जमुई: सदर अस्पताल में शनिवार की दोपहर गर्भवती महिला मरीज को निजी क्लीनिक ले जाने को लेकर तीन आशा कार्यकर्ता आपस में मारपीट करने लगीं. मारपीट की इस घटना में तीनों बुरी तरह से घायल हो गईं. तीनों एक दूसरे पर थप्पड़ चलाने लगीं और झोटा झोटी करने लगी. मौके पर मौजूद सुरक्षा गार्ड और मरीज के परिजनों की मदद से तीनों आशा को किसी तरह से अलग किया जा सका.
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मरीज को निजी क्लिनिक ले जाने के विवाद में भिड़ीं आशा कार्यकर्ता: वहीं तीनों के बीच मारपीट करने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है. बताया जाता है कि शनिवार की दोपहर टाउन थाना क्षेत्र के भगवना गांव से एक गर्भवती महिला प्रसव के लिए सदर अस्पताल पहुंची थी. सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर पहले से आशा कार्यकर्ता गुड़िया बतीना खातून मौजूद थी.
मारपीट का वीडियो हुआ वायरल: आशा कार्यकर्ता गुड़िया ने गर्भवती महिला को अस्पताल परिसर से घुमा दिया और उसे शहर के एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराने के लिए ले जा रही थी, लेकिन वहां मौजूद खैरा प्रखंड के आमारी की आशा मनोरमा देवी उसे दूसरे चिकित्सक के निजी क्लीनिक ले जाना चाहती थी. इसी बात को लेकर तीनों आशा आपस में मारपीट करने लगीं.
"मारपीट हुआ है. मुझे मारा गया है. मेरे गले की चेन भी ले गई. ये लोग सदर अस्पताल से मरीज को निजी क्लिनिक ले जाते हैं. अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. डॉक्टर मरीज को ऊपर जाने बोली लेकिन आशा अपने साथ लेकर चली गई."- मनोरमा देवी, आशा कार्यकर्ता
सिविल सर्जन ने दिए जांच के आदेश: वहीं अचानक आशा कार्यकताओं के बीच हुए मारपीट की घटना के बाद सदर अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहोल देखने को मिला. घटना की जानकारी के बाद सिविल सर्जन डॉ. कुमार महेंन्द्र प्रताप ने बताया कि उन्हें पूरी घटना की जानकारी मिली. पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया गया है, कार्रवाई की जाएगी.
"इसका वीडियो है तो अस्पताल के मैनेजर को दे दें. हम तुरंत इसपर कार्रवाई करेंगे."- कुमार महेंन्द्र प्रताप, सीएस जमुई
निजी क्लिनिक ले जाने पर मिलता है कमीशन: बता दें कि जो भी गरीब लोग सदर अस्पताल इलाज के लिए आते हैं उन्हें किसी तरह से निजी क्लिनिक ले जाने का धंधा जोरों पर चलता है. जमुई में आशा कार्यकर्ता मरीज को निजी क्लिनिक ले जाती हैं और फिर प्राइवेट क्लिनिक से उन्हें कमीशन मिलता है. आशा कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट के बाद इस पूरे मामले का उद्भेदन हुआ है.