाड़ियां खड़ी की जाती हैं.

सब कुछ खुले दरबार जैसा
सब कुछ खुले दरबार जैसा

मौजूदा समय में फायर ब्रिगेड के पास बाइक से लेकर बड़ी गाड़ियों को मिलाकर कुल 10 वाहन हैं और तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा जवान यहां बिस्कोमान के कोल्ड स्टोरेज में अपना गुजारा कर रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि इनको अपना खुद का भवन कब तक मिलता है.

Intro:कड़ाके की ठंड में जहानाबाद के आग से खेलने वाले और उसकी सब रातों में भी सोते हैं खुले बरामदे में खुद का अपना भवन नहीं रहने की वजह से यह दूसरे के भवन बाजार समिति का भवन में दिन और रात गुजारते हैं अग्निशमन विभाग के कर्मी


Body:बाजार समिति के भवन में चल रहा है अग्निशमन विभाग का कार्यालय इनका अब तक खुद का भवन नहीं रहने की वजह से यह राजा बाजार स्थित बाजार समिति के एक भवन के बरांडे में अपना दिन और रात और कार्य करते आ रहे हैं पिछले कई सालों से पर अब तक इनका अपना भवन खुद का नहीं बन पाया है जिससे यह लोग दिन-रात इसी भवन के बरांडे में गुजारा करते हैं वरना चारों तरफ से खुला होने को जैसे इन्हें बरसात के मौसम हो या ठंड हो गर्मी का मौसम सब में इन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है साथ ही असामाजिक तत्वों का भी इधर से आना जाना लगा रहता है जिससे इन लोगों भय भी रहता है देखने में तो ऐसा लगता है कि यह कोई रेलवे स्टेशन है या भूत बंगला पर पास जाने पर अग्निशमन विभाग का कार्यालय नजर आता है इस भवन में एक कमरा नहीं है इन कर्मियों के सोने के लिए अनार सही रूप से विभाग का कार्यालय जिसमें सुचारू रूप से विभाग चल पाए बढ़ाने में फोन और सोने का व्यवस्था है तो एक मात्र रूम में फायर ब्रिगेड का ऑफिसर का कर्जा ले वह भी नाम का है भवन का जो छत है कमजोर भी है और काफी पुराना जिससे यहां रह रहे कर्मियों का भी उस को लेकर डर सताता है विभाग का जो गाड़ियां है खुले आसमान के में रहता है बाहर में जिसे गाड़ी में खराब होने का भी संभावना रहता है खैर जो भी हो विभाग के पास 10 गाड़ियां है और कर्मी है भवन के साथ इन लोगों की जाम की समस्या का भी सामना करना पड़ता है विवाह के कैसे जगह घनी बस्ती में है जहां पर आए दिन सड़क जाम की समस्या बना रहता है आगजनी हो जाता है तो निकाल पाना बड़ी मुश्किल होती है गाड़ियों का।


Conclusion:बताते चलें कि वही इस संबंध में फायर ऑफिसर दयानंद सिंह ने बताया कि विभाग का अपना भवन का बनाने का आदेश हो चुका है अभी तक नहीं बनने को जैसे हम लोग बाजार समिति के इसी भवन के प्रांगण में अपना विभागीय कार्य करते हैं परेशानियां तो है ही है इस भवन में और अपना भवन रहता तो गाड़ी भी अपने प्रांगण में खड़ा रहता और हमारे कर्मियों को इस तरह से कोई परेशानी नहीं हो पाता सबसे बड़ी समस्या जाम कि यहां पर उस से भी निजात मिल जाता और विभाग हम लोग का अपना भवन में चला जाता है तो
Last Updated : Jan 13, 2020, 4:01 PM IST
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