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जमुई: वन विभाग की मनमानी के विरोध में ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय का किया घेराव

जमुई में वन विभाग की मनमानी के विरोध में ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान मुआवजा देने की मांग की गई.

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Published : Sep 12, 2020, 3:58 PM IST

jamui
अंचल कार्यालय का किया घेराव

जमुई: चकाई प्रखंड के पोझा पंचायत अंतर्गत बाराकोला गांव के दर्जनों आदिवासियों ने झामुमो नेता पृथ्वीराज हेम्ब्रम के नेतृत्व में अंचल कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि उनके धान की फसल को वनकर्मियों ने बर्बाद कर दिया है.

जमीन पर अतिक्रमण
लोगों का कहना है कि बाराकोला के कई एकड़ जमीन जो हम लोगों की खातियानी, केवाला से प्राप्त हुआ है, उसे वनकर्मियों ने जंगल की जमीन बता कर 5 कट्ठा में लगे धान की फसल को बर्बाद कर दिया. वहीं वन विभाग के कर्मियों ने बाराकोला मौजा की जमीन को जंगल की जमीन बताकर अतिक्रमण कर लिया है.

मुआवजा देने की मांग
इसकी वजह से दो दर्जन से अधिक परिवारों पर जमीन से बेदखल किये जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है. ग्रामीणों ने प्रदर्शन के बाद अंचलाधिकारी अजित कुमार झा को आवेदन देकर वन विभाग की ओर से जबरन अतिक्रमण किए जा रहे भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने, बर्बाद किये गए धान की फसल का उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की.

आदिवासियों की जमीन पर कब्जा
झामुमो नेता पृथ्वीराज हेम्ब्रम ने कहा कि एक ओर सरकार इस कोरोना जैसी महामारी में लोगों को आजीविका चलाने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात करती है. दूसरी ओर उनके ही अधिकारी गरीब आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा करती है. उनका फसल बर्बाद करती है.

आंदोलन की चेतावनी
झामुमो नेता ने कहा कि अगर विभाग आदिवासियों की जमीन को अतिक्रमण मुक्त नहीं करती है, तो हम लोग आंदोलन को बाध्य होंगे. इस मामले में सीओ अजित कुमार झा ने बताया कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

जमुई: चकाई प्रखंड के पोझा पंचायत अंतर्गत बाराकोला गांव के दर्जनों आदिवासियों ने झामुमो नेता पृथ्वीराज हेम्ब्रम के नेतृत्व में अंचल कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि उनके धान की फसल को वनकर्मियों ने बर्बाद कर दिया है.

जमीन पर अतिक्रमण
लोगों का कहना है कि बाराकोला के कई एकड़ जमीन जो हम लोगों की खातियानी, केवाला से प्राप्त हुआ है, उसे वनकर्मियों ने जंगल की जमीन बता कर 5 कट्ठा में लगे धान की फसल को बर्बाद कर दिया. वहीं वन विभाग के कर्मियों ने बाराकोला मौजा की जमीन को जंगल की जमीन बताकर अतिक्रमण कर लिया है.

मुआवजा देने की मांग
इसकी वजह से दो दर्जन से अधिक परिवारों पर जमीन से बेदखल किये जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है. ग्रामीणों ने प्रदर्शन के बाद अंचलाधिकारी अजित कुमार झा को आवेदन देकर वन विभाग की ओर से जबरन अतिक्रमण किए जा रहे भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने, बर्बाद किये गए धान की फसल का उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की.

आदिवासियों की जमीन पर कब्जा
झामुमो नेता पृथ्वीराज हेम्ब्रम ने कहा कि एक ओर सरकार इस कोरोना जैसी महामारी में लोगों को आजीविका चलाने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात करती है. दूसरी ओर उनके ही अधिकारी गरीब आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा करती है. उनका फसल बर्बाद करती है.

आंदोलन की चेतावनी
झामुमो नेता ने कहा कि अगर विभाग आदिवासियों की जमीन को अतिक्रमण मुक्त नहीं करती है, तो हम लोग आंदोलन को बाध्य होंगे. इस मामले में सीओ अजित कुमार झा ने बताया कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

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