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Lok sabha Election: जहानाबाद में त्रिकोणीय लड़ाई, कौन पड़ेगा किसपर भारी

भूमिहार समुदाय के लोग लालू के मुकाबले नीतीश को तरजीह देते रहे हैं. भूमिहार-यादव बहुल सीट, दो दशकों से एनडीए के किले में तब्दील.

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Published : May 18, 2019, 2:41 PM IST

जहानाबाद: जहानाबाद कई नक्सली हमलों का गवाह भी रहा है. कभी यहां की सड़कें शाम होते ही वीरान हो जाती थीं. ग्रामीण इलाकों में पुलिस भी एंट्री लेने से डरती थी. यहां नक्सलियों और रणवीर सेना के बीच की लड़ाई में सैकड़ों निर्दोषों की जान गई. यह लोकसभा क्षेत्र लंबे समय तक वामपंथ का सियासी गढ़ रहा है. यहां सांसद बदलने की परंपरा पहले से चली आ रही है. फिलहाल रालोसपा के डॉ. अरुण कुमार यहां से सांसद हैं.

जहानाबाद में त्रिकोणीय मुकाबला
इस चुनाव में एनडीए ने जेडीयू प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को मैदान में उतारा है. तो वहीं आरजेडी ने अपने पुराने चेहरे पर ही भरोसा जताया है. सुरेंद्र यादव यहां से पहले भी सांसद रह चुके हैं. वहीं अरुण कुमार ने चुनावी मैदान में आकर यहां की लड़ाई त्रिकोणीय बना दी है. कुल मिलाकर इसबार चुनावी मैदान में कुल 13 प्रत्याशी हैं.

जहानाबाद का सियासी समीकरण

भूमिहार और यादव बहुल सीट
जहानाबाद भूमिहार और यादव बहुल सीट है. अरुण कुमार भूमिहार जाति से आते हैं. 2014 में अरुण एनडीए का हिस्सा थे और उन्होंने आरएलएसपी के टिकट पर चुनाव जीता था. लेकिन इस बार वह महागठबंधन का हिस्सा हैं. अरूण कुमार पहले समता पार्टी, फिर जेडीयू और बाद में आरएलएसपी से जुड़े. आरएलएसपी से बाहर होने के बाद इस बार वह अपनी खुद की पार्टी आरएलएसपी सेक्युलर के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड
अरूण कुमार संसदीय कार्यवाही में काफी सक्रिय रहे हैं. 16 वीं लोकसभा के दौरान डॉ. अरुण कुमार ने 57 बहसों में हिस्सा लिया. एक प्राइवेट मेंबर बिल भी वे संसद में लेकर आए. साथ ही उन्होंने विभिन्न मुद्दों से जुड़े 61 सवाल संसद के पटल पर पूछे.

2014 चुनाव का जनादेश
16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए चुनाव में इस सीट से आरएलएसपी से डॉ. अरुण कुमार जीते. अरुण कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार को 42340 वोटों से हराया. आरएलएसपी उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार को 322647 वोट मिले जबकि आरजेडी के सुरेंद्र यादव को 280307 वोट. नोटा पर 10352 मतदाताओं ने बटन दबाया.

विधानसभा सीटों का समीकरण
जहानाबाद संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं जिनमें अरवल, कुर्था, जहानाबाद, घोसी, अतरी और मखदूमपुर. इनमें से मखदूमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. ये सीटें जहानाबाद और अरवल जिलों में पड़ती हैं, जबकि एक सीट गया जिले के अन्तर्गत भी आती है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 4 आरजेडी ने, जबकि 2 सीटें जेडीयू ने जीतीं.

सांसद बदलने की परंपरा
इस सीट से 6 बार सीपीआई को जीत मिली. सीपीआई नेता रामाश्रय प्रसाद सिंह जहानाबाद से 4 बार चुनकर लोकसभा गए. 1999 चुनाव में अरुण कुमार ने जेडीयू के टिकट पर आरजेडी उम्मीदवार को हराया. 2004 के चुनाव में आरजेडी के गणेश प्रसाद सिंह ने अरुण कुमार को मात दी. लेकिन 2009 के चुनाव में जेडीयू से जगदीश शर्मा आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव को मात दी. 2014 के मोदी लहर में एनडीए की सहयोगी आरएलएसपी के टिकट पर यहां से दूसरी बार डॉ. अरुण कुमार जीते.

