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बिजली विभाग के बिल वसूलने का नया तरीका, एक साथ पूरे गांव की काट दी लाइट - etv news

जमुई बिजली विभाग ने बकाया बिल वसूल नहीं किए जाने पर (People Not Paid Current Bill) पूरे गांव की बिजली काट दी (Electricity department cut power of whole village) है. बिजली कटने के कारण ग्रामीण, किसान और छात्र परेशान हैं. परेशान लोग अब बिजली विभाग के खिलाफ आंदोलन का मूड बना रहे हैं.

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Published : Nov 27, 2021, 5:49 PM IST

जमुईः पिछड़े जिले में शुमार जमुई में बिजली विभाग ने करंट बिल वसूलने का नया तरीका ढूंढा है. यहां पुराने बिजली बिल नहीं भरने (People Not Paid Current Bill) पर पूरे गांव की ही बिजली काट दी (Electricity department cut power of whole village) गई. विभाग ने जिले में तीसरी बार इस नायाब तरीके का प्रयोग किया है. सदर प्रखंड के पद्मावत और इकेरिया गांव में विभाग ने 24 नवंबर को बिजली काट दी.

ये भी पढ़ें- पटना में स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिजली उपभोक्ताओं के लिए बना सिर दर्द, अचानक कट जाते हैं पैसे

बताया जाता है कि दोनों गांव के लोगों के तकरीबन 30 से 35 लाख रुपये बकाया हैं. अब बिजली कटने के बाद गांव लालटेन युग में पहुंच गया है. किसान सिंचाई और छात्र पढ़ाई को लेकर परेशान हैं. फरवरी माह से शुरु हो रहे मैट्रिक बोर्ड और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थी तैयारी को लेकर चिंतित हैं. ग्रामीणों की मानें तो विभाग द्वारा शुरू में सही तरीके से बिजली बिल भेजा जाता था. लेकिन बाद में व्यापक पैमाने पर बिजली बिल में गड़बड़ी शुरू कर दी गई.

बिल में सुधार के लिए कई बार विभाग का चक्कर लगाया. लेकिन कार्यालय काउंटर पर बैठे कर्मियों द्वारा बार-बार बिजली बिल सुधार करने और जमा कराने के नाम पर टालमटोल किया जाता रहा. लोगों ने कहा कि विभाग ने बिना किसी सूचना के 24 नवंबर को पद्मावत और इकेरिया गांव की बिजली काट दी. अब मोबाइल चार्ज करने के लिए भी दूसरे गांव में जाना पड़ रहा है. जल्द बिजली बहाल नहीं की गई तो इसके विरोध में सड़क जाम और आंदोलन किया जाएगा.


पद्मावत निवासी गरीब पासवान, जगदीश बांके पासवान, साकेन्द्र कुमार, राहुल कुमार सहित कई ग्रामीणों ने कहा कि बिजली विभाग मनमर्जी चलाता है. पहले गलत बिल भेजता है फिर इस तरह का कृत्य कर बिजली भुगतान का दबाव बनाता है. हालत यह है कि मीटर रीडिंग भी सही तरीके से नहीं ली जाती है. कई बार ट्रांसफार्मर में खराबी आने पर आपस में चंदा कर बनवाना पड़ता है. डीजल और किरोसिन काफी महंगा होने के कारण खेतों में पटवन भी नहीं कर पा रहे है. बच्चे मोमबत्ती में पढ़ाई करने को बाध्य हैं. लोगों ने कहा कि चौबीस घंटे बिजली के दावों के बीच हमारा गांव फिर से लालटेन युग में आ गया है.

सूत्रों की माने तो बिजली विभाग द्वारा बिजली बिल बकाया होने के कारण निकट भविष्य में सदर प्रखंड के ढूंढो, कुन्दरी, सनकुरहा,चौडीहा और सिकंदरा प्रखंड के पाठकचक तथा धन्वे गांव की भी बिजली काटी जा सकती है. बिजली विभाग द्वारा पहले भी सोनो प्रखंड के कोनिया, खरीक, बेहरवतरी, दहियारी और तेलियाडीह तथा चकाई प्रखंड के कोकहरा, ठाकुरशेर, भीतिया और नौकादह गांव की बिजली बिल बकाया होने के कारण काटी जा चुकी है. कुछ दिनों पूर्व सोनो प्रखंड के कंचनपुर गांव और ढोकली की बिजली काटी गई थी. ग्रामीणों द्वारा कुछ राशि जमा कराने के बाद बिजली आपूर्ति चालू कर दी गई.


इसे भी पढ़ें- बिहार में अगले साल से सौर ऊर्जा से होगा बिजली का उत्पादन, परियोजना की रणनीति तैयार

बिजली विभाग के आंकड़ों के अनुसार पूरे जिले में खोल 2 लाख 37 घरेलू उपभोक्ता है. इसके अलावा 1000 से अधिक औद्योगिक संस्थान के उपभोक्ता है. साथ ही 12,000 से अधिक व्यावसायिक उपभोक्ता है. हर महिने उपभोक्ताओं के द्वारा 12 करोड़ की बिजली का उपभोग किया जाता है. जिसके एवज में मात्र 5 से 6 करोड़ की वसूली होती है. अभी वर्तमान समय में जिले के विद्युत उपभोक्ताओं पर विभाग का लगभग एक अरब 12 करोड़ से अधिक बिजली बिल बकाया है.

