जमुई(सिकंदरा): किसानों के श्रमदान और दलित सेना जिलाध्यक्ष के सहयोग से अब सिकंदरा प्रखंड के 40 गांवों में सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी. खेतों तक नहर का पानी पहुंचेगा. किसान पिछले 5 वर्षों से जिला प्रशासन और सरकार से इसके लिए गुहार लगा रहे थे. अंत में मायूस होकर उन्होंने खुद काम शुरू किया.
दरअसल, जिले के सिकंदरा विधानसभा के सिकंदरा प्रखंड के किसानों के लिए अपर कियूल जलाशय एक अभिशाप बना हुआ था. पिछले लगभग 5 वर्षों से किसानों के पटवन लिए यह अवरुद्ध था. इसके कारण आसपास के 40 गांव पटवन से वंचित रह जाते थे. लेकिन अब नहर के जीर्णाद्धार से किसानों को मदद मिलेगी.
इन इलाकों में होती थी परेशानी
सिकंदरा प्रखंड के जगदीशपुर, नीमा, कोडासी, रघुनाथपुर, बहरंबा, बहादुरपुर, मुबारकपुर सबलबीघा, दुबेडीह बिछबे, पतंबर,केनुई, हुसैनीगंज ,सरसा भूलो, लछुआड़ ,जानसीडीह, आजाद नगर और नवाबगंज जैसे इलाकों के किसानों को हर साल काफी परेशानी होती थी. यहां के किसानों और ग्रामीणों ने कई बार सड़क जाम कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और अपनी मांगें रखी थी. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
किसानों ने मांगी थी दलित सेना जिलाध्यक्ष से मदद
सरकार के पास सुनवाई नहीं होने पर किसानों ने समस्या की जानकारी दलित सेना के जिलाध्यक्ष रविशंकर पासवान को दी. बाद में उनके सहयोग से अपर कियूल नदी के नहर की चेन संख्या 612 पर उन्होंने अपने निजी सहयोग से पोपलेंन से कार्य प्रारंभ करवाना शुरू किया. इसके लिए उन्होंने नकद 15.000 राशि भी दी. पोपलेंन लगातार १६ घंटों से नहर के जीर्णोद्धार में कार्यरत है.