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जमुई सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी, मोटी रकम चुका कर मरीज का इलाज करा रहे परिजन - जमुई न्यूज

Lack Of Blood In Jamui Sadar Hospital: जमुई सदर अस्पताल में ब्लड की कमी की वजह से मरीज के परिजनों को परेशानी हो रही है. परीजन अपने भर्ती मरीज का इलाज करान के लिए मोटी रकम खर्च कर बाहर से ब्लड खरीदने को मजबूर है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने सदर अस्पताल पहुंचकर वस्तु-स्थिति का जायजा लिया.

जमुई सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी
जमुई सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 4, 2023, 12:47 PM IST

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जमुई: जमुई जिले का सबसे बड़ा अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल में ब्लड की घोर कमी है. ब्लड नहीं होने की वजह से यहां भर्ती मरीज के परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को मोटी रकम खर्च कर बाहर से ब्लड खरीदना पड़ रहा है. लेकिन अस्पताल प्रशासन के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है.

एक महीने से नहीं लगा रक्तदान शिविर: ईटीवी भारत के संवाददाता ने सदर अस्पताल पहुंचकर वस्तु-स्थिति की जानकारी ली. इस दौरान पता चला कि सदर अस्पताल में बीते एक महीने से रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं किया गया है. जिससे अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी हो गई है. वहीं खून की उपलब्धता नहीं होने से मरीज के परिजनों को काफी परेशानी हो रही है.

ब्लड बैंक कर्मी का बयान: ब्लड बैंक में काम कर रही कर्मी ज्योति कुमारी ने बताया कि बीते एक माह से कोई बड़ा रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं किया गया है. जिस कारण ब्लड बैंक में ब्लड की कमी है. साथ ही कहा कि अभी लोगों में ब्लड डोनेट करने को लेकर संशय बना रहता है. जरूरत है कि वैसे लोगों को जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि ब्लड डोनेट करने से किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है, बल्कि शरीर का खून प्यूरीफाय होता है.

सदर अस्पताल में उपलब्ध ब्लड: बताया जाता है कि सदर अस्पताल में फिलहाल A पॉजिटिव 02 यूनिट, B पॉजिटिव 04 यूनिट, O पॉजिटिव 00 यूनिट, Ab पॉजिटिव 01 यूनिट, A नेगेटिव 00 यूनिट, B नेगेटिव 01 यूनिट, O नेगेटिव 00 यूनिट, AB नेगेटिव 00 यूनिट उपलब्ध है. बता दें कि सरकारी अस्पताल में ज्यादातर वैसे लोग ही इलाज कराते हैं, जिनके पास पैसे की कमी होती है, ऐसे में अपने भर्ती मरीजों की जान बचाने के लिए उन्हें कहीं से पैसों का जुगाड़ कर बाहर से खून की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

"बीते 1 माह से बड़े रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं किया गया है. जिस कारण अस्पताल में ब्लड की कमी है. लोगों को अभी भी ब्लड डोनेट करने में असमंजस होता है, लोग डरते हैं. जिसको लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा."- रमेश पांडेय, अस्पताल प्रबंधक

पढ़ें: Nalanda Crime : खून दिलाने के नाम पर प्रसूता के परिजनों को आशा फेसिलेटर ने ठगा, 5 हजार रुपए लेकर चंपत

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जमुई: जमुई जिले का सबसे बड़ा अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल में ब्लड की घोर कमी है. ब्लड नहीं होने की वजह से यहां भर्ती मरीज के परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को मोटी रकम खर्च कर बाहर से ब्लड खरीदना पड़ रहा है. लेकिन अस्पताल प्रशासन के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है.

एक महीने से नहीं लगा रक्तदान शिविर: ईटीवी भारत के संवाददाता ने सदर अस्पताल पहुंचकर वस्तु-स्थिति की जानकारी ली. इस दौरान पता चला कि सदर अस्पताल में बीते एक महीने से रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं किया गया है. जिससे अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी हो गई है. वहीं खून की उपलब्धता नहीं होने से मरीज के परिजनों को काफी परेशानी हो रही है.

ब्लड बैंक कर्मी का बयान: ब्लड बैंक में काम कर रही कर्मी ज्योति कुमारी ने बताया कि बीते एक माह से कोई बड़ा रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं किया गया है. जिस कारण ब्लड बैंक में ब्लड की कमी है. साथ ही कहा कि अभी लोगों में ब्लड डोनेट करने को लेकर संशय बना रहता है. जरूरत है कि वैसे लोगों को जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि ब्लड डोनेट करने से किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है, बल्कि शरीर का खून प्यूरीफाय होता है.

सदर अस्पताल में उपलब्ध ब्लड: बताया जाता है कि सदर अस्पताल में फिलहाल A पॉजिटिव 02 यूनिट, B पॉजिटिव 04 यूनिट, O पॉजिटिव 00 यूनिट, Ab पॉजिटिव 01 यूनिट, A नेगेटिव 00 यूनिट, B नेगेटिव 01 यूनिट, O नेगेटिव 00 यूनिट, AB नेगेटिव 00 यूनिट उपलब्ध है. बता दें कि सरकारी अस्पताल में ज्यादातर वैसे लोग ही इलाज कराते हैं, जिनके पास पैसे की कमी होती है, ऐसे में अपने भर्ती मरीजों की जान बचाने के लिए उन्हें कहीं से पैसों का जुगाड़ कर बाहर से खून की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

"बीते 1 माह से बड़े रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं किया गया है. जिस कारण अस्पताल में ब्लड की कमी है. लोगों को अभी भी ब्लड डोनेट करने में असमंजस होता है, लोग डरते हैं. जिसको लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा."- रमेश पांडेय, अस्पताल प्रबंधक

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