सहायक अभियंता दिलीप कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा बिजली बिल भुगतान को लेकर माइकिंग द्वारा जागरूक किया जा रहा है. घर-घर जाकर लोगों से भी संपर्क किया जा रहा है. जिस गांव की बिजली काटी गई है अगर उसके उपभोक्ताओं ने किस्तवार बिल भुगतान करना शुरू कर दिया तो विभाग द्वारा विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी.

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जमुईः पिछड़े जिले में शुमार जमुई में बिजली विभाग ने करंट बिल वसूलने का नया तरीका ढूंढा है. यहां पुराने बिजली बिल नहीं भरने (People Not Paid Current Bill) पर पूरे गांव की ही बिजली काट दी (Electricity department cut power of whole village) गई. विभाग ने जिले में तीसरी बार इस नायाब तरीके का प्रयोग किया है. सदर प्रखंड के पद्मावत और इकेरिया गांव में विभाग ने 24 नवंबर को बिजली काट दी.

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बताया जाता है कि दोनों गांव के लोगों के तकरीबन 30 से 35 लाख रुपये बकाया हैं. अब बिजली कटने के बाद गांव लालटेन युग में पहुंच गया है. किसान सिंचाई और छात्र पढ़ाई को लेकर परेशान हैं. फरवरी माह से शुरु हो रहे मैट्रिक बोर्ड और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थी तैयारी को लेकर चिंतित हैं. ग्रामीणों की मानें तो विभाग द्वारा शुरू में सही तरीके से बिजली बिल भेजा जाता था. लेकिन बाद में व्यापक पैमाने पर बिजली बिल में गड़बड़ी शुरू कर दी गई.

बिल में सुधार के लिए कई बार विभाग का चक्कर लगाया. लेकिन कार्यालय काउंटर पर बैठे कर्मियों द्वारा बार-बार बिजली बिल सुधार करने और जमा कराने के नाम पर टालमटोल किया जाता रहा. लोगों ने कहा कि विभाग ने बिना किसी सूचना के 24 नवंबर को पद्मावत और इकेरिया गांव की बिजली काट दी. अब मोबाइल चार्ज करने के लिए भी दूसरे गांव में जाना पड़ रहा है. जल्द बिजली बहाल नहीं की गई तो इसके विरोध में सड़क जाम और आंदोलन किया जाएगा.


पद्मावत निवासी गरीब पासवान, जगदीश बांके पासवान, साकेन्द्र कुमार, राहुल कुमार सहित कई ग्रामीणों ने कहा कि बिजली विभाग मनमर्जी चलाता है. पहले गलत बिल भेजता है फिर इस तरह का कृत्य कर बिजली भुगतान का दबाव बनाता है. हालत यह है कि मीटर रीडिंग भी सही तरीके से नहीं ली जाती है. कई बार ट्रांसफार्मर में खराबी आने पर आपस में चंदा कर बनवाना पड़ता है. डीजल और किरोसिन काफी महंगा होने के कारण खेतों में पटवन भी नहीं कर पा रहे है. बच्चे मोमबत्ती में पढ़ाई करने को बाध्य हैं. लोगों ने कहा कि चौबीस घंटे बिजली के दावों के बीच हमारा गांव फिर से लालटेन युग में आ गया है.

सूत्रों की माने तो बिजली विभाग द्वारा बिजली बिल बकाया होने के कारण निकट भविष्य में सदर प्रखंड के ढूंढो, कुन्दरी, सनकुरहा,चौडीहा और सिकंदरा प्रखंड के पाठकचक तथा धन्वे गांव की भी बिजली काटी जा सकती है. बिजली विभाग द्वारा पहले भी सोनो प्रखंड के कोनिया, खरीक, बेहरवतरी, दहियारी और तेलियाडीह तथा चकाई प्रखंड के कोकहरा, ठाकुरशेर, भीतिया और नौकादह गांव की बिजली बिल बकाया होने के कारण काटी जा चुकी है. कुछ दिनों पूर्व सोनो प्रखंड के कंचनपुर गांव और ढोकली की बिजली काटी गई थी. ग्रामीणों द्वारा कुछ राशि जमा कराने के बाद बिजली आपूर्ति चालू कर दी गई.


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बिजली विभाग के आंकड़ों के अनुसार पूरे जिले में खोल 2 लाख 37 घरेलू उपभोक्ता है. इसके अलावा 1000 से अधिक औद्योगिक संस्थान के उपभोक्ता है. साथ ही 12,000 से अधिक व्यावसायिक उपभोक्ता है. हर महिने उपभोक्ताओं के द्वारा 12 करोड़ की बिजली का उपभोग किया जाता है. जिसके एवज में मात्र 5 से 6 करोड़ की वसूली होती है. अभी वर्तमान समय में जिले के विद्युत उपभोक्ताओं पर विभाग का लगभग एक अरब 12 करोड़ से अधिक बिजली बिल बकाया है.

सहायक अभियंता दिलीप कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा बिजली बिल भुगतान को लेकर माइकिंग द्वारा जागरूक किया जा रहा है. घर-घर जाकर लोगों से भी संपर्क किया जा रहा है. जिस गांव की बिजली काटी गई है अगर उसके उपभोक्ताओं ने किस्तवार बिल भुगतान करना शुरू कर दिया तो विभाग द्वारा विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी.

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