जहानाबाद: जहानाबाद कई नक्सली हमलों का गवाह भी रहा है. कभी यहां की सड़कें शाम होते ही वीरान हो जाती थीं. ग्रामीण इलाकों में पुलिस भी एंट्री लेने से डरती थी. यहां नक्सलियों और रणवीर सेना के बीच की लड़ाई में सैकड़ों निर्दोषों की जान गई. यह लोकसभा क्षेत्र लंबे समय तक वामपंथ का सियासी गढ़ रहा है. यहां सांसद बदलने की परंपरा पहले से चली आ रही है. फिलहाल रालोसपा के डॉ. अरुण कुमार यहां से सांसद हैं.

जहानाबाद में त्रिकोणीय मुकाबला
इस चुनाव में एनडीए ने जेडीयू प्रत्याशी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को मैदान में उतारा है. तो वहीं आरजेडी ने अपने पुराने चेहरे पर ही भरोसा जताया है. सुरेंद्र यादव यहां से पहले भी सांसद रह चुके हैं. वहीं अरुण कुमार ने चुनावी मैदान में आकर यहां की लड़ाई त्रिकोणीय बना दी है. कुल मिलाकर इसबार चुनावी मैदान में कुल 13 प्रत्याशी हैं.

जहानाबाद का सियासी समीकरण

भूमिहार और यादव बहुल सीट
जहानाबाद भूमिहार और यादव बहुल सीट है. अरुण कुमार भूमिहार जाति से आते हैं. 2014 में अरुण एनडीए का हिस्सा थे और उन्होंने आरएलएसपी के टिकट पर चुनाव जीता था. लेकिन इस बार वह महागठबंधन का हिस्सा हैं. अरूण कुमार पहले समता पार्टी, फिर जेडीयू और बाद में आरएलएसपी से जुड़े. आरएलएसपी से बाहर होने के बाद इस बार वह अपनी खुद की पार्टी आरएलएसपी सेक्युलर के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड
अरूण कुमार संसदीय कार्यवाही में काफी सक्रिय रहे हैं. 16 वीं लोकसभा के दौरान डॉ. अरुण कुमार ने 57 बहसों में हिस्सा लिया. एक प्राइवेट मेंबर बिल भी वे संसद में लेकर आए. साथ ही उन्होंने विभिन्न मुद्दों से जुड़े 61 सवाल संसद के पटल पर पूछे.

2014 चुनाव का जनादेश
16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए चुनाव में इस सीट से आरएलएसपी से डॉ. अरुण कुमार जीते. अरुण कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार को 42340 वोटों से हराया. आरएलएसपी उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार को 322647 वोट मिले जबकि आरजेडी के सुरेंद्र यादव को 280307 वोट. नोटा पर 10352 मतदाताओं ने बटन दबाया.

विधानसभा सीटों का समीकरण
जहानाबाद संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं जिनमें अरवल, कुर्था, जहानाबाद, घोसी, अतरी और मखदूमपुर. इनमें से मखदूमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. ये सीटें जहानाबाद और अरवल जिलों में पड़ती हैं, जबकि एक सीट गया जिले के अन्तर्गत भी आती है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 4 आरजेडी ने, जबकि 2 सीटें जेडीयू ने जीतीं.

सांसद बदलने की परंपरा
इस सीट से 6 बार सीपीआई को जीत मिली. सीपीआई नेता रामाश्रय प्रसाद सिंह जहानाबाद से 4 बार चुनकर लोकसभा गए. 1999 चुनाव में अरुण कुमार ने जेडीयू के टिकट पर आरजेडी उम्मीदवार को हराया. 2004 के चुनाव में आरजेडी के गणेश प्रसाद सिंह ने अरुण कुमार को मात दी. लेकिन 2009 के चुनाव में जेडीयू से जगदीश शर्मा आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव को मात दी. 2014 के मोदी लहर में एनडीए की सहयोगी आरएलएसपी के टिकट पर यहां से दूसरी बार डॉ. अरुण कुमार जीते.

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