जमुई: जमुई के दस प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाले दर्जनों बालू घाटों से सरकार के पाबंदी के बावजूद जिला प्रशासन के नाक के नीचे से अमूमन सभी बालू घाटों पर धड़ल्ले से बालू की अवैध निकासी कर बिक्री की जा रही है. ट्रैक्टर और जुगाड़ गाड़ी से शहर के कीउल नदी के त्रिपुरारी धाट, हनुमान धाट, सतगामा, पतनेश्वर, आंजन पुल के साथ-साथ मनियड्डा, नवीनगर, मंझवें, प्रतापुर, लखापुर आदि जगहों से भी दिनरात अवैध तरीके से बालू निकासी कर मुंह मांगे कीमत पर बेचा जा रहा है. मामले में जिला प्रशासन की उदासीनता ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए है.
'सारा कारोबार जुगाड़ से चलता है'
पाबंदी होने के बाद भी बालू उठाते हो पुलिस का भय नहीं लगता इस सवाल पर जुगाड़ गाड़ी वाले ने ईटीवी भारत को बताया कि सारा कारोबार जुगाड़ से चलता है. पुलिस वाले से सेटिंग रहता है .प्रत्येक चक्कर एक जुगाड़ गाड़ी वाले को 100 रुपया देना पड़ता है. लेकिन कभी नए के फेरा में पड़ गए तो मार भी खाना पड़ता है. फिर धीरे-धीरे सब सेट कर लेते हैं.
'कड़ी कार्रवाई की जाएगी'
ईटीवी भारत की टीम पूरे मामले की जानकारी लेने जमुई जिला खनन पदाधिकारी अनिल कुमार से उनके कार्यालय में मिलने पहुंचा. खनन पदाधिकारी ने ये कहा कि जब-जब सूचना मिलती है कार्रवाई तो करते हैं इतना कहकर कार्यालय छोड़कर गाड़ी से निकल गए .बाद में जब जमुई एसडीओ लखिन्द्र पासवान के कार्यालय में पहुंचकर पूरी जानकारी देते हुए ईटीवी भारत ने बात की तो एसडीओ साहब का कहना था हमलोग कार्रवाई कर रहे हैं, पकड़ भी रहे हैं. अगर आपलोगों के पास जानकारी और वीडियो हो तो हमें दें कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
'हथियारबंद गुंडे भी घूमते हैं'
बालू घाटों पर बालू माफिया और उनके लठैतों का पूरा साम्राज्य कायम रहता है. इनके हथियारबंद गुंडे भी घूमते हैं. दिन-रात अवैध तरीके से बालू निकालकर जब बीच गांव से तेज रफ्तार में गाड़ी गुजरता है तो ग्रामीणों के साथ हादसा भी हो चुका है. लेकिन बालू माफियायों का भय इतना कोई भी कैमरे के सामने आकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है.