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फफक-फफक कर रो पड़े नाबालिग बेटी के पिता, बोले- पुलिस ने मिलने नहीं दिया.. जानें क्या है पूरा मामला

जमुई (Crime In Jamui) में एक पिता कैमरे सामने फूट फूटकर रोने लगा. उनके हाथों में अपनी नाबालिग बेटी का आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र था. आखिर क्या है पूरा मामला पढ़ें.

minor girl kidnapped from Jamui
minor girl kidnapped from Jamui
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Published : Sep 3, 2022, 3:53 PM IST

जमुई: बिहार के जमुई के एक माता-पिता पिछले कई महीनों से दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है. बच्ची के माता-पिता हाथों में कुछ दस्तावेज लेकर इधर से उधर भटक रहे हैं. पिता संजय शर्मा का कहना है कि जून में बेटी का अपहरण (Minor Girl Kidnapped From Jamui) हुआ था. काफी खोजबीन के बाद बच्ची हरियाणा के करनाल (Jamui Girl Recovered From Haryana) से अगस्त महीने में मिली. पुलिस बच्ची को वापस लेकर आई लेकिन जब तक माता पिता बच्ची से मिल पाते पुलिस ने वापस बच्ची को अपहरणकर्ताओं के हवाले कर दिया.

पढ़ें- बीजेपी नेता की बेटी का किया गया अपहरण, हरियाणा के करनाल से छुड़ाकर लाया गया घर

तीन महीने पहले हुआ था बेटी का अपहरण: नाबालिग लड़की के माता पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों बस यही कहते हैं मेरी बच्ची नाबालिग है मुझे लौटा दो. जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के मंगरार गांव के रहने वाले संजय शर्मा और उनकी पत्नी सिंधु देवी अपनी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी की वापसी के लिए जिला प्रशासन और न्यायालय से गुहार लगा रहे हैं. अपना काम काज छोड़कर महीनों से कभी यहां कभी वहां चक्कर लगा रहे हैं.

बेटी को याद कर फफक पड़े पिता: जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र (Laxmipur Police Station Area) के मंगरार गांव के रहने वाले संजय शर्मा वर्षों से मुम्बई में रहकर रोजगार करते रहे हैं. इन दिनों सारा कामकाज छोड़कर वापस जमुई अपने गांव आ गए हैं. 14 जून 2022 से लेकर अब तक संजय अपनी बेटी की तलाश कर रहा है. कुछ मीडियाकर्मियों से जब इस माता पिता की मुलाकात हुई तो संजय शर्मा अपने आंसू नहीं रोक पाए और कैमरे के सामने फफक पड़े.

'लॉकडाउन में मुंबई से अपनी मां के साथ गांव आई थी': संजय शर्मा ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मेरी बेटी मुंबई में रहकर पढ़ाई करती थी. लॉकडाउन के समय जब काम काज ठप था तो अपनी मां साथ अपने घर लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के मंगरार आ गई थी. बेटी यहीं रह रही थी जबकि पिता उस समय मुंबई में ही रोजगार कर कर रहे थे. इसी दौरान बच्ची अपी मां के साथ अपने ननिहाल जिले के झाझा थाना क्षेत्र के सोहजाना में थी जहां से 13/06/2022 की रात अचानक लापता हो गई . सिंधु देवी ने नीतीश यादव और उसके कुछ सहयोगियों के खिलाफ झाझा थाने में 14/06/2022 को अपहरण का मामला दर्ज करवाया.

लड़की को पुलिस ने बरामद किया लेकिन घर नहीं पहुंची: पिता का आरोप है कि काफी दौड़ धूप के बाद जमुई एसपी ने मामले का संज्ञान लिया. मुझे झाझा एसडीपीओ ने बताया कि लड़की का पता चल गया है. आप भी पुलिस के साथ जाना चाहे तो जा सकते हैं. झाझा थाना के पुलिस कर्मी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में साथ एक महिला पुलिस कर्मी और हमलोग ( पिता ) करनाल पहुंचे यहां से लड़की को बरामद कर लिया गया. आरोपी नीतीश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन पैसे की मांग की जाने लगी. मेरी बेटी को वापस उसके अपहरणकर्ताओं के हवाले कर दिया गया.

