ETV Bharat / state

'क्लीनिक में भर्ती नवजात ठीक था.. लेकिन डॉक्टरों ने मृत बताकर मरा बच्चा सौंप दिया', परिजनों ने किया हंगामा

जमुई के एक निजी क्लीनिक में नवजात के मृत बच्चे से बदले जाने के आरोप में परिजनों ने हंगामा (Uproar At private clinic for changing newborn In Jamui) किया. परिजनों का आरोप है कि बच्चा के जन्म के बाद उसकी नाभि काफी देर तक जुड़ी रहती है, लेकिन जो मृत बच्चा उन्हें सौंपा गया, उसकी नाभि बिल्कुल सूखी हुई थी. जानें पूरा मामला..

Uproar At private clinic
Uproar At private clinic
author img

By

Published : Feb 28, 2022, 5:44 PM IST

जमुईः बिहार के जमुई जिले के एक निजी क्लीनिक में नवजात बदलने का आरोप लगाकर परिजनों ने जमकर हंगामा (Private Clinic Replaced Newborn with Dead Child) किया. परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने पहले बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए उसे दूसरे अस्पताल रेफर करने की बात कही. फिर कुछ देर के बात कहा कि बच्चे की मौत हो गई. मृत नवजात का हुलिया देखकर परिजनों को बच्चा बदले जाने की आशंका हुई, जिसके बाद वे हंगामा करने लगे.

इसे भी पढे़ें-'तुम्हारा बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ' कहकर गायब कर दिया नवजात, सुनते ही बेहोश हुई मां

दरअसल, गिद्धौर प्रखंड के अलखपुरा गांव निवासी शंकर यादव की पुत्री ममता देवी को प्रसव के लिए जिला सदर अस्पताल के नजदीक स्थित डॉ अनिल कुमार सिंह के निजी क्लीनिक मां काली नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. 27 फरवरी की शाम करीब 4 बजे ममता ने बच्चे को जन्म दिया. हालांकि, जांच के बाद क्लीनिक के डॉक्टरों ने बच्चे को कमजोर बताते हुए एक्यूबेटर रूम में रखने की बात कही, फिर रखा भी गया.

इसे भी पढे़ें-नवजात को जिंदा दफनाने की कोशिश, जानें क्या हुआ जब बच्चा चिल्लाया...

इसके बाद सोमवार की सुबह 8 बजे के करीब अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए उसे किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी. आनन-फानन में बच्चे के नाना शंकर यादव अस्पताल पहुंचे. उस समय करीब 9 बज रहे थे. तभी डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे की मौत हो चुकी है.

जब परिजनों ने बच्चे को गोद में लिया तो उन्हें हुलिया देखकर शक हुआ कि उनका नवजात बदला गया है. बच्चे के नाना ने शक जताते हुए कहा कि बच्चे के जन्म के बाद उसकी नाभि कई घंटों तक लगी रहती है, लेकिन मृत बच्चे का नाभि बिल्कुल साफ है. उन्होंने कहा कि आधे घंटे के भीतर बच्चा मर गया ऐसा नहीं हो सकता है. अस्पताल के कर्मियों ने उनके बच्चे को बदल दिया है और उन्हें मृत बच्चा सौंप दिया है.

हालांकि, हंगामें की सूचना के बाद सदर थानाध्यक्ष चंदन कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. साथ ही आश्वासन दिया कि यदि उनके द्वारा चिकित्सक के खिलाफ आवेदन दिया जाता है तो प्राथमिकी दर्ज कर बच्चे का पोस्टमार्टम करने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इधर, नर्सिंग होम के चिकित्सक डॉक्टर अनिल कुमार सिंह रविवार की शाम 4:00 बजे के करीब ममता देवी ने एक नवजात को जन्म दिया था. बच्चे के कमजोर होने पर उसे एक्यूबेटर में रखा गया था. बजाप्ता बच्चे के जन्म का समय और अन्य जरुरी चीजें भी उसके साथ चिपकाया जाता है, जिससे कि सवाल न उठे.

हालांकि, मृत बच्चे के परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के साथ बच्चे की पहचान की भी टेस्ट की जाएगी. दोषी पाए जाने के बाद दोषियों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

जमुईः बिहार के जमुई जिले के एक निजी क्लीनिक में नवजात बदलने का आरोप लगाकर परिजनों ने जमकर हंगामा (Private Clinic Replaced Newborn with Dead Child) किया. परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने पहले बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए उसे दूसरे अस्पताल रेफर करने की बात कही. फिर कुछ देर के बात कहा कि बच्चे की मौत हो गई. मृत नवजात का हुलिया देखकर परिजनों को बच्चा बदले जाने की आशंका हुई, जिसके बाद वे हंगामा करने लगे.

इसे भी पढे़ें-'तुम्हारा बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ' कहकर गायब कर दिया नवजात, सुनते ही बेहोश हुई मां

दरअसल, गिद्धौर प्रखंड के अलखपुरा गांव निवासी शंकर यादव की पुत्री ममता देवी को प्रसव के लिए जिला सदर अस्पताल के नजदीक स्थित डॉ अनिल कुमार सिंह के निजी क्लीनिक मां काली नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. 27 फरवरी की शाम करीब 4 बजे ममता ने बच्चे को जन्म दिया. हालांकि, जांच के बाद क्लीनिक के डॉक्टरों ने बच्चे को कमजोर बताते हुए एक्यूबेटर रूम में रखने की बात कही, फिर रखा भी गया.

इसे भी पढे़ें-नवजात को जिंदा दफनाने की कोशिश, जानें क्या हुआ जब बच्चा चिल्लाया...

इसके बाद सोमवार की सुबह 8 बजे के करीब अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए उसे किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी. आनन-फानन में बच्चे के नाना शंकर यादव अस्पताल पहुंचे. उस समय करीब 9 बज रहे थे. तभी डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे की मौत हो चुकी है.

जब परिजनों ने बच्चे को गोद में लिया तो उन्हें हुलिया देखकर शक हुआ कि उनका नवजात बदला गया है. बच्चे के नाना ने शक जताते हुए कहा कि बच्चे के जन्म के बाद उसकी नाभि कई घंटों तक लगी रहती है, लेकिन मृत बच्चे का नाभि बिल्कुल साफ है. उन्होंने कहा कि आधे घंटे के भीतर बच्चा मर गया ऐसा नहीं हो सकता है. अस्पताल के कर्मियों ने उनके बच्चे को बदल दिया है और उन्हें मृत बच्चा सौंप दिया है.

हालांकि, हंगामें की सूचना के बाद सदर थानाध्यक्ष चंदन कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. साथ ही आश्वासन दिया कि यदि उनके द्वारा चिकित्सक के खिलाफ आवेदन दिया जाता है तो प्राथमिकी दर्ज कर बच्चे का पोस्टमार्टम करने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इधर, नर्सिंग होम के चिकित्सक डॉक्टर अनिल कुमार सिंह रविवार की शाम 4:00 बजे के करीब ममता देवी ने एक नवजात को जन्म दिया था. बच्चे के कमजोर होने पर उसे एक्यूबेटर में रखा गया था. बजाप्ता बच्चे के जन्म का समय और अन्य जरुरी चीजें भी उसके साथ चिपकाया जाता है, जिससे कि सवाल न उठे.

हालांकि, मृत बच्चे के परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के साथ बच्चे की पहचान की भी टेस्ट की जाएगी. दोषी पाए जाने के बाद दोषियों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.