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गेंदे के फूल की खेती से चलता था परिवार, बाढ़ में नष्ट हुई फसल, नहीं मिला मुआवजा

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Published : Jan 7, 2020, 11:16 AM IST

Updated : Jan 7, 2020, 11:39 AM IST

जहानाबाद के कल्पा गांव के किसान गेंदा फूल की खेती से ही अपने पूरे परिवार का पालन-पोषण करते थे. लेकिन, पिछले साल आई बाढ़ में भारी संख्या में गेंदे के फूल बह जाने के बाद यहां के किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं.

jehanabad
किसान

जहानाबाद: एक तरफ लोग रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जहानाबाद जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर स्थित कल्पा गांव के कई किसान 15-20 सालों से लगातार गेंदा के फूल की खेती करते आ रहे हैं. लेकिन, पिछले साल बरसात के मौसम में आई बाढ़ ने गेंदे के फूल की इस खेती को बुरी तरह प्रभावित किया. भारी संख्या में फसल नष्ट हुए, लेकिन सरकार की ओर से अबतक मुआवजा नहीं मिला.

गेंदे के फूल की खेती से चलता है परिवार
जिले के कल्पा गांव के किसान गेंदा फूल की खेती से ही अपने पूरे परिवार का पालन-पोषण करते थे. लेकिन, पिछले साल आई बाढ़ में भारी संख्या में फसल बह जाने के बाद यहां के किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. 15 कट्ठा में गेंदे के फूल की खेती कर रहे किसान बबन माली ने बताया कि वे इन्हीं फूलों से माला बनाकर पटना महावीर मंदिर और अन्य कई मंदिरों में भेजते हैं. इसी कारोबार से उनके पूरे परिवार का पालन-पोषण भी करते हैं. लेकिन, पिछले साल आई बाढ़ ने उनके व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित किया.

पेश है रिपोर्ट

सरकार से मुआवजे की मांग
किसान बबन माली ने बताया कि सरकार की तरफ से बाढ़ में बर्बाद हुए फसलों का मुआवजा अबतक नहीं मिल पाया. अब वे पहले की तरह खेती कर पाने में असमर्थ हैं. वहीं, महिला किसान शांति देवी ने बताया कि सरकार की तरफ से अनुदान नहीं मिल पाया, जिसके कारण उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. किसानों ने सरकार से फसल की क्षति का मुआवजा देने की मांग की है, ताकि वे पहले से ज्यादा बेहतर गेंदा के फूलों की खेती कर सकें.

jehanabad
गेंदे की खेती करने वाले किसान परेशान

यह भी पढ़ें- किसानों को दोहरी मार: पहले बारिश ने किया फसल बर्बाद, अब नहीं हो रही धान की बिक्री

जहानाबाद: एक तरफ लोग रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जहानाबाद जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर स्थित कल्पा गांव के कई किसान 15-20 सालों से लगातार गेंदा के फूल की खेती करते आ रहे हैं. लेकिन, पिछले साल बरसात के मौसम में आई बाढ़ ने गेंदे के फूल की इस खेती को बुरी तरह प्रभावित किया. भारी संख्या में फसल नष्ट हुए, लेकिन सरकार की ओर से अबतक मुआवजा नहीं मिला.

गेंदे के फूल की खेती से चलता है परिवार
जिले के कल्पा गांव के किसान गेंदा फूल की खेती से ही अपने पूरे परिवार का पालन-पोषण करते थे. लेकिन, पिछले साल आई बाढ़ में भारी संख्या में फसल बह जाने के बाद यहां के किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. 15 कट्ठा में गेंदे के फूल की खेती कर रहे किसान बबन माली ने बताया कि वे इन्हीं फूलों से माला बनाकर पटना महावीर मंदिर और अन्य कई मंदिरों में भेजते हैं. इसी कारोबार से उनके पूरे परिवार का पालन-पोषण भी करते हैं. लेकिन, पिछले साल आई बाढ़ ने उनके व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित किया.