"सभी को साथ लेकर झाझा पहुंचे पुलिस पुलिसकर्मी प्रमोद कुमार ने हमसे पैसे की मांग की. प्रमोद ने कहा आने-जाने में काफी खर्च हो गया है. 35,000 खर्चा हुआ है तुम कुछ बढ़ाकर अगर 50,000 दे दो तो लड़के के सभी सहयोगी रिश्तेदार का नाम केस में डाल देंगे. नहीं तो लड़के वालों की तरफ से इतने रूपये का ऑफर आ रहा है. बंधक के तौर पर मेरा मोबाइल और बाइक भी रख लिया."- संजय शर्मा, नाबालिग लड़की के पिता



पुलिस ने परिजनों को मिलने से रोका : जानकारी के अनुसार बरामदगी के बाद पुलिस ने लड़के को जेल भेज दिया. लड़की को दो दिन थाने में रखा और सोमवार को कोर्ट में 164 का बयान कराकर लड़के वाले के परिवार को सौंप दिया गया. लड़की को इस बीच लड़की के मां पिता या किसी भी परिवार को नहीं मिलने दिया गया. लड़की के पिता का कहना है जब लड़की नाबालिग है उसका आधार कार्ड , जन्म प्रमाण पत्र सहित आधा दर्जन से अधिक प्रमाण पत्र हमारे पास है जो चीख - चीखकर कह रहे हैं कि लड़की नाबालिग है. उसकी उम्र 15 वर्ष ही है. लापता होने के तीन महीने के दौरान लड़की का फर्जी आधार कार्ड आदि बनवा दिया गया है.

लड़के के घरवाले दे रहे धमकी: संजय का कहना है कि अब लड़के और उसके परिवार वालों की तरफ से अलग- अलग कई मोबाइल नंबर से फोन आ रहा है. धमकी मिल रही है. कहा जा रहा है कि लड़की को भी अब नहीं रखेंगे. तुमलोगों को बर्बाद कर देंगे. ऐसे में हमलोगों को हमारी नाबालिग बच्ची और अपने परिवार की चिंता सता रही है. सारा काम काज छूट गया है. यहां वहां भटक रहे हैं. न्याय की गुहार लगाते फिर रहे हैं. संजय शर्मा बीजेपी नेता भी हैं.

जमुई: बिहार के जमुई के एक माता-पिता पिछले कई महीनों से दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है. बच्ची के माता-पिता हाथों में कुछ दस्तावेज लेकर इधर से उधर भटक रहे हैं. पिता संजय शर्मा का कहना है कि जून में बेटी का अपहरण (Minor Girl Kidnapped From Jamui) हुआ था. काफी खोजबीन के बाद बच्ची हरियाणा के करनाल (Jamui Girl Recovered From Haryana) से अगस्त महीने में मिली. पुलिस बच्ची को वापस लेकर आई लेकिन जब तक माता पिता बच्ची से मिल पाते पुलिस ने वापस बच्ची को अपहरणकर्ताओं के हवाले कर दिया.

पढ़ें- बीजेपी नेता की बेटी का किया गया अपहरण, हरियाणा के करनाल से छुड़ाकर लाया गया घर

तीन महीने पहले हुआ था बेटी का अपहरण: नाबालिग लड़की के माता पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों बस यही कहते हैं मेरी बच्ची नाबालिग है मुझे लौटा दो. जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के मंगरार गांव के रहने वाले संजय शर्मा और उनकी पत्नी सिंधु देवी अपनी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी की वापसी के लिए जिला प्रशासन और न्यायालय से गुहार लगा रहे हैं. अपना काम काज छोड़कर महीनों से कभी यहां कभी वहां चक्कर लगा रहे हैं.

बेटी को याद कर फफक पड़े पिता: जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र (Laxmipur Police Station Area) के मंगरार गांव के रहने वाले संजय शर्मा वर्षों से मुम्बई में रहकर रोजगार करते रहे हैं. इन दिनों सारा कामकाज छोड़कर वापस जमुई अपने गांव आ गए हैं. 14 जून 2022 से लेकर अब तक संजय अपनी बेटी की तलाश कर रहा है. कुछ मीडियाकर्मियों से जब इस माता पिता की मुलाकात हुई तो संजय शर्मा अपने आंसू नहीं रोक पाए और कैमरे के सामने फफक पड़े.

