जमुई(झाझा): जिले के आंगनबाड़ी केंद्र में बड़े पैमाले पर लापरवाही बरती जा रही है. यहां बच्चों का टीकाकरण बिना दास्ताना और सेनिटाइजर के प्रयोग से हो रहा है. इसे लेकर एएनएम के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं.
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग का ये लक्ष्य है कि बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाया जाए. इसके लिए किसी भी प्रकार की कोई कोताही न बरती जाए. यहां तक की बच्चे के जन्म के समय से लेकर डॉक्टर द्वारा दिये गए सलाह तक उन्हें हर तरह का टीका दिया जाता है. लेकिन इस कोरोना काल में आंगनबाड़ी केंद्र पर एएनएम के द्वारा दिए जाने वाले टीकाकरण में उनके हाथों में न तो दास्ताना दिखता है न ही उनके पास सेनिटाइजर ही उपलब्ध है.
विभाग की तरफ नहीं मिली सुविधा
टीकाकरण अभियान में जुटे एएनएम ने बताया कि विभाग की तरफ से हमलोगों को दास्ताना, सेनिटाइजर नहीं मुहैया कराया गया है. इस कारण हमलोग ऐसे ही काम कर रहे हैं. एक तरफ देखा जाए तो कोरोना बीमारी से सावधानी बरतने के लिये हर तरह का कार्य किया जा रहा है, लेकिन एएनएम के पास दास्ताना, सेनिटाइजर नहीं उपलब्ध रहने के कारण खुले हाथों से बच्चों को छूने का कार्य होता है, जिससे कोरोना बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है.
क्या कहते हैं रेफरल अस्पताल के प्रबंधक
इस बारे में झाझा रेफरल अस्पताल के प्रबंधक गजेंद्र कुमार ने बताया कि अस्पताल में सभी चीजें उपलब्ध हैं. एएनएम को टीकाकरण अभियान के दौरान दास्ताना, सेनिटाइजर मुहैया करा दिया जाता है. फिर भी अगर एएनएम को स्वास्थ्य से सम्बंधित अन्य और चीजों की जरूरत पड़ती है तो वह सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते हैं.