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कोरोना वायरस ने झाझा रेलवे स्टेशन के विकास पर लगाया ब्रेक, स्टेशन पर पसरा सन्नाटा - lockdown

झाझा रेलवे स्टेशन स्थित टिकट काउंटर पर भी सन्नाटा पसरा दिखा और प्लेटफॉर्म पर वीरानगी छाई नजर आई. यात्रियों की आवाजाही थम जाने के कारण रेलवे परिसर में हॉकर के साथ कुली भी नदारद दिखे. यात्री गाड़ियों का परिचालन बंद हो जाने से इनके सामने भुखमरी की नौबत आ खड़ी हुई है.

jhajha railway station
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Published : Apr 12, 2020, 5:45 PM IST

जमुई: कोरोना वायरस के तहत जारी लॉक डाउन की वजह से दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर स्थित झाझा रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा है. पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर रेल मंडल अंतर्गत आने वाला झाझा स्टेशन की स्थापना 1871 में हुई थी. लॉक डाउन के कारण पिछले कई दिनों से यहां चार प्लेटफॉर्म के अलावा दूसरे रेलवे ट्रैक पर भी कई यात्री और गुड्स ट्रेनें खड़ी नजर आ रही है.

हॉकर-कुली के सामने भुखमरी की नौबत
झाझा रेलवे स्टेशन स्थित टिकट काउंटर पर भी सन्नाटा पसरा दिखा और प्लेटफॉर्म पर वीरानगी छाई नजर आई. यात्रियों की आवाजाही थम जाने के कारण रेलवे परिसर में हॉकर के साथ कुली भी नदारद दिखे. यात्री गाड़ियों का परिचालन बंद हो जाने से इनके सामने भुखमरी की नौबत आ खड़ी हुई है.

jhajha railway station
झाझा रेलवे स्टेशन पर खड़ी गाड़ियां

झाझा रेल नगरी के विकास पर लगा ब्रेक
कोरोना वायरस ने झाझा रेल नगरी के विकास पर हार्ड ब्रेक लगा दिया है. अंग्रेजी हुकूमत ने 1871 में ही इस स्टेशन की स्थापना की थी. भाप वाले इंजन के परिचालन के समय रेल के नक्शे पर झाझा लोको शेड के रूप में अंकित था. गुजरते वक्त में डीजल इंजन के परिचालन ने इस रेल नगरी की भाग दौड़ को नियंत्रित कर दिया. हालांकि यहां ट्रेनों के ठहराव में इजाफा हुआ है बावजूद इसके कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉक डाउन ने इसकी चमक को और धुंधला कर दिया है.

जमुई: कोरोना वायरस के तहत जारी लॉक डाउन की वजह से दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर स्थित झाझा रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा है. पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर रेल मंडल अंतर्गत आने वाला झाझा स्टेशन की स्थापना 1871 में हुई थी. लॉक डाउन के कारण पिछले कई दिनों से यहां चार प्लेटफॉर्म के अलावा दूसरे रेलवे ट्रैक पर भी कई यात्री और गुड्स ट्रेनें खड़ी नजर आ रही है.

हॉकर-कुली के सामने भुखमरी की नौबत
झाझा रेलवे स्टेशन स्थित टिकट काउंटर पर भी सन्नाटा पसरा दिखा और प्लेटफॉर्म पर वीरानगी छाई नजर आई. यात्रियों की आवाजाही थम जाने के कारण रेलवे परिसर में हॉकर के साथ कुली भी नदारद दिखे. यात्री गाड़ियों का परिचालन बंद हो जाने से इनके सामने भुखमरी की नौबत आ खड़ी हुई है.

jhajha railway station
झाझा रेलवे स्टेशन पर खड़ी गाड़ियां

झाझा रेल नगरी के विकास पर लगा ब्रेक
कोरोना वायरस ने झाझा रेल नगरी के विकास पर हार्ड ब्रेक लगा दिया है. अंग्रेजी हुकूमत ने 1871 में ही इस स्टेशन की स्थापना की थी. भाप वाले इंजन के परिचालन के समय रेल के नक्शे पर झाझा लोको शेड के रूप में अंकित था. गुजरते वक्त में डीजल इंजन के परिचालन ने इस रेल नगरी की भाग दौड़ को नियंत्रित कर दिया. हालांकि यहां ट्रेनों के ठहराव में इजाफा हुआ है बावजूद इसके कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉक डाउन ने इसकी चमक को और धुंधला कर दिया है.

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