'लॉकडाउन में मुंबई से अपनी मां के साथ गांव आई थी': संजय शर्मा ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मेरी बेटी मुंबई में रहकर पढ़ाई करती थी. लॉकडाउन के समय जब काम काज ठप था तो अपनी मां साथ अपने घर लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के मंगरार आ गई थी. बेटी यहीं रह रही थी जबकि पिता उस समय मुंबई में ही रोजगार कर कर रहे थे. इसी दौरान बच्ची अपी मां के साथ अपने ननिहाल जिले के झाझा थाना क्षेत्र के सोहजाना में थी जहां से 13/06/2022 की रात अचानक लापता हो गई . सिंधु देवी ने नीतीश यादव और उसके कुछ सहयोगियों के खिलाफ झाझा थाने में 14/06/2022 को अपहरण का मामला दर्ज करवाया.

लड़की को पुलिस ने बरामद किया लेकिन घर नहीं पहुंची: पिता का आरोप है कि काफी दौड़ धूप के बाद जमुई एसपी ने मामले का संज्ञान लिया. मुझे झाझा एसडीपीओ ने बताया कि लड़की का पता चल गया है. आप भी पुलिस के साथ जाना चाहे तो जा सकते हैं. झाझा थाना के पुलिस कर्मी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में साथ एक महिला पुलिस कर्मी और हमलोग ( पिता ) करनाल पहुंचे यहां से लड़की को बरामद कर लिया गया. आरोपी नीतीश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन पैसे की मांग की जाने लगी. मेरी बेटी को वापस उसके अपहरणकर्ताओं के हवाले कर दिया गया.

"सभी को साथ लेकर झाझा पहुंचे पुलिस पुलिसकर्मी प्रमोद कुमार ने हमसे पैसे की मांग की. प्रमोद ने कहा आने-जाने में काफी खर्च हो गया है. 35,000 खर्चा हुआ है तुम कुछ बढ़ाकर अगर 50,000 दे दो तो लड़के के सभी सहयोगी रिश्तेदार का नाम केस में डाल देंगे. नहीं तो लड़के वालों की तरफ से इतने रूपये का ऑफर आ रहा है. बंधक के तौर पर मेरा मोबाइल और बाइक भी रख लिया."- संजय शर्मा, नाबालिग लड़की के पिता



पुलिस ने परिजनों को मिलने से रोका : जानकारी के अनुसार बरामदगी के बाद पुलिस ने लड़के को जेल भेज दिया. लड़की को दो दिन थाने में रखा और सोमवार को कोर्ट में 164 का बयान कराकर लड़के वाले के परिवार को सौंप दिया गया. लड़की को इस बीच लड़की के मां पिता या किसी भी परिवार को नहीं मिलने दिया गया. लड़की के पिता का कहना है जब लड़की नाबालिग है उसका आधार कार्ड , जन्म प्रमाण पत्र सहित आधा दर्जन से अधिक प्रमाण पत्र हमारे पास है जो चीख - चीखकर कह रहे हैं कि लड़की नाबालिग है. उसकी उम्र 15 वर्ष ही है. लापता होने के तीन महीने के दौरान लड़की का फर्जी आधार कार्ड आदि बनवा दिया गया है.

लड़के के घरवाले दे रहे धमकी: संजय का कहना है कि अब लड़के और उसके परिवार वालों की तरफ से अलग- अलग कई मोबाइल नंबर से फोन आ रहा है. धमकी मिल रही है. कहा जा रहा है कि लड़की को भी अब नहीं रखेंगे. तुमलोगों को बर्बाद कर देंगे. ऐसे में हमलोगों को हमारी नाबालिग बच्ची और अपने परिवार की चिंता सता रही है. सारा काम काज छूट गया है. यहां वहां भटक रहे हैं. न्याय की गुहार लगाते फिर रहे हैं. संजय शर्मा बीजेपी नेता भी हैं.

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