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जमुई सदर अस्पताल के कूड़े के ढेर से एचआईवी की एक्सपायर दवा बरामद - कूड़े में एचआईवी की एक्सपायर दवा मिली

जमुई सदर अस्पताल में कूड़े में एचआईवी की एक्सपायर दवा मिली (Expiry Medicine of HIV Found From Garbage) है. एक्सपायर दवा कचड़े में मिलने के बाद वरीय चिकित्सक ने एक ओर जहां अस्पताल के कर्मियों पर सवाल उठाया है. वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन इस मामले की जांच करवाने की बात कही है. पढ़ें पूरी खबर..

जमुई सदर अस्पताल
जमुई सदर अस्पताल
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Published : Apr 28, 2022, 2:26 PM IST

जमुई: बिहार में स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) की ओर से प्रदेश के सभी सदर अस्पताल में एचआईवी मरीजों के इलाज के लिए दवाएं दी जाती है, जो अस्पतला द्वारा एचआईवी मरीजों को मुहैया कराई जाती है. वहीं कई जगहों पर दवा की कमी के कारण मरीजों को बाहर से कीमती दामों में दवा खरीदना पड़ता है. लेकिन कई जगहों पर अस्पताल में दवाएं रखे-रखे एक्सपायर हो जाती है. ऐसा ही मामला जमुई सदर अस्पताल (Jamui Sadar Hospital) से सामने आया है. जहां कूड़े के ढेर में एचआईवी में इस्तेमाल किए जाने वाली दवा मिली है. सभी दवाएं एक्सपायर हो चुकी है.

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कचड़े में मिली एचआईवी की दवा: एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दवा मुहैया कराने को लेकर सदर अस्पताल के प्रथम मंजिल पर एचआईवी के लिए चिकित्सक डॉ. शद्दाम को तैनात किया गया है. उनके द्वारा परामर्श के साथ-साथ मरिजों को दवा भी मुहैया कराई जाती है. सदर अस्पताल पहुंचने वाले एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को दवा के लिए कई बार चक्कर लगाना पड़ता है. उसके बावजूद उन लोगों को जीवन रक्षक दवा उपलब्ध नहीं कराया जाता है. जिस कारण पीड़ित निजी दवा केंद्रों से मोटी रकम खर्च कर दवा लेना पड़ता है.

वरीय चिकित्सक ने उठाया सवाल: अस्पताल में एचआईवी की एक्सपायर दवा कूड़े में मिलने के मामले पर जानकारी देते हुए अस्पताल के एक वरीय चिकित्सक डॉक्टर नागेंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में एचआईवी मरीज दवा के लिए चक्कर लगाते रहते हैं. लेकिन उन्हें दवा मुहैया नहीं कराया जाता है. वहीं कर्मियों द्वारा कीमती दवाओं को कूड़े में फेक दिया जाता है. यह बिल्कुल गलत है. वैसे कर्मियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों को विभागीय कार्रवाई करनी चाहिए.

'जानकारी मिली है कि एचआईवी की दवा कोविड़ चाइल्ड वार्ड के समीप कूड़े के पास फेंका हुआ है. हालांकि, इसकी जिम्मेवारी डॉक्टर सद्दाम को दी गई है. पूरे मामले की जांच की जा रही है.'- डॉ. रमेश प्रसाद, एसीएमओ सह प्रभारी अस्पताल उपाधीक्षक, जमुई

ये भी पढ़ें-यहां 15 लाख की आबादी पर है सिर्फ एक सदर अस्पताल, स्वास्थ्य सेवा बदहाल

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जमुई: बिहार में स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) की ओर से प्रदेश के सभी सदर अस्पताल में एचआईवी मरीजों के इलाज के लिए दवाएं दी जाती है, जो अस्पतला द्वारा एचआईवी मरीजों को मुहैया कराई जाती है. वहीं कई जगहों पर दवा की कमी के कारण मरीजों को बाहर से कीमती दामों में दवा खरीदना पड़ता है. लेकिन कई जगहों पर अस्पताल में दवाएं रखे-रखे एक्सपायर हो जाती है. ऐसा ही मामला जमुई सदर अस्पताल (Jamui Sadar Hospital) से सामने आया है. जहां कूड़े के ढेर में एचआईवी में इस्तेमाल किए जाने वाली दवा मिली है. सभी दवाएं एक्सपायर हो चुकी है.

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कचड़े में मिली एचआईवी की दवा: एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दवा मुहैया कराने को लेकर सदर अस्पताल के प्रथम मंजिल पर एचआईवी के लिए चिकित्सक डॉ. शद्दाम को तैनात किया गया है. उनके द्वारा परामर्श के साथ-साथ मरिजों को दवा भी मुहैया कराई जाती है. सदर अस्पताल पहुंचने वाले एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को दवा के लिए कई बार चक्कर लगाना पड़ता है. उसके बावजूद उन लोगों को जीवन रक्षक दवा उपलब्ध नहीं कराया जाता है. जिस कारण पीड़ित निजी दवा केंद्रों से मोटी रकम खर्च कर दवा लेना पड़ता है.

वरीय चिकित्सक ने उठाया सवाल: अस्पताल में एचआईवी की एक्सपायर दवा कूड़े में मिलने के मामले पर जानकारी देते हुए अस्पताल के एक वरीय चिकित्सक डॉक्टर नागेंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में एचआईवी मरीज दवा के लिए चक्कर लगाते रहते हैं. लेकिन उन्हें दवा मुहैया नहीं कराया जाता है. वहीं कर्मियों द्वारा कीमती दवाओं को कूड़े में फेक दिया जाता है. यह बिल्कुल गलत है. वैसे कर्मियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों को विभागीय कार्रवाई करनी चाहिए.

'जानकारी मिली है कि एचआईवी की दवा कोविड़ चाइल्ड वार्ड के समीप कूड़े के पास फेंका हुआ है. हालांकि, इसकी जिम्मेवारी डॉक्टर सद्दाम को दी गई है. पूरे मामले की जांच की जा रही है.'- डॉ. रमेश प्रसाद, एसीएमओ सह प्रभारी अस्पताल उपाधीक्षक, जमुई

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