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जमुईः निजी क्लिीनिक की महिला स्टाफ के साथ डॉक्टर ने की जबरदस्ती, थाने पहुंचा मामला

अस्पताल में हुई बदसलुकी का मामला लेकर जब एक लड़की थाने पहुंची तो थाने में मामला दर्ज नहीं किया गया. बाद में एसडीपीओ के पास जब मामला पहुंचा तो उन्होंने तुरंत थानेदार को मामला दर्ज करने का आदेश दिया.

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Published : May 24, 2021, 10:07 PM IST

जमुईः निजी क्लिीनिक में एक महिला स्टाफ के साथ डाॅक्टर ने जबरदस्ती और मारपीट की. महिला फरियाद लेकर जब थाने पहुंची तो मामला 20 घंटे तक दर्ज नहीं हुआ. लेकिन एसडीपीओ के संज्ञान में आते ही उन्होंने थानाध्यक्ष को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया.

झाझा के एक निजी अस्पताल में काम करने वाली लड़की के साथ उस क्लिीनिक के डाॅक्टर ने जबरदस्ती करने की कोशिश की. जिसका विरोध लड़की ने किया तो उसके साथ गाली गलौज और मारपीट भी की गई.

दोबारा डॉक्टर की पत्नी ने बुलाया
पीड़ित ने बताया कि वो अस्पताल में नर्स के रूप में दस साल से काम कर रही थी. पहले भी डॉक्टर ने मेरे साथ गलत करने की कोशिश की थी और धमकी देता था कि मां-बाप नहीं हैं अगर यहां रहना है तो मेरी बात को मानना पड़ेगा. जिसके बाद कुछ सालों के लिये क्लिीनिक छोड़कर देवघर में रहने लगी. तीन साल पहले डाॅक्टर की पत्नी ने मुझे दोबारा क्लिीनिक में काम करने के लिए बुलाया. जिसके बाद मैं बीते तीन साल से लगातार उनकी क्लिीनिक में काम कर रही हूं.

ये भी पढ़ेंः बसंत चले चौथा ब्याह रचाने, 2 बीवियां पहुंच गई थाने.. फिर जानें क्या हुआ

'रविवार को डॉक्टर द्वारा मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की गई. जिसका विरोध किया तो उन्होंने मेरे साथ मारपीट की. डॉक्टर हमेशा जान से मारने की धमकी भी देता है. थाना पहुंचकर आवेदन दिया तो पुलिस ने आवेदन लेकर मुझको घर जाने के लिये कहा'- पीड़ित

डॉक्टर ने बताया कि पीड़िता के द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है वह बेबुनियाद है. काम नहीं करने पर उसको एक थप्पड़ मारते हुये काम करने के लिये कहा गया था.

थानाध्यक्ष को एसडीपीओ ने दिया निर्देश
इधर थानाध्यक्ष श्रीकांत कुमार से इस मामले मे जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच की गई. पीड़िता के द्वारा दिया गया आवेदन गलत है. एसडीपीओ सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. जिसके बाद थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया कि पीड़िता के आवेदन पर मामला दर्ज कर लिया जाये और मामले की जांच करें.

जमुईः निजी क्लिीनिक में एक महिला स्टाफ के साथ डाॅक्टर ने जबरदस्ती और मारपीट की. महिला फरियाद लेकर जब थाने पहुंची तो मामला 20 घंटे तक दर्ज नहीं हुआ. लेकिन एसडीपीओ के संज्ञान में आते ही उन्होंने थानाध्यक्ष को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया.

झाझा के एक निजी अस्पताल में काम करने वाली लड़की के साथ उस क्लिीनिक के डाॅक्टर ने जबरदस्ती करने की कोशिश की. जिसका विरोध लड़की ने किया तो उसके साथ गाली गलौज और मारपीट भी की गई.

दोबारा डॉक्टर की पत्नी ने बुलाया
पीड़ित ने बताया कि वो अस्पताल में नर्स के रूप में दस साल से काम कर रही थी. पहले भी डॉक्टर ने मेरे साथ गलत करने की कोशिश की थी और धमकी देता था कि मां-बाप नहीं हैं अगर यहां रहना है तो मेरी बात को मानना पड़ेगा. जिसके बाद कुछ सालों के लिये क्लिीनिक छोड़कर देवघर में रहने लगी. तीन साल पहले डाॅक्टर की पत्नी ने मुझे दोबारा क्लिीनिक में काम करने के लिए बुलाया. जिसके बाद मैं बीते तीन साल से लगातार उनकी क्लिीनिक में काम कर रही हूं.

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'रविवार को डॉक्टर द्वारा मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की गई. जिसका विरोध किया तो उन्होंने मेरे साथ मारपीट की. डॉक्टर हमेशा जान से मारने की धमकी भी देता है. थाना पहुंचकर आवेदन दिया तो पुलिस ने आवेदन लेकर मुझको घर जाने के लिये कहा'- पीड़ित

डॉक्टर ने बताया कि पीड़िता के द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है वह बेबुनियाद है. काम नहीं करने पर उसको एक थप्पड़ मारते हुये काम करने के लिये कहा गया था.

थानाध्यक्ष को एसडीपीओ ने दिया निर्देश
इधर थानाध्यक्ष श्रीकांत कुमार से इस मामले मे जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच की गई. पीड़िता के द्वारा दिया गया आवेदन गलत है. एसडीपीओ सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. जिसके बाद थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया कि पीड़िता के आवेदन पर मामला दर्ज कर लिया जाये और मामले की जांच करें.

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