जमुई: दिल्ली के लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन और तिरंगा फहराते देखने का मौका सपना बनकर रह गया. हम बात कर रहे जमुई के मांझी दंपती की. दरअसल स्वतंत्रता दिवस समारोह में जमुई के शत्रुघ्न मांझी और कपली देवी अमृत सरोवर योजना के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आमंत्रण मिला था. दोनों काफी खुश थे. दिल्ली जाने की तैयारी भी करने लगे थे. तभी बताया गया कि सूची से नाम हटा दिया गया है. इससे मांझी दंपती निराश हो गये और गांव-टोला ग्रामीणों में मायूसी छा गई.
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जमुई के मांझी दंपती निराश:दरअसल केंद्र सरकार के अमृत सरोवर योजना में काम करने वाले देश के 50 मजदूरों का चयन इस बार लालकिला पर आयोजित झंडोत्तोलन समारोह में विषेश तौर पर आमंत्रण भेजा गया था. 50 मजदूर दंपती में 5 बिहार के थे. जिनमें जमुई सदर प्रखंड के इंदपे गांव के कवैया मुसहरी के शत्रुघ्न मांझी का भी नाम था. जो इस बार अपनी आंखों के सामने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तिरंगा फहराते देखने वाले थे, लेकिन सपना बनकर रह गया. बताया जा रहा है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट नहीं जाने के कारण नाम हटा दिया गया.
"मजदूर दंपती का नाम विभाग के स्तर से हट गया है.पत्र तो मिला था लेकिन आगे क्या करना था. इसकी उनको जानकारी ही नहीं मिली." - कौशलेंद्र कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी
गांव-टोला ग्रामीणों में मायूसी छाई: इंदपे पंचायत के मुखिया संतोष कुमार ने बताया कि इंदपे पंचायत में बनाया गया अमृत सरोवर राज्य में पहले स्थान पर चुना गया था. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंदपे ग्राम में आकर अमृत सरोवर का उद्घाटन किया था. समारोहपूर्वक सरोवर में काम करने वाले महादलित मनरेगा मजदूर दंपती को लालकिला पर झंडोत्तोलन देखने के लिऐ आमंत्रित किया गया था. इससे गांव में खुशी का माहौल था. उन्होंने बताया कि किस कारण से नाम हटाया गया. मुझे जानकारी नहीं, लेकिन दंपती मायूस हुए तो गांव-टोला ग्रामीणों में भी मायूसी छा गई.