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गाय की ओर से दर्ज कराया गया था मुकदमा, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने दिया मुक्ति का आदेश

जमुई में गाय को मुक्ति मिली है. दरअसल पुलिस द्वारा जब्त गायों को गौशाला में तो रखा जाता था. पर वहां उचित व्यवस्था नहीं थी. इसपर कोर्ट ने फैसला सुनाया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 12, 2022, 10:52 PM IST

जमुई : बिहार के जमुई में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया है. न्यायिक पदाधिकारी अनंत कुमार (Judge Anant Kumar) ने अपने ऐतिहासिक फैसले में गाय की ओर से दायर एनजीओ के आवेदन पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. कोर्ट ने जमुई गौशाला में तस्करों से छुड़ाकर रखी गई गायों को अनाथ घोषित करते हुए उसे कानून के प्रावधान के तहत किसानों को बांड भरवाकर गोद देने का आदेश जारी (Jamui Court Order In Favour Of Cow) कर दिया.

ये भी पढ़ें - गौ रक्षा हमारा परम धर्म: गीर गाय की सेवा के लिए शुरू की नायाब पहल, मेंबरशिप लेने वालों को दूध-घी फ्री

42 से अधिक गायों की हो चुकी है मौत : दरअसल, इन दिनों जमुई के विभिन्न थानों की पुलिस द्वारा गायों को तस्करों से छुड़ाकर जगह के अभाव में राम कृष्ण गौशाला में संसाधन विहीन स्थिति में रखा गया है. जहां भोजन, शेड और रखरखाव के अभाव में अब तक 42 से अधिक गायों की मौत हो गई. मई माह से ही इन गायों को यहां लाकर रखा जा रहा है. जिनके भोजन और अन्य सुविधा के लिए स्थानीय लोग जमुई एसडीओ के सहयोग से चंदे से स्थिति को संभाल रहे हैं.

तीन महीने तक चली लड़ाई : वैसे यह व्यवस्था काफी कम होने के कारण खुले मैदान में बारिश और धूप के कारण गायों को परेशानी होती है. कई बार खाने के अभाव में भूख से दर्दनाक मौत भी हो जाती है. सिकंदरा से पकड़ी गई गायों को भी यहां रखा गया है. पुलिस द्वारा दर्ज इस मामले में आरके जनसमृद्धि कल्याण संस्था जमुई की ओर से केस लड़ा गया. अधिवक्ता रूपेश कुमार सिंह ने गाय के वकील के रूप में प्रोटेक्शन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप गाय के अधिकार के लिए लगातार 3 महीने से अधिक समय तक आवेदन देकर कानूनी लड़ाई लड़ी.

शर्तों के साथ दिया जाएगा गाय : जिसमें पशु डॉक्टरों पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए बीमार गाय के इलाज के लिए उन्हें न्यायालय में सदेह उपस्थित कराया. जिला पशुपालन पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी. सिकंदरा पुलिस पदाधिकारी से भी इस संबंध में रिपोर्ट मांगने के बाद लाचार गायों की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए अपने महत्वपूर्ण फैसले में सिकंदरा थाना द्वारा पकड़ी गई राम कृष्ण गौशाला में रखी गायों को तुरंत मुनादी कराकर किसानों से बांड भरवा कर शर्तों के साथ उन्हें गोद देने का आदेश जारी कर दिया.

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा : कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि ''इन गायों के लिए जिम्मेवार पुलिस पदाधिकारी, सरकारी पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी एवं संबंधित पदाधिकारियों ने जो रिपोर्ट दी है. उससे साफ है कि अब अगर इन गायों को राम कृष्ण गौशाला जमुई में रखा गया तो उनके साथ क्रूरता करने जैसा अपराध होगा. इसके लिए हम सब जिम्मेदार हो सकते हैं. ऐसे में राम कृष्ण गौशाला में रखी गई गायों को उसका जीवन बचाने के लिए किसानों को शर्तों के साथ बांड भरवा कर सौंप दिया जाए.''

गोद लेकर गायों का पशुपालन कर सकते हैं किसान : इस आदेश की प्रति एसडीओ जमुई तथा जिला पशुपालन पदाधिकारी के अलावे राम कृष्ण गौशाला जमुई के प्रबंधक को भी भेजी गई है. सरकार की ओर से सहायक अभियोजन पदाधिकारी ब्रजेश कुमार ने अपना पक्ष रखा. इच्छुक किसान अब अपने कागजात के साथ प्रक्रिया पूरी कर इन गायों की जान बचाने के लिए गोद लेकर पशुपालन कर सकते हैं.

