जमुई: जिले में सफाई को लेकर नगर परिषद ने नारा दिया था. स्वच्छ जमुई, स्वस्थ जमुई. लेकिन अगर सफाईकर्मी ही खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करे. तो शायद ये नारा मुकम्मल नहीं होगा.
जमुई को साफ रखने की जिम्मेवारी सफाईकर्मियों पर है. सफाईकर्मी बिना दस्तानों के काम कर रहे हैं. जिससे उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. हाथ में दस्ताना नहीं होने के कारण सफाईकर्मी को कभी कील तो कभी इंजेक्शन चुभ जाता है. यह एक बड़ा सवाल उठता है कि जिनके कंधों पर जिला को साफ करने का जिम्मा हो और सुरक्षा ताक पर होना सरकार की नाकामी को दर्शाता है.
सफाईकर्मी की मांग
इस बाबत सफाईकर्मी ने बताया कि साफ-सफाई करने के दौरान पैरों में कांटियां चुभती है. कभी-कभी इंजेक्शन की सुई भी चुभती है. जिससे जान का डर बना रहता है. उन्होंने कहा कि हम जान जोखिम में डालकर काम करते हैं. लेकिन नगर परिषद उनपर रोई भी ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें हाथों के लिए दस्ताने और मास्क आदि जरुरी उपकरण दी जाए.
सफाईकर्मियों के कंधे पर सफाई का जिम्मा
गौरतलब है कि जमुई नगर परिषद नगर वासियों से कई तरह की कर वसूलती है. जिससे प्राप्त राजस्व नगर परिषद नगर के साफ-सफाई से लेकर कई तरह की अन्य व्यवस्थाओं में खर्च करती है. लेकिन जमुई नगर परिषद नगर की साफ सफाई में फिसड्डी साबित हो रहा है. वहीं साफ -सफाई की जिम्मेदारी जिन जांबाज सफाई कर्मियों पर है.
कार्यपालक पदाधिकारी ने कही बात
हालांकि इस बाबत जब हमारे संवाददाता ने नगर परिषद कार्यालय के कार्यपालक पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा सभी सफाई कर्मियों की सुरक्षा के सभी जरूरी उपकरण जल्दी मुहैया कराने का आश्वासन दिया है. साथ ही सभी सफाई कर्मियों का हेल्थ कार्ड पीएफ और एसएसजी से जोड़ा जाएगा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ साथ उन्हें बेहतर जीवन दिया जा सके.
200 से ज्यादा है सफाईकर्मी
बता दें कि नगर परिषद में तकरीबन 200 से ज्यादा गर्मी साफ-सफाई के कामों में लगे हुए हैं. जिन्हें न तो सुरक्षा उपकरणों से लैस किया गया और न ही उनका कोई हेल्थ कार्ड बना हुआ है. जिससे उनके साथ होने वाली किसी अनहोनी के समय उन्हें इलाज में मदद मिल सके. लिहाजा नगर परिषद को उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए.