जहानाबाद: एक तरफ लोग रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जहानाबाद जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर स्थित कल्पा गांव के कई किसान 15-20 सालों से लगातार गेंदा के फूल की खेती करते आ रहे हैं. लेकिन, पिछले साल बरसात के मौसम में आई बाढ़ ने गेंदे के फूल की इस खेती को बुरी तरह प्रभावित किया. भारी संख्या में फसल नष्ट हुए, लेकिन सरकार की ओर से अबतक मुआवजा नहीं मिला.
गेंदे के फूल की खेती से चलता है परिवार
जिले के कल्पा गांव के किसान गेंदा फूल की खेती से ही अपने पूरे परिवार का पालन-पोषण करते थे. लेकिन, पिछले साल आई बाढ़ में भारी संख्या में फसल बह जाने के बाद यहां के किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. 15 कट्ठा में गेंदे के फूल की खेती कर रहे किसान बबन माली ने बताया कि वे इन्हीं फूलों से माला बनाकर पटना महावीर मंदिर और अन्य कई मंदिरों में भेजते हैं. इसी कारोबार से उनके पूरे परिवार का पालन-पोषण भी करते हैं. लेकिन, पिछले साल आई बाढ़ ने उनके व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित किया.
सरकार से मुआवजे की मांग
किसान बबन माली ने बताया कि सरकार की तरफ से बाढ़ में बर्बाद हुए फसलों का मुआवजा अबतक नहीं मिल पाया. अब वे पहले की तरह खेती कर पाने में असमर्थ हैं. वहीं, महिला किसान शांति देवी ने बताया कि सरकार की तरफ से अनुदान नहीं मिल पाया, जिसके कारण उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. किसानों ने सरकार से फसल की क्षति का मुआवजा देने की मांग की है, ताकि वे पहले से ज्यादा बेहतर गेंदा के फूलों की खेती कर सकें.
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