जमुई: 11 सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार को बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ ने समाहरणालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया. मिली जानकारी के अनुसार जिले के रसोइया ने कोरोना संक्रमण में भी क्वारंटीन सेंटर में काम किया था. उसके बावजूद उन लोगों का भुगतान अब तक नहीं किया गया.
राशि का नहीं हुआ भुगतान
रसोइया संघ की अध्यक्ष इंदु देवी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे के समय जब लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे. वैसी परिस्थिति में भी जिला प्रशासन ने रसोइया संघ के कार्यकर्ताओं से क्वारंटीन सेंटर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए खाना बनवाया था. लेकिन काम किए जाने के बाद भी अब तक इन लोगों का भुगतान नहीं किया गया है.
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क्वारंटीन सेंटर में किया काम
रसोइया संघ की उपाध्यक्ष ललिता देवी ने बताया कि उन लोगों की 11 सूत्री मांगे हैं. जिसमें क्वारंटीन सेंटर में काम कर चुकी रसोइया को 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तत्काल भुगतान करने की मांग की गई है. जबकि सभी रसोइयों को 1000 रुपये मानदेय देने की बात कही गई है.
12 महीने का मानदेय भुगतान
इसके अलावे सभी रसोइयों को साल में चार सूती कपड़ा दिया जाए, सभी रसोइयों को 10 महीने के बजाय 12 महीने का मानदेय भुगतान दिया जाए और हड़ताल अवधि के मानदेय का भुगतान करने की मांग की गई है.
बिहार सरकार को भेजा पत्र
इसके अतिरिक्त 11 सूत्री मांगे हैं जिसे जल्द पूरा नहीं किए जाने पर रसोइया संघ ने आगे भी धरना-प्रदर्शन करने की बात कही है. धरना में शामिल हुए संघ की अध्यक्ष इंदु देवी, उपाध्यक्ष ललिता देवी और सचिव मो. हैदर सहित अन्य सदस्यों ने बताया कि कई बार उन लोगों ने मांग पत्र बिहार सरकार को भेजा गया है. साथ ही डीएम को भी पत्र दिया. उसके बावजूद अब तक इन लोगों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है. जिस कारण वो लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.