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सिर्फ हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं CM, बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल रही मदद

लोजपा अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने एक बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं लेकिन पीड़ितों को राहत नहीं मिल रही है. पढ़ें पूरी खबर.

चिराग
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Published : Aug 20, 2021, 5:50 PM IST

जमुई: अमृत महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने जमुई पहुंचे सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ (Flood in Bihar) आती है. मुख्यमंत्री को भी जानकारी है लेकिन बिहार सरकार ने अपनी आंखों और कानों को मूंद लिया है. सिर्फ बाढ़ प्रभावित इलाकों में हवाई सर्वेक्षण करते हैं और कहते हैं कि सब कुछ ठीक है.

ये भी पढ़ें: चिराग के 'घर' में घुसकर बोले RCP सिंह- 'जो बुझ गया, उसे क्या घेरना'

बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिल पा रही है. साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री ऐसी जगह पर निरीक्षण कर रहे हैं जहां उनके सरकारी कर्मचारी तथा कार्यकर्ता बैलून लगाकर कैंटीन खोले हुए हैं. मुख्यमंत्री जी ऐसी जगहों पर भी जाइए जहां बाढ़ पीड़ित छाती तक पानी में डूब कर रहने को मजबूर हैं. चिराग पासवान ने आरोप लगाया कि बीते 15 सालों के नीतीश सरकार में बिहार की हालत बदतर हो चुकी है. बाढ़ बरसात के समय में लोग अपने घरों में नहीं रह सकते. अपने खाने की व्यवस्था भी नहीं कर सकते.

देखें वीडियो

राज्य सरकार पर हमलावर होते हुए चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में केंद्र एवं राज्य सरकार की डबल इंजन वाली सरकार है. उसके बावजूद बाढ़ पीड़ितों को मदद नहीं मिल पा रही है. जिससे पूरे बिहार में हालात भयावह हो चुकी है. लोगों के बीच खाने को अनाज एवं पहनने के कपड़े तक नहीं हैं. लेकिन इस सरकार को इन सभी चीजों से कोई लेना-देना ही नहीं है.

ये भी पढ़ें: Patna News: 27 अगस्त से आशीर्वाद यात्रा के आठवें चरण की शुरुआत करेंगे चिराग

इतना ही नहीं, चिराग पासवान ने कहा कि अपनी यात्रा के समय भी नदियों को जोड़ने को लेकर लगातार मांग की थी. नदियों को ऐसे जगहों से जोड़ा जाना चाहिए जहां सुखाड़ की समस्या होती हो. ताकि बाढ़ पीड़ितों को ही राहत नहीं बल्कि सुखाड़ वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कृषि के लिए पानी मुहैया हो सके.

चिराग ने कहा कि चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने 19 लाख युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी. लेकिन नौकरी तो दूर की बात 4.50 लाख रिक्त पदों को अब तक भरा नहीं गया है. जिससे मुख्यमंत्री का उदासीन रवैया बताता है कि वह बेरोजगार युवकों को राज्य से बाहर भेजना चाहते हैं. जिससे बेरोजगार बिहार में रहेंगे ही नहीं तो वे अपने हक के लिए कैसे लड़ेंगे.

ये भी पढ़ें: Bihar Flood: नेता जी से बाढ़ भी डरती है, न लाइफ जैकेट न सुरक्षा मानक

इस दौरान खास बातचीत में चिराग पासवान ने बताया कि जिस तरह से एनडीए घटक दल के सहयोगी रहे जदयू के नेताओं द्वारा लगातार चाहे वह पेगासस का मुद्दा हो, चाहे जनसंख्या नियंत्रण या जातिगत जनगणना, सभी मुद्दों पर जदयू (JDU) द्वारा सवाल उठाया गया है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के रहते हुए भी जदयू के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल कहते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि एनडीए गठबंधन में जदयू शामिल है या नहीं.

जमुई: अमृत महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने जमुई पहुंचे सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ (Flood in Bihar) आती है. मुख्यमंत्री को भी जानकारी है लेकिन बिहार सरकार ने अपनी आंखों और कानों को मूंद लिया है. सिर्फ बाढ़ प्रभावित इलाकों में हवाई सर्वेक्षण करते हैं और कहते हैं कि सब कुछ ठीक है.

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बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिल पा रही है. साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री ऐसी जगह पर निरीक्षण कर रहे हैं जहां उनके सरकारी कर्मचारी तथा कार्यकर्ता बैलून लगाकर कैंटीन खोले हुए हैं. मुख्यमंत्री जी ऐसी जगहों पर भी जाइए जहां बाढ़ पीड़ित छाती तक पानी में डूब कर रहने को मजबूर हैं. चिराग पासवान ने आरोप लगाया कि बीते 15 सालों के नीतीश सरकार में बिहार की हालत बदतर हो चुकी है. बाढ़ बरसात के समय में लोग अपने घरों में नहीं रह सकते. अपने खाने की व्यवस्था भी नहीं कर सकते.

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राज्य सरकार पर हमलावर होते हुए चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में केंद्र एवं राज्य सरकार की डबल इंजन वाली सरकार है. उसके बावजूद बाढ़ पीड़ितों को मदद नहीं मिल पा रही है. जिससे पूरे बिहार में हालात भयावह हो चुकी है. लोगों के बीच खाने को अनाज एवं पहनने के कपड़े तक नहीं हैं. लेकिन इस सरकार को इन सभी चीजों से कोई लेना-देना ही नहीं है.

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इतना ही नहीं, चिराग पासवान ने कहा कि अपनी यात्रा के समय भी नदियों को जोड़ने को लेकर लगातार मांग की थी. नदियों को ऐसे जगहों से जोड़ा जाना चाहिए जहां सुखाड़ की समस्या होती हो. ताकि बाढ़ पीड़ितों को ही राहत नहीं बल्कि सुखाड़ वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कृषि के लिए पानी मुहैया हो सके.

चिराग ने कहा कि चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने 19 लाख युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी. लेकिन नौकरी तो दूर की बात 4.50 लाख रिक्त पदों को अब तक भरा नहीं गया है. जिससे मुख्यमंत्री का उदासीन रवैया बताता है कि वह बेरोजगार युवकों को राज्य से बाहर भेजना चाहते हैं. जिससे बेरोजगार बिहार में रहेंगे ही नहीं तो वे अपने हक के लिए कैसे लड़ेंगे.

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इस दौरान खास बातचीत में चिराग पासवान ने बताया कि जिस तरह से एनडीए घटक दल के सहयोगी रहे जदयू के नेताओं द्वारा लगातार चाहे वह पेगासस का मुद्दा हो, चाहे जनसंख्या नियंत्रण या जातिगत जनगणना, सभी मुद्दों पर जदयू (JDU) द्वारा सवाल उठाया गया है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के रहते हुए भी जदयू के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल कहते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि एनडीए गठबंधन में जदयू शामिल है या नहीं.

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