जमुई: दहेज (Dowery) को आइना दिखाने वाले कई विवाह (Marriage) हुए हैं. लेकिन बिहार (Bihar) के जमुई (Jamui) में एक अद्भुत शादी देखने को मिली. यहां एक शादी समारोह में मंत्र की जगह भारतीय संविधान की प्रस्तावना (Preamble to the Constitution of India) को पढ़ा गया. इस शादी की खूब चर्चा हो रही है. बिना दहेज के हुए इस शादी से वर-वधु और उनके स्वजनों ने न सिर्फ समाज को आइना दिखाया, बल्कि संविधान के प्रति निष्ठा का पाठ भी पढ़ाया.
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कोरोना गाइडलाइन का भी किया पालन
जमुई के अलीगंज प्रखंड के अलीगंज बाजार में बिल्कुल अलग हटकर शादी रचाई गई. अलीगंज के पंचदेव विश्वकर्मा के पुत्र चंद्रदेव विश्वकर्मा और वैशाली जिले के सिरसाराम राय (लालगंज) गांव के डाॅ. राजेन्द्र शर्मा की बेटी प्रिया शर्मा ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ शादी रचाई. इसके अलावा शपथ पत्र पर वर-वधु के साथ दोनों पक्षों के स्वजनों ने संकल्प लेकर अपना-अपना हस्ताक्षर बनाया. फिर शादी की. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी पूरी तरह से पालन किया गया.
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बाबा साहेब ने हम लोगों को आवाज दी है
लड़के के पिता पंचदेव विश्वकर्मा ने बताया कि अपने बेटे ने दहेज मुक्त शादी कर बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अंबेडकर (B.R. Amdedkar) के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने जो हम लोगों को आवाज देने का काम किया है. आज हम लोगों को उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने की जरूरत है. तभी बाबा साहब का सपना साकार हो सकता है.
संविधान की प्रस्तावना पढ़ परिणय सूत्र में बंधे वर-वधू
बता दें कि इस शादी समारोह की चर्चा जमुई से लेकर वैशाली तक हो रही है. शादी में दूल्हे के फूफा ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाया. जिसको वर व वधु भी पढ़कर संकल्प लेते हुए परिणय सूत्र में बंधे.
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