जमुई: जिला मुख्यालय स्थित एक निजी क्लीनिक में प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर और क्लीनिक पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया.
बताया जाता है कि शहर के भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के आईटी सेल प्रभारी विवेक सिन्हा ने अपनी बहन प्रीति कुमारी को प्रसव के लिए 12 जुलाई को सदर अस्पताल में लाया था. जहां उसकी हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया. लेकिन हालत गंभीर होने के कारण प्रसूता को 13 जुलाई को जिले के एक निजी क्लीनिक में भर्ती करा दिया गया. जहां ऑपरेशन के दौरान नवजात की मौत हो गई. जबकि डॉक्टरों ने बताया कि प्रसूता की हालत ठीक है. उसे आईसीयू में रखा गया है.
वहीं, शुक्रवार को प्रसूता की भी हालत गंभीर हो गई. इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. घटना की जानकारी के बाद इस मौके पर पहुंचकर हंगामा कर रहे लोगों को समझाकर हटाया.
पीड़ित के भाई ने दी जानकारी
इस बाबत प्रसूता का भाई भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ आईटी सेल प्रभारी विवेक सिन्हा ने बताया कि उसकी बहन कल तक बिल्कुल ठीक थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर प्रीतम कुमार की ओर से बताया जा रहा था कि मरीज ठीक है. परिजन विवेक सिन्हा ने बताया कि उन लोगों से क्लीनिक कर्मी द्वारा मोटी रकम भी ली. उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ घंटे बाद अचानक ऐसा क्या हो जाता है कि उसकी हालत गंभीर होने पर उसे वेंटीलेटर पर डाल दिया जाता है.
डॉक्टर ने दी जानकारी
डॉक्टर प्रीतम कुमार ने बताया कि उसके पास जब यह मरीज पहुंचा. तब उसके बच्चेदानी में परेशानी थी. उन्होंने कहा कि ज्यादा खून निकल जाने से और ऑपरेशन के दौरान नवजात की मौत हो गई. हालांकि डॉक्टर ने भी कहा कि उन्होंने परिजनों को 3 दिन पहले ही पटना ले जाने की सलाह दी. लेकिन परिजनों की ओर से कहा गया कि पता नहीं ले जा सकते. इसीलिए उसका इलाज किया जाए शुक्रवार को प्रसूता को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा गया.