पेश है रिपोर्ट

सरकार से मुआवजे की मांग
किसान बबन माली ने बताया कि सरकार की तरफ से बाढ़ में बर्बाद हुए फसलों का मुआवजा अबतक नहीं मिल पाया. अब वे पहले की तरह खेती कर पाने में असमर्थ हैं. वहीं, महिला किसान शांति देवी ने बताया कि सरकार की तरफ से अनुदान नहीं मिल पाया, जिसके कारण उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. किसानों ने सरकार से फसल की क्षति का मुआवजा देने की मांग की है, ताकि वे पहले से ज्यादा बेहतर गेंदा के फूलों की खेती कर सकें.

jehanabad
गेंदे की खेती करने वाले किसान परेशान

यह भी पढ़ें- किसानों को दोहरी मार: पहले बारिश ने किया फसल बर्बाद, अब नहीं हो रही धान की बिक्री

Intro:नए जमाने की खेती बारी और सोच बदल चुकी है कुछ लोग रोजी रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे लेकिन जहानाबाद जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूरी स्थित कल्पा गांव के कई किसान गेंदा का फूल का खेती 15/ 20 सालों से लगातार करते आ रहे हैं और अपने परिवार का पालन पोषण कर ही रहे थे पर बीते साल बरसात के मौसम में इन किसानों का प्रकृति ने अपना खेल दिया है बाढ़ आने की वजह से जिले में इनकी खेतों लगे गेंदा का फूल का बहा ले जाने का जैसे इस सभी किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच गय


Body:जहां एक तरफ सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं ला दिया है पर जहानाबाद के जिले के किसान इन योजनाओं का मुनाफा से दूर है जिले के कल्पा गांव में 15 से 20 सालों से गेंदा का फूल का खेती करने वाले कई किसान जो अपने पूरे परिवार का पालन पोषण इन्हीं गेंदा के फूलों की खेती से किया करते थे पर पिछले साल बाढ़ आ गया था जिले में जिससे उनके खेतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया था और लगे फसलों को बर्बाद कर दिया जिससे इन किसानों का 15 कट्ठा में लगे गेंदा का फूल का खेती बह गया जिससे किसानों को काफी नुकसान करना पड़ा सुबह से ही खेतों में आकर यह किसानलगे फूलों को सींचता है इन्हें क्या मालूम था कि बाढ़ का पानी सितम बनकर इतना नुकसान दे जाएगा इस बार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है कल्पा गांव के यह किसान परिवार और खेतों में सर पकड़ कर निहार रहे की कैसे आगे का जीवन व्यतीत कर पाएंगे हम


Conclusion:वही किसान बबन माली बताते हैं कि हम इन्हीं फूलों से माला बनाकर पटना महावीर मंदिर और कई मंदिरों और जगह पर जाकर भेजते हैं जिससे अपने पूरा परिवार का पालन पोषण करते हैं पर पिछले साल बाढ़ का पानी आने की वजह से इन खेतों में प्रवेश कर गया जिससे हमारा लगाया गया गेंदा का फूल खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गया और ना सरकार से अब तक मुझे अनुदान भी नहीं मिल पाया दोबारा हम सभी अब तक पहले की अपेक्षा खेती नहीं कर पा रहे हैं इस पर कम मात्रा में ही खेती की है परिवार के पूर्व भाषण करने के लिए पर सरकार की तरफ से कोई अनुदान हमें सरकार से नहीं मिल पाया महिला की शांति देवी काफी आर्थिक संकट से जूझ रही है जबसे उनके खेतों में बाढ़ का पानी आया और उनके लगाए गए गेंदा फूल का खेती पूरी तरह से बहा ले गया और आज इनका पूरा परिवार भुखमरी की कगार पर है सरकार से अनुरोध करते हैं कि हमें मुआवजा दें जिससे हम आगे की खेती कर पाए और फूल को बेचे बाहर में जाकर खैर जो भी हो कल्पा गांव की सुनहरा पल कब आएगा यह देखने के बाद फिलहाल यह किसान सरकार से अनुदान के रूप में एक आस लेकर बैठे हुए कब हमें फसल का नुकसान का मुआवजा मिलेगी फिर से हम लोग दोबारा पहले की अपेक्षा से और बेहतर गेंदा के फूलों का खेती कर सके
Last Updated : Jan 7, 2020, 11:39 AM IST
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