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जमुई में यूरिया के लिए किसान परेशान, दुकानों पर लगी लंबी कतार

जमुई में खाद की कमी (Fertilizer Shortage In Jamui) से किसान परेशान हैं. यूरिया के लिये किसान बिस्कोमान और अधिकृत विक्रेता के यहां लाइन लगाकार घंटों तक इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी कई किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है. पढ़िये पूरी खबर.

जमुई में खाद के लिये किसान परेशान
जमुई में किसान परेशान
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Published : Jan 10, 2022, 4:41 PM IST

जमुई: बिहार में खाद की कमी (Fertilizer Shortage In Bihar) की समस्या लगातार बनी हुई है. किसान फसलों में खाद डालने को लेकर परेशान हैं. जमुई में किसान खाद के लिए घंटों तक लाइन में लग रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है. जिले में डीएपी के बाद अब किसान यूरिया के लिए परेशान (Farmers Worried For Urea In Jamui) हैं. बिस्कोमान और दुकान के सामने फिर से किसानों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. लेकिन इसके बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा हैं.

ये भी पढ़ें-पूर्णिया में खाद की किल्लत से परेशान किसानों ने NH-107 पर किया प्रदर्शन

बिस्कोमान से लेकर दुकान तक किसान सभी जगहों पर लंबी लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. कई लोग तो एक दिन पहले से ही लाइन में लगा हुए हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन होने के बाद एक बार फिर से संक्रमण बढ़ने का खतरा मंडरा गया है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने खाद दुकान का मौके पर जाकर वहां की स्थिति के बारे में जानकारी ली और एग्रीकल्चर को-ऑर्डिनेटर और किसानों से बातचीत की.

देखें वीडियो

एग्रीकल्चर को-ऑर्डिनेटर ने कहा कि भीड़ को देखकर तो यही लग रहा है कि कोरोना को निमंत्रण दिया जा रहा है, लेकिन कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. हम कुछ कर नहीं सकते. वहीं दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि खेत में गेहूं आदि की फसल लगी है. अगर अभी यूरिया नहीं दिया तो भारी नुकसान हो जाऐगा. ऐसे में वे लोग करें तो क्या करें?

किसानों ने कहा कि कोई कल शाम से, तो कोई रात से, तो कोई सुबह दो बजे से ही बिस्कोमान और अधिकृत दुकानों के सामने घंटों-घंटों तक काम छोड़कर लाइन में लगे हैं. लेकिन इसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रहा है. किसान जाऐ तो कहां जाऐं. कोई सुनता नहीं है. फसल भी बचाना है.

जानकारी के अनुसार एक आधार कार्ड पर एक व्यक्ति को दो बोरी यूरिया और एक नेनो दिया जाना है, उसके लिऐ पहले आधार कार्ड की एंट्री की जाती है. फिर साइन या अंगूठे का निशान और पैसा लेकर यूरिया दिया जाता है. ये सब कुछ एक ही जगह से एक व्यक्ति कर रहा है. जिस कारण दुकान के सामने सैंकड़ों की भीड़ इकट्ठा हो रही है. कोरोना गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो रहा है. जिससे संक्रमण फैलने का भी डर बना हुआ है.

ये भी पढ़ें-बक्सर में यूरिया संकट: खाद की किल्लत और कालाबाजारी से किसान परेशान, अधिकारी भी काट रहे कन्नी

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जमुई: बिहार में खाद की कमी (Fertilizer Shortage In Bihar) की समस्या लगातार बनी हुई है. किसान फसलों में खाद डालने को लेकर परेशान हैं. जमुई में किसान खाद के लिए घंटों तक लाइन में लग रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है. जिले में डीएपी के बाद अब किसान यूरिया के लिए परेशान (Farmers Worried For Urea In Jamui) हैं. बिस्कोमान और दुकान के सामने फिर से किसानों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. लेकिन इसके बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा हैं.

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बिस्कोमान से लेकर दुकान तक किसान सभी जगहों पर लंबी लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. कई लोग तो एक दिन पहले से ही लाइन में लगा हुए हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन होने के बाद एक बार फिर से संक्रमण बढ़ने का खतरा मंडरा गया है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने खाद दुकान का मौके पर जाकर वहां की स्थिति के बारे में जानकारी ली और एग्रीकल्चर को-ऑर्डिनेटर और किसानों से बातचीत की.

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एग्रीकल्चर को-ऑर्डिनेटर ने कहा कि भीड़ को देखकर तो यही लग रहा है कि कोरोना को निमंत्रण दिया जा रहा है, लेकिन कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. हम कुछ कर नहीं सकते. वहीं दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि खेत में गेहूं आदि की फसल लगी है. अगर अभी यूरिया नहीं दिया तो भारी नुकसान हो जाऐगा. ऐसे में वे लोग करें तो क्या करें?

किसानों ने कहा कि कोई कल शाम से, तो कोई रात से, तो कोई सुबह दो बजे से ही बिस्कोमान और अधिकृत दुकानों के सामने घंटों-घंटों तक काम छोड़कर लाइन में लगे हैं. लेकिन इसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रहा है. किसान जाऐ तो कहां जाऐं. कोई सुनता नहीं है. फसल भी बचाना है.

जानकारी के अनुसार एक आधार कार्ड पर एक व्यक्ति को दो बोरी यूरिया और एक नेनो दिया जाना है, उसके लिऐ पहले आधार कार्ड की एंट्री की जाती है. फिर साइन या अंगूठे का निशान और पैसा लेकर यूरिया दिया जाता है. ये सब कुछ एक ही जगह से एक व्यक्ति कर रहा है. जिस कारण दुकान के सामने सैंकड़ों की भीड़ इकट्ठा हो रही है. कोरोना गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो रहा है. जिससे संक्रमण फैलने का भी डर बना हुआ है.

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