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जमुई में जंगल से भटके हिरण का हो रहा शिकार, सूचना के बाद भी देर से पहुंचते हैं वन अधिकारी

बिहार के जमुई में एक हिरण का शिकार किया गया. वन विभाग की टीम को जब इसकी जानकारी लगी तो टीम मौके पर पहुंची और लोगों को खदेड़ कर भगा दिया. इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पढ़ें पूरी खबर..

जमुई में हिरण का शिकार
जमुई में हिरण का शिकार
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Published : Dec 23, 2021, 12:48 PM IST

जमुई: बिहार के जमुई में हिरण का शिकार (Deer Hunting In Jamui) कर उसके मांस को बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिले के सिकन्दरा जंगल से भटक कर एक हिरण बसैया गांव की ओर आ गया था. इसी दौरान हिरण का गोली मारकर शिकार कर लिया गया. जिसके बाद एनएच 333ए सिकंदरा-जमुई मुख्य मार्ग के किनारे एक आहर के समीप हिरण के मांस को बेचा गया.

ये भी पढ़ें:गया के बाराचट्टी में ग्रामीणों ने किया हिरण का शिकार, छापेमारी में मांस, खाल बरामद

जिले के मिर्चा, पाठकचक और बसैया गांव के कई लोगों ने वहां पहुंच कर हिरण का मांस खरीदा. खुलेआम हिरण का शिकार कर उसके मांस को बेचे जाने के बावजूद वन विभाग या पुलिस प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. देर शाम मामले की जानकारी मिलने के बाद सिकंदरा वनपाल कुलदीप चौहान, खैरा वनपाल मलखु राय के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची.

वन विभाग की टीम ने वहां मौजूद लोगों को खदेड़ कर भगाया. जिसके बाद टीम ने मौके से हिरण के कटे हुए अंग को बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए जमुई भेज दिया. आरोप है कि वनपाल द्वारा इस मामले में आरोपितों को खदेड़ाना, उसके बाद कोर्ट में अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज करना, यह अपने आप में सवालिया निशान खड़े करता है. इस संबंध में वनपाल का कहना है कि घटना से संबंधित कुछ वीडियो उनके हाथ लगे हैं. जिससे घटना में शामिल लोगों की शिनाख्त की जा रही है. वनपाल ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है.

बता दें कि इसके पूर्व 2 जनवरी 2017 को बिछवे पंचायत के सरसा गांव में भी हिरण का शिकार कर ग्रामीणों के द्वारा उसके मांस का बंटवारा किया गया था. उस मामले में सिकंदरा थाना में तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए दर्जनों अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. वहीं 10 अगस्त 2019 को भी वन विभाग की लापरवाही के कारण एक हिरण की मौत सिकंदरा में हो गयी थी. उस घटना में जंगल से भटकते हुए हिरण थाना क्षेत्र के बालाडीह गांव पहुंच गया था.

सूचना मिलने के बाद पुलिस ने बालाडीह गांव से हिरण को बरामद कर वन विभाग की टीम को सौंप दिया था. इस दौरान वनपाल ने हिरण के शरीर पर लगे चोट का इलाज करवाने के लिए जमुई ले जाने की बात कही थी, लेकिन घायल हिरण का इलाज ही नहीं करवाया गया और सिकंदरा स्थित वन विभाग के कार्यालय में ही उसकी मौत हो गयी. मौत के बाद हिरण को कार्यालय परिसर में ही दफना दिया गया था.

इसी तरह एक वर्ष पूर्व 23 जनवरी 2021 को भी वन विभाग की लापरवाही सामने आयी थी. उस समय जंगल से भटकते हुए हिरण मंजोष गांव पहुंच गया था. जहां कुछ लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की. इस दौरान भागने के क्रम में हिरण एक गड्ढे में फंस गया था. ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए हिरण को कीचड़ से बाहर निकाल कर वन विभाग के कर्मियों को इसकी सूचना दी थी.

ये भी पढ़ें:VTR में शिकारियों ने हिरण को गोलियों से किया छलनी, मांस निकालते हुआ गिरफ्तार

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जमुई: बिहार के जमुई में हिरण का शिकार (Deer Hunting In Jamui) कर उसके मांस को बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिले के सिकन्दरा जंगल से भटक कर एक हिरण बसैया गांव की ओर आ गया था. इसी दौरान हिरण का गोली मारकर शिकार कर लिया गया. जिसके बाद एनएच 333ए सिकंदरा-जमुई मुख्य मार्ग के किनारे एक आहर के समीप हिरण के मांस को बेचा गया.

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जिले के मिर्चा, पाठकचक और बसैया गांव के कई लोगों ने वहां पहुंच कर हिरण का मांस खरीदा. खुलेआम हिरण का शिकार कर उसके मांस को बेचे जाने के बावजूद वन विभाग या पुलिस प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. देर शाम मामले की जानकारी मिलने के बाद सिकंदरा वनपाल कुलदीप चौहान, खैरा वनपाल मलखु राय के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची.

वन विभाग की टीम ने वहां मौजूद लोगों को खदेड़ कर भगाया. जिसके बाद टीम ने मौके से हिरण के कटे हुए अंग को बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए जमुई भेज दिया. आरोप है कि वनपाल द्वारा इस मामले में आरोपितों को खदेड़ाना, उसके बाद कोर्ट में अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज करना, यह अपने आप में सवालिया निशान खड़े करता है. इस संबंध में वनपाल का कहना है कि घटना से संबंधित कुछ वीडियो उनके हाथ लगे हैं. जिससे घटना में शामिल लोगों की शिनाख्त की जा रही है. वनपाल ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है.

बता दें कि इसके पूर्व 2 जनवरी 2017 को बिछवे पंचायत के सरसा गांव में भी हिरण का शिकार कर ग्रामीणों के द्वारा उसके मांस का बंटवारा किया गया था. उस मामले में सिकंदरा थाना में तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए दर्जनों अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. वहीं 10 अगस्त 2019 को भी वन विभाग की लापरवाही के कारण एक हिरण की मौत सिकंदरा में हो गयी थी. उस घटना में जंगल से भटकते हुए हिरण थाना क्षेत्र के बालाडीह गांव पहुंच गया था.

सूचना मिलने के बाद पुलिस ने बालाडीह गांव से हिरण को बरामद कर वन विभाग की टीम को सौंप दिया था. इस दौरान वनपाल ने हिरण के शरीर पर लगे चोट का इलाज करवाने के लिए जमुई ले जाने की बात कही थी, लेकिन घायल हिरण का इलाज ही नहीं करवाया गया और सिकंदरा स्थित वन विभाग के कार्यालय में ही उसकी मौत हो गयी. मौत के बाद हिरण को कार्यालय परिसर में ही दफना दिया गया था.

इसी तरह एक वर्ष पूर्व 23 जनवरी 2021 को भी वन विभाग की लापरवाही सामने आयी थी. उस समय जंगल से भटकते हुए हिरण मंजोष गांव पहुंच गया था. जहां कुछ लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की. इस दौरान भागने के क्रम में हिरण एक गड्ढे में फंस गया था. ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए हिरण को कीचड़ से बाहर निकाल कर वन विभाग के कर्मियों को इसकी सूचना दी थी.

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