जमुई : बिहार के जमुई में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया है. न्यायिक पदाधिकारी अनंत कुमार (Judge Anant Kumar) ने अपने ऐतिहासिक फैसले में गाय की ओर से दायर एनजीओ के आवेदन पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. कोर्ट ने जमुई गौशाला में तस्करों से छुड़ाकर रखी गई गायों को अनाथ घोषित करते हुए उसे कानून के प्रावधान के तहत किसानों को बांड भरवाकर गोद देने का आदेश जारी (Jamui Court Order In Favour Of Cow) कर दिया.

ये भी पढ़ें - गौ रक्षा हमारा परम धर्म: गीर गाय की सेवा के लिए शुरू की नायाब पहल, मेंबरशिप लेने वालों को दूध-घी फ्री

42 से अधिक गायों की हो चुकी है मौत : दरअसल, इन दिनों जमुई के विभिन्न थानों की पुलिस द्वारा गायों को तस्करों से छुड़ाकर जगह के अभाव में राम कृष्ण गौशाला में संसाधन विहीन स्थिति में रखा गया है. जहां भोजन, शेड और रखरखाव के अभाव में अब तक 42 से अधिक गायों की मौत हो गई. मई माह से ही इन गायों को यहां लाकर रखा जा रहा है. जिनके भोजन और अन्य सुविधा के लिए स्थानीय लोग जमुई एसडीओ के सहयोग से चंदे से स्थिति को संभाल रहे हैं.

तीन महीने तक चली लड़ाई : वैसे यह व्यवस्था काफी कम होने के कारण खुले मैदान में बारिश और धूप के कारण गायों को परेशानी होती है. कई बार खाने के अभाव में भूख से दर्दनाक मौत भी हो जाती है. सिकंदरा से पकड़ी गई गायों को भी यहां रखा गया है. पुलिस द्वारा दर्ज इस मामले में आरके जनसमृद्धि कल्याण संस्था जमुई की ओर से केस लड़ा गया. अधिवक्ता रूपेश कुमार सिंह ने गाय के वकील के रूप में प्रोटेक्शन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप गाय के अधिकार के लिए लगातार 3 महीने से अधिक समय तक आवेदन देकर कानूनी लड़ाई लड़ी.

शर्तों के साथ दिया जाएगा गाय : जिसमें पशु डॉक्टरों पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए बीमार गाय के इलाज के लिए उन्हें न्यायालय में सदेह उपस्थित कराया. जिला पशुपालन पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी. सिकंदरा पुलिस पदाधिकारी से भी इस संबंध में रिपोर्ट मांगने के बाद लाचार गायों की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए अपने महत्वपूर्ण फैसले में सिकंदरा थाना द्वारा पकड़ी गई राम कृष्ण गौशाला में रखी गायों को तुरंत मुनादी कराकर किसानों से बांड भरवा कर शर्तों के साथ उन्हें गोद देने का आदेश जारी कर दिया.

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा : कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि ''इन गायों के लिए जिम्मेवार पुलिस पदाधिकारी, सरकारी पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी एवं संबंधित पदाधिकारियों ने जो रिपोर्ट दी है. उससे साफ है कि अब अगर इन गायों को राम कृष्ण गौशाला जमुई में रखा गया तो उनके साथ क्रूरता करने जैसा अपराध होगा. इसके लिए हम सब जिम्मेदार हो सकते हैं. ऐसे में राम कृष्ण गौशाला में रखी गई गायों को उसका जीवन बचाने के लिए किसानों को शर्तों के साथ बांड भरवा कर सौंप दिया जाए.''

गोद लेकर गायों का पशुपालन कर सकते हैं किसान : इस आदेश की प्रति एसडीओ जमुई तथा जिला पशुपालन पदाधिकारी के अलावे राम कृष्ण गौशाला जमुई के प्रबंधक को भी भेजी गई है. सरकार की ओर से सहायक अभियोजन पदाधिकारी ब्रजेश कुमार ने अपना पक्ष रखा. इच्छुक किसान अब अपने कागजात के साथ प्रक्रिया पूरी कर इन गायों की जान बचाने के लिए गोद लेकर पशुपालन कर सकते हैं.

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