जमुई: सदर अस्पताल सहित तीन स्थलों पर कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर ड्राई रन किया गया है. इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक मॉक ड्रिल किया. इसमें आशा कार्यकर्ताओं के रजिस्ट्रेशन के बाद किस तरीके से वैक्सीनेशन होना है, इसे लेकर एक अभ्यास किया गया. इस कार्यक्रम में कई स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा आशा कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया.
जमुई: कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर किया गया मॉक ड्रिल - कोरोना वैक्सीनेसन को लेकर ड्राई रन
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में ड्राई रन चलाया जा रहा है. इस ड्राई रन में वैक्सीन देने की प्रक्रिया को बताया गया.
वैक्सीनेसन के लिए ड्राई रन
जमुई: सदर अस्पताल सहित तीन स्थलों पर कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर ड्राई रन किया गया है. इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक मॉक ड्रिल किया. इसमें आशा कार्यकर्ताओं के रजिस्ट्रेशन के बाद किस तरीके से वैक्सीनेशन होना है, इसे लेकर एक अभ्यास किया गया. इस कार्यक्रम में कई स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा आशा कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया.
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सबसे पहले जिन मरीजों रजिस्ट्रेशन होता है उन्हें वेटिंग रूम में बैठाया जाता है. जहां उनकी आईडी कार्ड को वहां तैनात कर्मी के माध्यम से जांच की जाती है. इसके बाद उन्हें दूसरे रूम या रजिस्ट्रेशन कक्ष भेजा जाता है. जहां उनके रजिस्ट्रेशन की मिलान की जाती है तब जाकर उन्हें वैक्सीनेशन कक्ष भेजा जाता है. जहां तीसरे पदाधिकारी के माध्यम से उक्त मरीजों को वैक्सीनेसन दिया जाता है.30 मिनट तक अवलोकन कक्ष में कराया जाता है विश्राम
वैक्सीनेशन के बाद मरीजों को अवलोकन कक्ष में 30 मिनट तक विश्राम कराया जाता है. जिससे वैक्सीनेशन के 30 मिनट के अंतराल में मरीजों के शरीर में किसी प्रकार की कोई परेशानी या समस्या उत्पन्न होने पर इलाज कराया जा सके. अमूमन सिंपल वैक्सीनेशन में भी कई लोगों को सूजन अथवा दर्द की शिकायत होती है. यही कारण है कि वैक्सीनेशन को लेकर ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी को शामिल किया जा रहा है. जिससे आने वाले दिनों में यदि वैक्सीनेशन होता है तो उन्हें वैक्सीनेसन देने में कोई समस्या न हो.वैक्सीनेशन को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है. यही एक कारण है कि लोगों को ड्राई रन में ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया जा रहा है. जिससे वैक्सीनेसन के दौरान उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो. वैक्सीनेसन रखने को लेकर सदर अस्पताल के एसएमओ कार्यालय में आईएलएआर बनाया गया. जिसमें वैक्सीनेसन को हाई टेम्परेचर में रखा जाएगा. -डॉ. विजयेद्र सत्यार्थी, सिविल सर्जन
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सबसे पहले जिन मरीजों रजिस्ट्रेशन होता है उन्हें वेटिंग रूम में बैठाया जाता है. जहां उनकी आईडी कार्ड को वहां तैनात कर्मी के माध्यम से जांच की जाती है. इसके बाद उन्हें दूसरे रूम या रजिस्ट्रेशन कक्ष भेजा जाता है. जहां उनके रजिस्ट्रेशन की मिलान की जाती है तब जाकर उन्हें वैक्सीनेशन कक्ष भेजा जाता है. जहां तीसरे पदाधिकारी के माध्यम से उक्त मरीजों को वैक्सीनेसन दिया जाता है.30 मिनट तक अवलोकन कक्ष में कराया जाता है विश्राम
वैक्सीनेशन के बाद मरीजों को अवलोकन कक्ष में 30 मिनट तक विश्राम कराया जाता है. जिससे वैक्सीनेशन के 30 मिनट के अंतराल में मरीजों के शरीर में किसी प्रकार की कोई परेशानी या समस्या उत्पन्न होने पर इलाज कराया जा सके. अमूमन सिंपल वैक्सीनेशन में भी कई लोगों को सूजन अथवा दर्द की शिकायत होती है. यही कारण है कि वैक्सीनेशन को लेकर ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी को शामिल किया जा रहा है. जिससे आने वाले दिनों में यदि वैक्सीनेशन होता है तो उन्हें वैक्सीनेसन देने में कोई समस्या न हो.वैक्सीनेशन को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है. यही एक कारण है कि लोगों को ड्राई रन में ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया जा रहा है. जिससे वैक्सीनेसन के दौरान उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो. वैक्सीनेसन रखने को लेकर सदर अस्पताल के एसएमओ कार्यालय में आईएलएआर बनाया गया. जिसमें वैक्सीनेसन को हाई टेम्परेचर में रखा जाएगा. -डॉ. विजयेद्र सत्यार्थी, सिविल सर्जन