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पूर्व विधायक ने की जमुई में अविलंब धान क्रय केंद्र खोले जाने की मांग - जमुई में धान क्रय केंद्र नहीं

सरकारी दर पर धान की खरीदारी शुरू नहीं हुई है. किसान खेतों में लगे धान की फसल की कटाई के साथ धान को तैयार कर बेचने के लिए बेकरार हैं. लेकिन अच्छी कीमत नहीं मिलने से अधिकांश किसानों का धान घर में पड़ा हुआ है.

Former MLA
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Published : Nov 30, 2020, 8:50 PM IST

जमुई: जिले में अब तक धान क्रय केंद्र नहीं होने से किसानों को औने-पौने दाम पर धान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. पूर्व विधायक सावित्री देवी ने जिला प्रशासन से प्रखंड के सभी पंचायतों में एक-एक धान क्रय केंद्र खोलने की मांग की है.

क्या कहते हैं पूर्व विधायक सावित्री देवी
पूर्व विधायक सावित्री देवी का कहना है कि चकाई और सोनो के इलाके में स्थानीय किसान व्यापक पैमाने पर धान की खेती करते है. धान यहां की मुख्य फसल है. धान की खेती से ही सालों भर किसानों का जीवन यापन होता है. ऐसे में प्रखंड में इस बार किसानों ने धान की अच्छी खेती की है और धान तैयार हो चुका हैं.

लेकिन सरकार द्वारा प्रखंड में अब तक एक भी धान क्रय केंद्र नहीं खोलने से किसानों को मजबूरन अपना धान ओने पौने दाम पर बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ रहा है. जिससे किसानों को धान का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है.

धान की खरीदारी शुरू नहीं
बता दें कि सरकारी दर पर धान की खरीदारी शुरू नहीं हुई है. किसान खेतों में लगे धान की फसल की कटाई के साथ धान को तैयार कर बेचने के लिए बेकरार है. लेकिन अच्छी कीमत नहीं मिलने से अधिकांश किसानों का धान घर में पड़ा हुआ है.

अधिकांश किसान धान फसल कटाई के बाद तुरंत ही गेहूं व मक्का की खेती के लिए खेत की जुताई भी कर चुके है. अब खाद्य-बीज की जरूरत है. लेकिन रूपए नहीं रहने के कारण ऐसे किसान तैयार खेत में समय पर बीज की बुआई नहीं कर पा रहे है.

जमुई: जिले में अब तक धान क्रय केंद्र नहीं होने से किसानों को औने-पौने दाम पर धान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. पूर्व विधायक सावित्री देवी ने जिला प्रशासन से प्रखंड के सभी पंचायतों में एक-एक धान क्रय केंद्र खोलने की मांग की है.

क्या कहते हैं पूर्व विधायक सावित्री देवी
पूर्व विधायक सावित्री देवी का कहना है कि चकाई और सोनो के इलाके में स्थानीय किसान व्यापक पैमाने पर धान की खेती करते है. धान यहां की मुख्य फसल है. धान की खेती से ही सालों भर किसानों का जीवन यापन होता है. ऐसे में प्रखंड में इस बार किसानों ने धान की अच्छी खेती की है और धान तैयार हो चुका हैं.

लेकिन सरकार द्वारा प्रखंड में अब तक एक भी धान क्रय केंद्र नहीं खोलने से किसानों को मजबूरन अपना धान ओने पौने दाम पर बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ रहा है. जिससे किसानों को धान का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है.

धान की खरीदारी शुरू नहीं
बता दें कि सरकारी दर पर धान की खरीदारी शुरू नहीं हुई है. किसान खेतों में लगे धान की फसल की कटाई के साथ धान को तैयार कर बेचने के लिए बेकरार है. लेकिन अच्छी कीमत नहीं मिलने से अधिकांश किसानों का धान घर में पड़ा हुआ है.

अधिकांश किसान धान फसल कटाई के बाद तुरंत ही गेहूं व मक्का की खेती के लिए खेत की जुताई भी कर चुके है. अब खाद्य-बीज की जरूरत है. लेकिन रूपए नहीं रहने के कारण ऐसे किसान तैयार खेत में समय पर बीज की बुआई नहीं कर पा रहे है.

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