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जहानाबाद: Lockdown में किसानों पर दोहरी मार, सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद - coronavirus case in jehanabad

जहानाबाद में लॉकडाउन की वजह से किसान काफी परेशान हैं. उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद करने की मांग की है.

farmers worried due to lockdown in jehanabad
farmers worried due to lockdown in jehanabad
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Published : May 23, 2020, 6:01 PM IST

Updated : May 23, 2020, 10:08 PM IST

जहानाबाद: पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से सभी परेशान हैं. लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर किसानों पर हो रहा है. लॉकडाउन के कारण जहां व्यवसाय ठप है. वहीं, किसानों की समस्या सबसे अधिक है. क्योंकि जब रवि फसल की कटाई हो रही थी, तब पहले तो बारिश की वजह से काफी क्षति हुई. फिर किसानों ने सब्जी की खेती की, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण सब्जी के खरीदार बहुत कम हो जाने के कारण सब्जी का रेट न्यूनतम हो गया है.

किसानों की बढ़ी परेशानी
किसानों ने बताया कि भिंडी और परवल 2 से 3 रुपये किलो बिक रहे हैं. वहीं लौकी और करेले 5 से 6 रुपये किलो किलो बिक रहे हैं. जबकि खीरे का रेट 4 से 6 रुपये के करीब है. ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है. सब्जी की खेती में किसान अपनी क्षमता के अनुसार पूंजी लगा चुके हैं. उन्हें यह उम्मीद थी कि सब्जी की बिक्री होगी, तो मुनाफा सहित लागत वसूल हो जाएगा. लेकिन अब किसानों को मुनाफा तो क्या सब्जी की खेती में लगी लागत भी नहीं निकल पा रही है.

farmers worried due to lockdown in jehanabad
जानकारी देता किसान

सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद
सबसे ज्यादा परेशान वो सब्जी उगाने वाले किसान हैं, जिनका अपना खेत नहीं है. खेत किराए पर लेकर सब्जी की खेती की थी. ऐसे में अब सब्जी उत्पादकों को सरकार से उम्मीद है. किसानों का कहना है कि जिस तरह सरकार उद्योग और कारखाने को आर्थिक मदद दे रही है. उसी तरह किसान को भी खेती के लिए आर्थिक मदद देनी चाहिए.

अगर सरकार की ओर से किसानों को मदद नहीं की गई. तो किसान खेती छोड़कर भागने के लिए मजबूर होंगे. मजबूरन किसान दबाव में आकर आत्महत्या जैसे कदम भी उठा सकते हैं. क्योंकि किसान के सामने अपना परिवार चलाना, खेत मालिक को पैसा देना, खाद और बीज के दुकानदारों का कर्ज वसूलना जैसी कई समस्याएं है. जिसकी वजह से किसान परेशान हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

धान के लिए नहीं हैं पैसे
प्राकृतिक मार से बेहाल किसानों को अब सरकार से ही उम्मीद है. क्योंकि अगर सरकार किसानों की मदद नहीं करेंगे, तो आने वाला समय किसानों के लिए संकट से भरा होगा. क्योंकि रोहन नक्षत्र 20-25 दिन में आने वाला है. धान के बिछड़े इसी महीने खेतों में डाले जाते हैं. लेकिन किसान के पास पैसे नहीं है कि बाजारों से बिछड़े खरीदे जा सके. अगर किसान धान के भी बिछड़े नहीं डालेंगे, तो आने वाले समय में किसान की बदहाली हालत हो जाएगी.

जहानाबाद: पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से सभी परेशान हैं. लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर किसानों पर हो रहा है. लॉकडाउन के कारण जहां व्यवसाय ठप है. वहीं, किसानों की समस्या सबसे अधिक है. क्योंकि जब रवि फसल की कटाई हो रही थी, तब पहले तो बारिश की वजह से काफी क्षति हुई. फिर किसानों ने सब्जी की खेती की, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण सब्जी के खरीदार बहुत कम हो जाने के कारण सब्जी का रेट न्यूनतम हो गया है.

किसानों की बढ़ी परेशानी
किसानों ने बताया कि भिंडी और परवल 2 से 3 रुपये किलो बिक रहे हैं. वहीं लौकी और करेले 5 से 6 रुपये किलो किलो बिक रहे हैं. जबकि खीरे का रेट 4 से 6 रुपये के करीब है. ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है. सब्जी की खेती में किसान अपनी क्षमता के अनुसार पूंजी लगा चुके हैं. उन्हें यह उम्मीद थी कि सब्जी की बिक्री होगी, तो मुनाफा सहित लागत वसूल हो जाएगा. लेकिन अब किसानों को मुनाफा तो क्या सब्जी की खेती में लगी लागत भी नहीं निकल पा रही है.

farmers worried due to lockdown in jehanabad
जानकारी देता किसान

सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद
सबसे ज्यादा परेशान वो सब्जी उगाने वाले किसान हैं, जिनका अपना खेत नहीं है. खेत किराए पर लेकर सब्जी की खेती की थी. ऐसे में अब सब्जी उत्पादकों को सरकार से उम्मीद है. किसानों का कहना है कि जिस तरह सरकार उद्योग और कारखाने को आर्थिक मदद दे रही है. उसी तरह किसान को भी खेती के लिए आर्थिक मदद देनी चाहिए.

अगर सरकार की ओर से किसानों को मदद नहीं की गई. तो किसान खेती छोड़कर भागने के लिए मजबूर होंगे. मजबूरन किसान दबाव में आकर आत्महत्या जैसे कदम भी उठा सकते हैं. क्योंकि किसान के सामने अपना परिवार चलाना, खेत मालिक को पैसा देना, खाद और बीज के दुकानदारों का कर्ज वसूलना जैसी कई समस्याएं है. जिसकी वजह से किसान परेशान हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

धान के लिए नहीं हैं पैसे
प्राकृतिक मार से बेहाल किसानों को अब सरकार से ही उम्मीद है. क्योंकि अगर सरकार किसानों की मदद नहीं करेंगे, तो आने वाला समय किसानों के लिए संकट से भरा होगा. क्योंकि रोहन नक्षत्र 20-25 दिन में आने वाला है. धान के बिछड़े इसी महीने खेतों में डाले जाते हैं. लेकिन किसान के पास पैसे नहीं है कि बाजारों से बिछड़े खरीदे जा सके. अगर किसान धान के भी बिछड़े नहीं डालेंगे, तो आने वाले समय में किसान की बदहाली हालत हो जाएगी.

Last Updated : May 23, 2020, 10:08 PM IST
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