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जमुई में ग्रामीणों ने नेताओं को सबक सिखाने का लिया फैसला, कहा- पहले रोड फिर वोट

ग्रामीणों का कहना है कि सांसद, विधायक, नेता और मंत्री सभी ने ठगने का काम किया है.

सड़क की मांग करते ग्रामीण
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Published : Mar 25, 2019, 10:28 AM IST

जमुई: ग्रामीणों ने अपने संसदीय क्षेत्र के नेताओं को इस लोकसभा चुनाव के दौरान सबक सिखानें का फैसला किया है. इसीलिए पूरे गांव के ग्रामीणों ने एक सुर में कहा "रोड नहीं तो वोट नहीं ". तरी दाविल गांव में लगभग 1400 मतदाता हैं.

सड़क की मांग करते ग्रामीण

जमुई में प्रथम फेज में लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन है और एक दिन पहले 25 तारीख को तरी दाविल के ग्रामीणों ने ऐसा फैसला लिया है.ग्रामीणों की माने तो आजादी के बाद से ही 90 एकड़ में यह गांव फैला है और लगभग 400 घरों वाले गांव में एक सड़क नहीं पहुंच पाया है.

नेताओं ने किया ठगने का काम

यहां के ग्रामीणों का कहना है कि सांसद, विधायक, नेता और मंत्री सभी ने ठगने का काम किया है. केवल चुनाव के समय ग्रामीण याद आते हैं धड़ियाली आंसू बहाते है कोरा आश्वासन देकर भोले भाले ग्रामीणों को ठग कर वोट ले जाते हैं. अब तो नेताओं पर से विश्वास ही उठ गया है.

बरसात के दिनों में समस्या होती है विकराल

वहीं, महिलाओं ने बताया कि बरसात के दिनों में तो समस्या और भी विकराल हो जाती है. गाड़ी या एम्बुलेंस तो गांव में आ नहीं सकता कांधे पर और खाट पर लादकर कई किलोमीटर ले जाना पड़ता है .सड़क नहीं होने से लड़कियां बाहर पढ़ने नहीं जा सकती. जिला मुख्यालय से महज 3 से 4 किलोमीटर पर बसे गांव में आजतक विकास की किरण नहीं पहुंच पाई.

जमुई: ग्रामीणों ने अपने संसदीय क्षेत्र के नेताओं को इस लोकसभा चुनाव के दौरान सबक सिखानें का फैसला किया है. इसीलिए पूरे गांव के ग्रामीणों ने एक सुर में कहा "रोड नहीं तो वोट नहीं ". तरी दाविल गांव में लगभग 1400 मतदाता हैं.

सड़क की मांग करते ग्रामीण

जमुई में प्रथम फेज में लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन है और एक दिन पहले 25 तारीख को तरी दाविल के ग्रामीणों ने ऐसा फैसला लिया है.ग्रामीणों की माने तो आजादी के बाद से ही 90 एकड़ में यह गांव फैला है और लगभग 400 घरों वाले गांव में एक सड़क नहीं पहुंच पाया है.

नेताओं ने किया ठगने का काम

यहां के ग्रामीणों का कहना है कि सांसद, विधायक, नेता और मंत्री सभी ने ठगने का काम किया है. केवल चुनाव के समय ग्रामीण याद आते हैं धड़ियाली आंसू बहाते है कोरा आश्वासन देकर भोले भाले ग्रामीणों को ठग कर वोट ले जाते हैं. अब तो नेताओं पर से विश्वास ही उठ गया है.

बरसात के दिनों में समस्या होती है विकराल

वहीं, महिलाओं ने बताया कि बरसात के दिनों में तो समस्या और भी विकराल हो जाती है. गाड़ी या एम्बुलेंस तो गांव में आ नहीं सकता कांधे पर और खाट पर लादकर कई किलोमीटर ले जाना पड़ता है .सड़क नहीं होने से लड़कियां बाहर पढ़ने नहीं जा सकती. जिला मुख्यालय से महज 3 से 4 किलोमीटर पर बसे गांव में आजतक विकास की किरण नहीं पहुंच पाई.

Intro:जमुई ग्रामीणों का नारा " रोड नहीं तो वोट नहीं " पूरा गांव लगभग 1400 मतदाता करेंगे वोट का बहिष्कार


Body:जमुई " ग्रामीणों का नारा रोड नहीं तो वोट नहीं " पूरा गांव लगभग 1400 मतदाता करेंगे वोट का बहिष्कार

जमुई मामला खैरा प्रखंड अंतर्गत दाविल पंचायत के तरी दाविल गांव का कल 25 तारीख को जमुई में प्रथम फेज में लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन है और एक दिन पहले तरी दाविल के लगभग 1400 मतदाताओं ने इस बार मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है
ग्रामीणों की माने तो आजादी के बाद से अबतक 90 एकड़ में फैले लगभग 400 धरों वाले गांव में एक सड़क नहीं पहुंच पाया अन्य विकास योजनाओं की बात करना ही बेमानी है सांसद विधायक नेता मंत्री सभी ने ग्रामीणों को ठगने का काम किया है ग्रामीणों ने आरजू मिन्नत की आवेदन दिया समस्या बताई लेकिन आज तक नेताओं ने ठगने का काम किया केवल चुनाव के समय ग्रामीण याद आते है धड़ियाली आंसू बहाते है कोरा आश्वासन देकर भोले भाले ग्रामीणों को ठग कर वोट ले जाते है अब तो नेताओं पर से विश्वास ही उठ गया क्षेत्र के कई विधायक और मंत्री हुए सांसद से भी गुहार लगाई हर दल को मौका दिया लेकिन सभी ने ठगने का काम किया इसलिए इसबार वोट ही नहीं करेंगे

वही महिला ग्रामीणों ने बताया बरसात के दिनों में तो समस्या और भी विकराल हो जाती है जब कोई प्रसव पीड़ित महिला को अस्पताल पहुंचाना होता है गाड़ी या एम्बुलेंस तो गांव में आ सकता नहीं कांधे पर और खाट पर लादकर कई किलोमीटर धुमकर जाना पड़ता है लड़कियां बाहर पढ़ने नहीं जा सकती इतने बड़े गांव में अगर कोई बीमार हुआ तो इमरजेंसी पड़ी तो परिवार वालों के हाथ पांव फुलने लगते है जिला मुख्यालय से महज 3से 4 किलोमीटर पर बसे गांव में आजतक विकास की किरण नहीं पहुंच पाई

ग्रामीणों का कहना है थक हारकर श्रमदान किया और कच्ची सड़क का निर्माण किया लेकिन हर बरसात में टुट जाती है

वाइट -- ग्रामीण महिला
वाइट --- ग्रामीण युवा
वाइट ---- ग्रामीण अधेड़ पूरा उम्र गांव में बिता दिया सड़क नहीं देखी


Conclusion:जमुई ग्रामीणों का आरोप आजादी के बाद से अबतक नहीं बनी सड़क सरकार के विकास की एक भी योजनाएं नहीं पहुंची अबतक गांव में
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