जहानाबाद: क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर पत्रकारों के जाने पर रोक लगा दी गई है. इसके खिलाफ रालोसपा ने काला दिवस मानाया है. रालोसपा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने आवास पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, मुंह पर काला पट्टी बांधकर सांकेतिक काला दिवस मनाया.
यह काला दिवस रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के आह्वान पर मनाया गया. उपेंद्र कुशवाहा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार कोरोना जैसी महामारी से निपटने में नाकाम साबित हो रही है. यहां के क्वॉरेंटाइन सेंटर का हाल इतना बुरा है कि प्रवासी लोग सेंटर से ही भाग रहे हैं. वहां सिर्फ सरकार की ओर से खानापूर्ति हो रही है. वहीं, सरकार के इस बदहाली का सच उजागर करने वाले भी मीडिया पर पाबंदी लगाकर राज्य सरकार ने विचित्र निर्णय लिया है. ऐसा निर्णय सीधा लोकतंत्र पर हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. मीडिया कर्मियों को प्रतिबंधित करने की लोकतंत्र विरोधी आदेश को अविलंब वापस किया जाए.
लॉकडाउन का पालन करने की अपील
इसके अलावे उपेंद्र कुशवाहा ने प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य में रोजगार उपलब्ध करवाने की मांग की. साथ ही किसानों की फसल के नुकसान की भरपाई के लिए तुरंत कार्रवाई करने की मांग की. उपेंद्र कुशवाहा ने लोगों से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की.
दूसरे राज्यों में स्वेच्छा से रुकने वालों के खाते में राशि भेजे सरकार
इस मौके पर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जोगिंदर प्रसाद सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को बुलाने के लिए सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं, जो स्वेच्छा से दूसरे राज्य में ही रुकना चाहते हैं. उनके खाते में ही उतनी रकम डाल दी जाए, जितना उनको ट्रेन से लाने और इन सेंटरों पर रखने में खर्च हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े और घोषणाओं के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर कम से कम 10 हजार रुपये खर्च होता है. इसी कारण से बाहर दूसरे राज्यों में रहने वाले लोगों के खाते में भी प्रति व्यक्ति 10 हजार की राशि भेजने की व्यवस्था की जाए.