जमुई: बिहार के जमुई में अधिवक्ता का शव मिला है. परेशान अधिवक्ता कृष्ण मोहन सहाय हर दिन की भांति मॉर्निंग वॉक का बहाना बनाकर रविवार की सुबह घर से निकले थे. जहां से वो जमुई रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर हथिदह जंक्शन पहुंचे और आत्महत्या कर ली. अधिवक्ता का शव उनके पैतृक आवास मलयपुर पहुंचते ही देखने वालों की भीड़ जुट गई. बड़ी संख्या में व्यवहार न्यायालय जमुई के वकील भी पहुंच गए. अधिवक्ता की मौत के बाद जमुई कोर्ट के सारे कार्य आज के लिऐ स्थगित कर दिऐ गए हैं.
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28 वर्ष से कर रहे थे वकालत: बता दें कि मृतक अधिवक्ता कृष्ण मोहन सहाय जिला न्यायालय में 28 वर्ष से वकालत कर रहे थे. पत्नी नविता भी 5 साल से नोटरी अधिवक्ता के रूप में कार्य कर रही थी. दोनों एकसाथ ही कोर्ट आया-जाया करते थे. वो कुछ महीने पहले ही एक्साइज विभाग के स्पेशल पीपी बने थे.
"गंगा के पानी में एक शव को लोगों ने देखा. जिसके बाद सूचना पर हमलोग पहुंच गए. पानी से छानकर शव निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया. जहां डॉक्टर ने चेकअप के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया."-सुदर्शन पांडेय, पुलिसकर्मी
आर्थिक तंगी से थे परेशान: मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता के हार्ट में ब्लॉकेज था. डॉक्टर से उन्होंने दिखाया था जिसके बाद वेल्लोर जाकर दिखाने की सलाह दी गई थी. हालांकि इलाज में ज्यादा पैसे खर्च होने की बात कहकर वहीं डॉक्टर से सलाह लेकर दवा चल रही थी. अधिवक्ता हार्ट ब्लॉकेज की खबर सुनकर काफी चिंतित और परेशान रहने लगे थे.
बताया जा रहा है कि एक साल पहले उनके 25 साल के भतीजे की बीमारी से मौत के कारण और वो भी परेशान रहने लगे थे. इलाज में अधिक पैसे खर्च होने की बात पर पत्नी में हमेशा किचकिच होने लगी थी. गौरतलब हो कि अधिवक्ता हर दिन पत्नी के साथ मॉर्निंग वॉक के लि घर से निकलते थे, लेकिन रविवार की सुबह जब वह मॉर्निंग वॉक के लिए गए तो पत्नी साथ नहीं थी और वो अपना मोबाइल भी साथ लेकर नहीं गए थे. जिसके बाद से वो लापता हो गए थे.